जानिए PPF के ये शानदार फायदे और उसकी सीमाएं

PPF: PPF में 15 साल का डिफॉल्ट लॉक-इन पीरियड होता है. कुछ इमरजेंसी सिचुएशन को छोड़कर 15 साल से पहले पैसा नहीं निकाला जा सकता है.

  • Team Money9
  • Updated Date - October 27, 2021, 12:25 IST
PPF: Remember this special date of every month, if you miss, there is a loss

PPF में सालाना 1.5 लाख रुपये तक का निवेश इनकम टैक्स डिडक्शन के दायरे में आता है, जबकि इस पर कमाया इंटरेस्ट और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री है.

PPF में सालाना 1.5 लाख रुपये तक का निवेश इनकम टैक्स डिडक्शन के दायरे में आता है, जबकि इस पर कमाया इंटरेस्ट और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री है.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) लंबी अवधि के सबसे अच्छे सेविंग इंस्ट्रूमेंट में से एक है. आम लोगों का एक बड़ा हिस्सा
अपनी मेहनत की कमाई PPF में डालता है. लेकिन क्या आप इस पॉपुलर इंस्ट्रूमेंट की लिमिटेशन जानते हैं? पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट है जो ‘EEE’ कैटेगरी में आता है. इसका मतलब है कि इन्वेस्ट किए गए अमाउंट, इंटरेस्ट इनकम और मैच्योरिटी अमाउंट को इनकम टैक्स से छूट दी गई है. वर्तमान में यह 7.1% का सालाना रिटर्न प्रदान करता है और इस इंटरेस्ट रेट को क्वाटरली रिवाइज किया जाता है. PPF का एक और आकर्षक फीचर यह है कि यह IT एक्ट के सेक्शन 80C के तहत आता है, जिसमें हर साल 1.5 लाख रुपये की डिडक्शन लिमिट (कटौती सीमा) होती है.

PPF की सीमाएं

कम इंटरेस्ट रेट

वर्तमान में PPF 7.1% सालाना रिटर्न देता है और यह हर तीन महीने में रिवाइज होता है. इन्वेस्टोग्राफी की फाउंडर
श्वेता जैन ने मनी 9 को बताया, “यदि आप इंटरेस्ट रेट के मूवमेंट को देखते हैं, तो आप देख सकते हैं कि कुछ सालों
में ये लगभग 9% से घटकर 7.1% हो गया है.

अप्रैल 2012 और मार्च 2017 के बीच, इंटरेस्ट रेट 8% और 8.8% के बीच झूल रहा था. 2019 (जनवरी-जून) में फिर से इंटरेस्ट रेट 8% था, लेकिन इसके बाद यह काफी कम होकर 7.1% हो गया और शायद निकट भविष्य में इसमें और गिरावट आएगी.”

कोलकाता के एक पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट नीलोत्पल बनर्जी ने कहा कि अगर आप किसी डेट म्यूचुअल फंड में निवेश
करते हैं तो यह PPF से ज्यादा रिटर्न दे सकता है.

अगर आप डेट फंड में 15 साल के लंबे समय के लिए निवेश करते हैं, तो यह आपको कम से कम 8% का रिटर्न देगा.

फिक्स्ड रिटर्न

PPF आपको फिक्स रिटर्न देता है, वर्तमान में ये 7.1% है. यदि महंगाई की दर 6% को पार कर जाती है, तो यह
इसके रिटर्न को बहुत कम कर देगा.

दूसरी ओर, मार्केट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट ऑप्शन किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं. हालांकि, हाई रिटर्न के
साथ हाई रिस्क भी जुड़ा होता है.

लंबा लॉक-इन पीरियड

PPF में 15 साल का डिफॉल्ट लॉक-इन पीरियड होता है. कुछ इमरजेंसी सिचुएशन को छोड़कर 15 साल से पहले पैसा
नहीं निकाला जा सकता है.

वहीं अगर आप अपना पैसा म्यूचुअल फंड में लगाते हैं तो इसे टेन्योर के दौरान कभी भी निकाला जा सकता है.
लिक्विडिटी का यह अभाव PPF के निगेटिव फैक्टर में से एक है.

इन्वेस्टमेंट लिमिट

PPF अकाउंट में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं. अगर कोई इससे ज्यादा रकम डालता है तो उस पर
टैक्स लगता है. बनर्जी ने कहा, “MF या FD में ऐसी कोई लिमिट नहीं है. आप जितना चाहें उतना पैसा लगा सकते हैं.”

केवल एक अकाउंट

एक व्यक्ति के पास केवल एक ही PPF अकाउंट हो सकता है. जैन ने कहा, “एक व्यक्ति के लिए एक से ज्यादा PPF
अकाउंट रखने की परमिशन नहीं है.”

उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास गलती से एक से ज्यादा अकाउंट हैं, तो एक अकाउंट को बंद करना पड़ेगा.

PPF के फायदे

PPF में सालाना 1.5 लाख रुपये तक का निवेश इनकम टैक्स डिडक्शन के दायरे में आता है, जबकि इस पर कमाया
इंटरेस्ट और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स फ्री है.

अगर आप PPF से पूरी तरह या आंशिक रूप से पैसा निकालते हैं, तो दोनों पूरी तरह से टैक्स-फ्री हैं.

PPF किसी व्यक्ति को फिक्स्ड और सुरक्षित रिटर्न देता है चाहें मार्केट की स्थिति कैसी भी रहे.

PPF किसी व्यक्ति को लॉन्ग टर्म बेनिफिट देता है.15 साल के बाद PPF अकाउंट को पांच साल के ब्लॉक में
अनिश्चित काल के लिए बढ़ाया जा सकता है.

PPF 500 रुपये से शुरू किया जा सकता है, और इसकी अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये निर्धारित की गई है.

Published - October 27, 2021, 12:25 IST