Mutual Funds: जानिए क्यों बने हुए हैं इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेशकों की पहली पसंद

Mutual Funds: अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाइड और अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए लोग इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में भी निवेश कर रहे हैं.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 15, 2021, 12:13 IST
keep these things in mind before investing in passive funds

भारतीय शेयर बाजारों में लगातार तेजी जारी है. आपको बता दें निफ्टी इंडेक्स की वैल्यू पिछले 16 महीनों में लगभग दोगुनी हो गई है. सेंसेक्स पिछले साल मार्च 2020 के अंत में 26,000 के निचले स्तर से बढ़कर अब लगभग 55,000 से भी अधिक हो गया है. इस रैली में सबसे ज्यादा तेज़ी मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में देखने को मिली है. इनमें से ज्यादातर शेयर ऐसे भी हैं जिन्होंने 200% से 300% का रिटर्न दिया है.

शेयर बाजार की इस शानदार रैली में लोगों का भरोसा इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) पर भी काफी बड़ा है.अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाइड और अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए लोग इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में भी निवेश कर रहे हैं.

इसके अलावा ज्यादातर आयीं रिपोर्ट्स का अनुमान है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में इस प्रकार की ग्रोथ आगे आने वाले कई सालो तक कंटिन्यू रहने वाली है. भारती अर्थव्यस्था में आ रहे सुधार का बेनिफिट सबसे ज्यादा लार्ज कैप कंपनियों को मिलने वाला है. यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि ऐसी भारतीय कंपनियां जिनका पश्चिमी देशों, खासतौर पर चाइना से ज्यादा लगाव था, लेकिन अब उनसे दूरी बनाने से, भारत को इसका लाभ मिल सकता है. ये सारी रिपोर्ट्स के चलते इक्विटी मार्किट में पोस्टिव सेंटीमेंट्स बरकार हैं. जिसका फायदा रिटेल निवेशकों को भी मिलेगा.

पिछले साल कोरोना महामारी के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था की अनसर्टेनिटी के डर से कई निवेशक इक्विटी म्यूचुअल फंड से डेट फंड में चले गए थे. ऐसे में इंटरेस्ट रेट्स पर लगातार दबाव से डेट फंड का रिटर्न भी अच्छा रहा है, लेकिन कमोडिटी की कीमतों में तेज से हुए बदलाव और सप्लाई साइड के दबाव के कारणऐसा अनुमान है कि आने वाले समय में इन्फ्लेशन जारी रहने वाला है.जो डेट फंड को लॉन्ग रन में आकर्षक बनता है, क्योंकि बैंक भी जमा राशि पर बहुत कम ब्याज दे रही हैं ऐसे में अच्छे रिटर्न्स पाने के लिए निवेशकों के पास इक्विटी फंड के अलावा और कोई ऑप्शन नहीं बचता है.

अगर आंकड़ों की मानें तो इस रैली के दौरान शेयर बाजारों में रिटेल निवेशकों की भागीदारी काफी अधिक रही है. एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक जून 2021 में रिटेल भागीदारी 45% थी. जो मार्च 2020 में 39% हुआ करती थी. यहां तक ​​कि SIP खातों में भी ऐसा ही पार्टिसिपेशन देखने को मिला है. जून 2021 में कुल 21.29 लाख रेजिस्टर्ड SIP खातों थे जो पिछले साल मार्च 2020 में केवल 9.13 लाख हुआ करते थे. ये आंकड़े दर्शाते है कि भारत में अब इक्विटी निवेश बढ़ रहा है. रिटेल निवेशक इक्विटी सेगमेंट में बढ़ चढ़ के पार्टिसिपेट कर रहे है.

(ले‍खक निवेश डॉट कॉम के फाउंडर और सीईओ हैं)

Published - August 15, 2021, 12:13 IST