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रिटायरमेंट प्लानिंग बहुत जरूरी है. आप जितने कम उम्र में बचत के लिए सोचेंगे उतना ही बेहतर होगा.
ईपीएफओ (EPFO) के अनुसार, दो महीने का यह वेटिंग पीरियड शादी करने के लिए जॉब से इस्तीफा देने वाली महीला के लिए जरूरी नहीं होता है.
स्विंग प्राइसिंग के तहत NAV में इस तरीके से बदलाव किए जाते हैं ताकि जो लोग किसी स्कीम से एग्जिट कर रहे हैं वे ही कॉस्ट का भुगतान करें.
जब बेटियों के लिए लंबी अवधि के निवेश विकल्प की बात आती है, तो पेरेंट्स PPF और SSY के बीच कंफ्यूज हो जाते हैं.
अपने लक्ष्य, आवश्यकता, रिस्क जैसे पहलू को ध्यान में रखकर डेट म्यूचुअल फंड का चयन करना चाहिए और कम से कम औसत मैच्योरिटी तक निवेश करना चाहिए.
सेविंग खाते में आपने जो पैसा जोड़ा, उस पर हर तिमाही ब्याज मिलता है और आपके मूलधन के साथ जुड़ता जाता है.
म्यूचुअल फंड युनिट बेचने से पहले आपको टैक्स, एक्जिट लोड, आपका टार्गेट और दूसरे कुछ चार्जिस और नियमों के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है.
जब किसी प्रोजेक्ट की लागत और उसके अनुमानित रिटर्न की गणना करने के लिए कैपिटल बजटिंग की जाती है, तो NPV और IRR सबसे अधिक उपयोग किए जाते हैं.
RD अकाउंट के विपरीत, जहां आपको हर महीने एक निश्चित किस्त जमा करनी होती है, इन फ्लेक्सी डिपॉजिट स्कीम्स में जमा किस्त अलग-अलग हो सकती है.
ऐसा नहीं है कि केवल लोंग-टर्म में निवेश पर ही टैक्स-बेनिफिट मिलते है, कुछ इंवेस्टमेंट प्लान आपको शोर्ट-टर्म के लिए भी टैक्स में राहत दे सकते है.