ऐस म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) डेटा के मुताबिक, इस साल 29 सितंबर 2021 तक लगभग 10 फंड ऑफ फंड्स (FoFs) लॉन्च किए जा चुके हैं. यह म्यूचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट कंपनी के विवेक पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों फंडों में निवेश करते हैं. फंड ऑफ फंड्स म्यूचुअल फंड (MFs) में मैनेजर के प्राइमरी उद्देश्य के आधार पर अलग-अलग जोखिम वाले पोर्टफोलियो होते हैं. अगर पोर्टफोलियो मैनेजर का प्राइमरी उद्देश्य सबसे अधिक पॉसिबल रिटर्न अर्जित करना है, तो वह बड़े NAV वाले म्यूचुअल फंडों (Mutual Fund) को अपनायेगा, भले ही उनमें हाई लेवल का जोखिम क्यों न हो. लेकिन यदि प्राइमरी उद्देश्य स्टेबिलिटी का है, तो प्राप्त फाइनेंशियल संसाधनों के पूल का उपयोग लो रिस्क वाली सिक्योरिटीज के अधिग्रहण के लिए किया जाएगा.
ऐस म्यूचुअल फंड के अनुसार 28 सितंबर, 2021 को एक वर्ष की अवधि में एफओएफ (FoFs) -ओवरसीज ने औसतन 30% से अधिक का रिटर्न दिया है. (नीचे दी गई तालिका देखें)
हाल ही में, महिंद्रा मैन्युलाइफ इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड – MMIMPL (पहले महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड) ने ‘महिंद्रा मैन्युलाइफ एशिया पैसिफिक REITs एफओएफ’ (FOF) लॉन्च किया है. जो मैन्युलाइफ ग्लोबल फंड – एशिया पैसिफिक REITs फंड में निवेश करने वाली फंड स्कीम का एक ओपन-एंडेड फंड है. यह स्कीम उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है, जो अपने पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन लाना चाहते हैं और अंतरराष्ट्रीय रियल एस्टेट बाजारों में निवेश करना चाहते हैं.
क्या है इस फंड की स्ट्रेटेजी?
महिंद्रा मैन्युलाइफ एशिया पैसिफिक आरईआईटी एफओएफ (FOF) मैन्युलाइफ ग्लोबल फंड – एशिया पैसिफिक REITs फंड में निवेश करेगा, जो मुख्य रूप से एशिया पसिफ़िक देशों में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट ( REITs) में निवेश करता है.
अन्य संपत्तियों के साथ REITs लो कोरेलशन के कारण पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के रूप में कार्य करता है और संभावित रूप से मध्यम से लंबी अवधि में पोर्टफोलियो रिटर्न को बढ़ाता है. अंडरलाइंग फंड, मैन्युलाइफ ग्लोबल फंड – एशिया पैसिफिक आरईआईटी फंड, आरईआईटी में अपनी संपत्ति का 70% और 100% के बीच निवेश करेगा और बाकि का शेष रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी मैनेजमेंट स्टॉक्स (गैर-आरईआईटी) में निवेश करेगा.
मैनेजमेंट व्यू
कोविड -19 टीकाकरण और इकॉनमी में अपेक्षित रिबाउंड के कारण REITs ग्लोबल डिमांड के चलते प्राइमरी बेनेफिशरी में से एक हो सकता है. महिंद्रा मैन्युलाइफ इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के एमडी और सीईओ आशुतोष बिश्नोई के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय आरईआईटी एक पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन लाने और दुनिया भर में रियल एस्टेट बाजारों में एक्सपोजर बनाने का एक शानदार तरीका है. एशिया पसिफ़िक क्षेत्रों में ऑफिस स्पेस, रेजिडेंशियल, वेयरहाउसिंग, रिटेल और हॉस्पिटैलिटी की मजबूत मांग के साथ, हमारी आरईआईटी फंड ऑफ फंड्स स्कीम में निवेश, निवेशकों को एक अवधि में अच्छे रिटर्न पाने का अवसर प्रदान करता है. आरईआईटी का एक और उद्देश्य लगातार बढ़ रही इन्फ्लेशन के खिलाफ बचाव प्रदान करना भी है.
निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
– इस फंड में कोई लॉक-इन अवधि नहीं है.
– इस फंड में न्यूनतम निवेश 5,000 रुपये से शुरू होता है.
– इस फंड में संभावित कुल मैक्सिमम एक्सपेंस रेश्यो 2% तक है.
– साथ ही इस फंड में यूनिट्स का 10% हिस्सा बिना किसी एग्जिट लोड के, इकाइयों के आवंटन की तारीख से 24 महीने पूरे होने पर या उससे पहले भुनाया जा सकता है. हालांकि, उपरोक्त सीमा से अधिक का कोई भी रिडेम्पशन एक्जिट लोड के अधीन होगा. यूनिटों के आवंटन की तारीख से 12 महीने पूरे होने पर या उससे पहले यूनिट्स को रिडीम/स्विच आउट करने पर 1% का एक्जिट लोड देय है.
– यह फंड “हाई रिस्क” कैटेगरी के अंतर्गत आता है, ऐसे में निवेशकों को किसी भी निवेश से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.