देश कोरोना महामारी के बुरे दौर से जैसे-जैसे गुजर रहा है, निवेशकों ने रियल एस्टेट बाजार (real estate market) में फिर से कदम रखना शुरू कर दिया है. रियल एस्टेट मार्केट निवेशकों की पहली पसंद है और इसलिए इसने एक बार फिर निवेशकों की भूख को और बढ़ा दिया है. रियल एस्टेट (Real estate) निवेशकों के लिए भारत में मुंबई सबसे आकर्षक शहर बना हुआ है.
प्रॉपर्टी सलाहकार जेएलएल इंडिया (JLL India) और सेविल्स इंडिया के अनुसार, इस क्षेत्र में सितंबर तिमाही में संस्थागत निवेश में 17 फीसदी और निजी इक्विटी निवेश में सालाना आधार पर 24 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि मुंबई सबसे बड़े निवेश शहर की सूची में शीर्ष पर है.
इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, निवेशकों ने डेटा केंद्रों और आवासीय क्षेत्रों के लिए मुंबई में प्राथमिकता दिखाई है. कैपिटल मार्केट जेएलएल की प्रबंध निदेशक और प्रमुख लता पिल्लई ने कहा, एक विश्लेषण से पता चलता है कि तिमाही के दौरान आवासीय क्षेत्र में कुल 29% का निवेश हुआ है, और डेटा सेंटर (DC) में 22% किया गया है.
आवासीय और वाणिज्यिक की मिश्रित परियोजनाओं में कुल निवेश का 19% हिस्सा था, हालांकि, सितंबर तिमाही के दौरान पंजीकृत कुल निवेश और निजी इक्विटी दोनों में कमी देखी गई है. कोरोना महामारी के कारण यात्रा प्रतिबंध इसके लिए जिम्मेदार हैं.
कैपिटल मार्केट्स, सेविल्स इंडिया के प्रबंध निदेशक दिवाकर राणा ने कहा, जैसे-जैसे देश में टीकाकरण ने गति पकड़ी वैसे ही व्यावसायिक सेक्टर ने भी गति पकड़ी है. वहीं महामारी के बावजूद, 2021 ने रियल एस्टेट सेगमेंट में कुछ पुराने प्रमुख सौदों को जारी रखा है.
दिलचस्प बात यह है कि लिस्टेड रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REIT) ने कम ब्याज दर जारी रखी. REIT के अरविंद मैया ने कहा, हमने कम ब्याज दरों का महत्वपूर्ण फायदा उठाया है.
मामले से जुड़े जानकारों का मानना है कि रियल एस्टेट बाजार निवेशकों की पहली पसंद के पीछे का कारण यह भी माना जा सकता है कि बड़े शहरों में ज्यादातर परिवार किराए के मकान में रहते हैं. उनका सपना होता है कि वह एक मकान के मालिक बने. पिछले दो साल में कोरोना ने परिवारों को किराए के मकान से निकलने नहीं दिया और इसी के चलते लोगों का खुद के मकान लेने का सपना पूरा नहीं हो पाया. लेकिन अब एक बार फिर जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है तो रियल एस्टेट बाजार में रौनक पहले से अधिक बढ़ गई है.