रिटायरमेंट प्लानिंग (Retirement Planning) बहुत जरूरी है. आप जितने कम उम्र में बचत के लिए सोचेंगे उतना ही बेहतर होगा. लेकिन इसके साथ जुड़े अन्य मसलों में चूक होने पर रिटायरमेंट की प्लानिंग पटरी से उतर सकती है. ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. जिससे आपको किसी तरह की कोई समस्या न हो. आइए इसके बारे में जानते हैं.
देर से सेविंग शुरु करना
जितनी जल्दी हो सके अपनी रिटायरमेंट के लिए बचत करना शुरू कर दें. इसके लिए आप 30 या 40 वर्ष की उम्र तक पहुंचने का इंतजार न करें. अक्सर लोग अपने रिटायरमेंट के लिए बचत नहीं करते हैं, यह मानते हुए कि समय आने पर, पीपीएफ और बीमा जैसे लाभ पर्याप्त होंगे.
बिना किसी योजना के बचत
बिना किसी निवेश प्लान के बचत सबसे बड़ी निवेश गलतियों में से एक है. दूसरे फाइनेंसियल लक्ष्यों से अलग रिटायरमेंट लक्ष्य होना चाहिए. किसी वित्तीय सलाहकार के साथ काम करें जो एक लक्ष्य-आधारित योजना तैयार करेगा जो आपको अभी और भविष्य में आराम से रहने में मदद करेगा.
सही स्कीम का चुनाव न करना:
सरकार और निजी योजनाओं में से सही स्कीम का चुनाव न करना भी आपको नुकसान में ला सकता है. इसलिए आपको सही योजना का चुनाव करना आना चाहिए.
महंगाई का ध्यान नहीं रखना
रिटायरमेंट प्लानिंग करते वक्त रखें महंगाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. 30 साल में अगर 1 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखते हैं तो 30 साल बाद 1 करोड़ रुपए 15 लाख रुपए के बराबर हैं
जब आप छोटे होते हैं, तो आप अधिक जोखिम उठा सकते हैं. अपने करियर की शुरुआत में डेब्ट की तुलना में इक्विटी में अधिक निवेश करने की सलाह दी जाती है और रिटायरमेंट के करीब उत्तरोत्तर लोन की ओर बढ़ते हैं.
रिटायरमेंट फंड में निवेश घटाना
जब नकदी की आवश्यकता होती है, तो कई लोग अपने रिटायरमेंट प्लान में निवेश को कम कर देते हैं. जब तक बिल्कुल जरुरत न हो तो अपने रिटायरमेंट फंट को छूने से बचें.
रेगुलर इनकम की प्लानिंग न करना
अपने रिटायरमेंट को सुखद बनाने के लिए जरूरी है कि नियमित आमदनी का जरिया बना रहे. जुटाई गई रकम से धीरे-धीरे पैसा निकालना बहुत अच्छा विकल्प नहीं है. एन्युटी में निवेश कर नियमित इनकम बनाई जा सकती है. रिटायरमेंट के बाद की प्लानिंग नहीं
एक्सपर्ट कहते हैं कि रिटायरमेंट की उम्र आते ही रिटायरमेंट की प्लानिंग रुक नहीं जानी चाहिए. रिटायरमेंट के बाद के चरण की प्लानिंग करना बेहद अहम है. कमाई के चरण में जैसे कोई 5-6 महीने का इमरजेंसी फंड बनाता है. ठीक वैसे ही रिटायरमेंट के बाद भी ऐसा ही इमरजेंसी फंड होना चाहिए.
दूसरे लक्ष्यों की अनदेखी
रिटायरमेंट प्लानिंग के साथ अन्य खर्चों, मसलन बच्चों की उच्च शिक्षा, उनकी शादी इत्यादि के लिए भी प्लान करना चाहिए. ऐसे लक्ष्यों के लिए प्लानिंग न करने पर आपके रिटायरमेंट का लक्ष्य खटाई में पड़ सकता है.
रिटायरमेंट की प्लानिंग करने से पहले याद रखें
सबसे पहले आप उस राशि के बारे में विचार करना चाहिए, जिसकी जरूरत आपको रिटायरमेंट के बाद अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरी करने के लिए पड़ेगी. अपनी मौजूदा सैलरी को देखते हुए आप एक राशि तय कीजिए, जो आप रिटायरमेंट प्लान में निवेश कर सकें. केवल आयकर बचाने के लिए कोई स्कीम या पॉलिसी नहीं लेनी चाहिए.
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