मनी मार्केट फंड: कौन कर सकता है निवेश और कितना है जोखिम? यहां मिलेगी पूरी जानकारी

Money Market Fund: मुख्य लाभ यह है कि ये अन्य निवेश विकल्प जैसे कि इक्विटी आदि की तुलना में अधिक सुरक्षित होते हैं.

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image: Pixabay कार की बिक्री की तुलना में बहुत धीमी है टू व्हीलर की सेल

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Money Market Fund: मनी मार्केट फंड म्‍यूचुअल फंड की एक कैटेगरी है. मनी मार्केट म्यूचुअल फंड (Money Market Fund) को लिक्व‍िड फंड भी कहते हैं.

इसमें कंपनी निवेशकों से लिया हुआ पैसा सुरक्ष‍ित व शॉर्ट-टर्म स्कीम में लगाती हैं, जैसे ट्रेजरी बिल, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट, कमर्शियल पेपर, रीपर्चेज एग्रीमेंट आदि. ऐसे निवेश एक साल से भी काम समय में मैच्योर हो जाते हैं.

इसमें 91 दिन या फिर उससे भी कम समय के लिए निवेश होता है. इसके साथ ही किसी आपातकालीन स्थिति में आप अपना पूरा पैसा भी निकाल सकते हैं. इसमें एक्जिट लोड भी कम रहता है.

कौन कर सकता है निवेश

मनी मार्केट म्यूचुअल फंड विभिन्न वित्तीय साधनों के माध्यम से शॉर्ट टर्म इंवेस्ट पर अच्छा रिटर्न प्रदान करता है.

आप इसमें एक वर्ष तक निवेश कर सकते हैं. ऐसे लोग, जिनके पास बचत खाते में ठीक-ठाक पैसा है और कम जोखिम पर उच्च रिटर्न चाहते हैं, इसमें निवेश कर सकते हैं. यह फंड आपको बचत खाते की तुलना में अधिक रिटर्न देगा.

लिक्विड फण्ड में आपको कम से कम 8 से 10 प्रतिशत सालाना की दर से या उससे अधिक ब्‍याज प्राप्‍त हो सकता है, क्‍योंकि लिक्विड फण्ड के अन्‍तर्गत आपके इन्वेस्ट्मंट का ज्‍यादातर हिस्‍सा सरकारी सिक्योरिटीज़ और बॉन्ड्स में निवेश किया जाता है.

यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो मनी मार्केट फंड आपके लिए बेहतर नहीं है. लंबी अवधि के लिए आप डायनेमिक बांड फंड और बैलेंस फंड का उपयोग कर सकते हैं.

निवेश करने के फायदे

इसमें निवेश करने का मुख्य लाभ यह है कि ये अन्य निवेश विकल्प जैसे कि इक्विटी आदि की तुलना में अधिक सुरक्षित होते हैं व अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना रहती है.

निवेशक इसमें कम अवधि के लिए भी निवेश कर सकते हैं तथा निवेशित पैसे को कभी भी निकाल सकते हैं. शॉर्ट टर्म होने के कारण अर्थव्‍यवस्‍था में ब्‍याज दर में होने वाले बदलाव का ज्‍यादा असर नहीं पड़ता है.

इन बातों का रखें ध्यान

निवेशकों को सबसे पहले विभिन्न प्रकार के मनी मार्केट म्यूचुअल फंड्स की विशेषताओं और जोखिमों के बारे में जानकारी होनी चाहिए.

डेट फंडों के साथ जो जोखिम होते हैं, वे इनके साथ भी जुड़े होते हैं. यानी क्रेडिट रिस्‍क, इंटरेस्‍ट रेट रिस्‍क इत्‍यादि का जोखिम इनमें होता है.

निवेश किस उद्देश्य से किया जा रहा है उसे याद रखें और फंड चुनने से पहले देखें कि यह आपके उद्देश्य को पूरा करता है या नहीं. हमेशा अच्‍छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले म्‍यूचुअल फंड को चुनना चाहिए.

फंड मैनेजर की निवेश रणनीति को भी देख लेना चाहिए. निवेश से पहले एक्‍सपेंस रेशियो को भी देख लें.

कैसे लगता है टैक्‍स?

मनी मार्केट फंडों पर डेट स्‍कीमों की तरह टैक्‍स लगता है. यानी अगर आप तीन साल से पहले निवेश को बेचते हैं, तो रिटर्न आपकी इनकम के साथ जुड़ता है.

फिर इस पर उसी हिसाब से टैक्‍स लगेगा जिस टैक्‍स स्‍लैब में आप आते हैं. अगर आप तीन साल के बाद निवेश को बेचते हैं तो इंडेक्‍सेशन बेनिफ‍िट के साथ लॉन्‍ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्‍स लगता है.

Published - June 28, 2021, 02:08 IST