LIC MF Children Fund: सभी पेरेंट्स के लिए फाइनेंशियल (Financial) टारगेट में से एक अपने बच्चों की हायर एजुकेशन के लिए पर्याप्त फंड जमा करना है. आज के दौर में बच्चों की पढ़ाई लिखाई बेहद महंगी होती जा रही है. पैरेंट्स के लिए एक बड़ी चिंता यह होती है कि वह अपने बच्चे के बालिग होने से पहले उसके लिए अच्छी खासी बचत कर पाएं, जिससे भविष्य को लेकर तनाव कम हो सके. इसके लिए पैरेंट्स कई तरह की बचत योजनाओं में निवेश करते हैं. लेकिन स्माल सेविंग्स पर अब रिटर्न इतना कम हो गया है कि उद्देश्य पूरा करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में चाइल्ड म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प हो सकता है. इसमें दूसरी स्कीम्स के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है.
म्यूचुअल फंड की दुनिया में कुछ ऐसे चिल्ड्रेन्स गिफ्ट फंड्स हैं जो आपके बच्चों को शादी के खर्च, भविष्य की स्कूल फीस आदि जैसी चीजों के लिए फाइनेंशियल हेल्प कर सकते हैं. जिसके फलस्वरूप लांग टर्म में आपकी पूंजी में इजाफा होता है. बाजार में कई फंड हाउस हैं जो बच्चों के लिए खास म्यूचुअल फंड आफर कर रहे हैं.
इसमें एलआईसी, एचडीएफसी, एसीबीआई, एक्सिस, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, टाटा और यूटीआई जैसे फंडों के चिल्ड्रेन प्लान मौजूद हैं. अगर इनके रिटर्न की बात करें तो इन्होंने पिछले 15 से 20 साल में 12 से 15 फीसदी सालाना के हिसाब से रिटर्न दिए हैं. आज हम आपको एलआईसी एमएफ चिल्ड्रन फंड के बारे में जानकारी देंगे.
नाबालिग बच्चे के नाम से किसी फंड में निवेश करने पर बच्चे के साथ कोई जॉइंट होल्डर नहीं होता है. इसे बच्चे के पेरेन्ट्स या कानूनी अभिभावक रिप्रेजेंट करते हैं. फॉर्म को भरते समय पेरेन्ट्स या अभिभावक के PAN कार्ड की डिटेल दी जाती है. इसमें बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट या पासपोर्ट भी होना जरूरी है. पेरेन्ट्स या अभिभावक बच्चे के 18 साल होने तक फंड अकाउंट को चला सकते हैं.
एलआईसी एमएफ चिल्ड्रन गिफ्ट फंड डायरेक्ट-ग्रोथ फंड पर पिछले साल के मुकाबले 33.91 फीसदी रिटर्न मिला है. इसने अपनी स्थापना के बाद से हर साल औसतन 10.50 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. इसके टॉप पांच होल्डिंग्स में भारत सरकार, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, इंफोसिस लिमिटेड, और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज शामिल हैं. फंड का एक्सपेंस रेश्यो 1.41 फीसदी है, जो कि अन्य बैलेंस्ड हाइब्रिड फंडों की तुलना में ज्यादा है. फंड में वर्तमान में 88.16 फीसदी इक्विटी में निवेश होता है और 10.87 प्रतिशत का ऋण जोखिम है. फंड का इक्विटी हिस्सा मुख्य रूप से वित्तीय, प्रौद्योगिकी, तेजी से बढ़ते उपभोक्ता सामान, स्वास्थ्य सेवा और ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश किया जाता है.
एक्सपर्ट का कहना है कि कुछ चाइल्ड प्लान इक्विटी और डेट के कंपोजिशन के आधार पर निवेशकों को अलग अलग विकल्प देते हैं. मसलन ज्यादा जोखिम न लेने वाले निवेशकों के लिए अधिक डेट वाला पोर्टफोलियो चुनने का विकल्प, वहीं एग्रेसिव निवेशकों को अधिक इक्विटी वाले पोर्टफोलियो को चुनने का विकल्प मिलता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि चाइल्ड प्लान के साथ में लॉक-इन पीरियड होता है. इससे एक निश्चित समय के पहले पैसा निकाला नहीं जा सकता है. इनमें 5 साल या बच्चे के एडल्ट हो जाने तक किए गए निवेश को नहीं निकाला जा सकता हैं.