Post Office Scheme: पोस्ट ऑफिस स्कीम भारत सरकार द्वारा चलाई जाती है, जो सबसे ज्यादा सुरक्षित निवेश माना जाता है. कई लोगों फिक्स्ड और गारंटीड कमाई के लिए इन स्कीमों में निवेश करना पसंद करते हैं. कई Post Office Scheme ऐसी होती हैं, जिनसे इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स में छूट हासिल की जाती सकती है. इन स्कीम पर मिलने वाली ब्याज दर का निर्धारण सरकार वित्त वर्ष की हर तिमाही की शुरुआत पर करती है. आइए नजर डालते हैं उन सबसे अच्छी Post Office Scheme पर जो आपको टैक्स में छूट में मदद करेगी.
रिकरिंग डिपॉजिट स्कीम के तहत पोस्ट ऑफिस निवेशकों को निवेश का एक ऐसा विकल्प देते हैं, जिसमें वो हर महीने पांच सालों तक भुगतान करता है. इस स्कीम में निवेश करने पर निवेशकों को सालाना 5.8 फीसदी का चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है.
इसके अलावा, निवेशक इनकम टैक्स एक्ट 80 सी के तहत इसको दिखाकर इनकम टैक्स में छूट हासिल कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत होने वाली कमाई पर किसी तरह का कोई टीडीएस नहीं लगता है.
ये आपकी कमाई में शामिल होगा और टैक्स आपकी स्लैब के हिसाब से लगेगा.
अन्य बैंकों की तरह, पोस्ट ऑफिस आम लोगों को सेविंग अकाउंट की सुविधा देता है. इस अकाउंट को 500 रुपए में खोला जा सकता है. पोस्ट ऑफिस सेविंग बैंक में खाताधारक को 4 फीसदी की ब्याज मिलती है.
इनकम टैक्स एक्ट 80TTA के तहत, बचत खातों से 10,000 रुपए तक की कमाई, कुल सकल आय से कर कटौती योग्य है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए 80TTA के तहत कोई कटौती की अनुमति नहीं है.
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट के तहत किए जाने वाले निवेश से इनकम टैक्स एक्ट के तहत 80सी में आयकर छूट मिलती है. इस स्कीम में मैच्योरिटी पर सालाना 6.8 फीसदी चक्रवृद्धि कंपाउंड ब्याज मिलता है.
इस स्कीम के तहत न्यूनतम 1000 रुपए की राशि में अकाउंट खुल जाता है. इस स्कीम की अवधि पांच साल होती है.
बेटियों के भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने साल 2015 में इस सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत 10 साल से कम आयु की बेटी के नाम पर अभिभावक द्वारा डाकघरों में खोला जा सकता है.
अभिवावकों के सभी दस्तावेजों के साथ, बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र भी सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खोलने के लिए जरूरी होता है.
कम से कम 250 रुपये सालाना और खाता खोलते समय जमा कराने पड़ते हैं. एक साल में इस स्कीम के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक निवेश किए जा सकते हैं.
सुकन्या स्कीम की अवधि 21 साल होती है या 18 साल की उम्र में लड़की की शादी होने पर. 15वें और 21वें साल पर किसी तरह का कोई डिपॉजिट नहीं करना पड़ता है. इसमें स्कीम मैच्योर होने पर आपको ब्याज सहित मूलधन मिल जाता है.
पीपीएफ को निवेश के लिए सबसे सुरक्षित उपाय माना जाता है. ये सरकार द्वारा चलाई गई स्कीम है, जिसमें निवेश करने पर 80सी सेक्शन के तहत टैक्स में छूट मिलती है. ये सैलरी और गैर सैलरी वाले पेशेवर भी खोल सकते हैं.
ये एक लंबी अवधि का इनवेस्टमेंट है. लिक्विडिटी के मामले में, पीपीएफ का लॉक-इन पीरियड 15 साल होता है. लेकिन धनराशि का कुछ हिस्सा 7वें साल में भी निकाला जा सकता है. पीपीएफ के कार्यकाल को 5 साल तक और बढ़ाया जा सकता है.
इस स्कीम पर मिलने वाली वर्तमान ब्याज दर 7.1 फीसदी है. सरकार हर तिमाही पर इस स्कीम के तहत मिलने वाली ब्याज में परिवर्तन कर सकती है.
सीनियर सिटिजन यानि वरिष्ठ नागरिकों के लिए भारत सरकार ने ये स्कीम चलाई है. इस वक्त इस स्कीम पर सालाना 7.4 फीसदी की ब्याज दर मिल रही है.
सभी पोस्ट ऑफिस और बैंकों में आप इस स्कीम को शुरू करवा सकते हैं. इस निवेश को आप इनकम टैक्स एक्ट 80सी में दिखाकर टैक्स में छूट हासिल कर सकते हैं.