पिछले एक साल में आर्थिक मंदी से हमें अपने फाइनेंशियल कंट्रोल और इन्वेस्टमेंट के दायरे को बढ़ाने की सीख मिलती है. हाल ही में बाजार में कई तरह के निवेश के रुझान पेश किए गए हैं. कोविड -19 महामारी से मिले नुकसान के बाद इन्वेस्टर अपने पोर्टफोलियो को रिव्यू करने और कैपिटल के आधार पर एक नई एलोकेशन रणनीति अपनाने में माहिर हो गए हैं, जिसे थीमेटिक निवेश कहा जाता है. थीमेटिक निवेश के पीछे का कारण एक थीम में निवेश करना होता है.
बाजार के दिग्गज अंबरीश बालिगा के मुताबिक, मान लीजिए अगर एक सेक्टर के रूप में मेटल सेक्टर के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है तो मेटल सेक्टर से जुड़े स्टॉक्स पर आपकी नजर होनी चाहिए. क्योंकि इन स्टॉक्स में आपको अच्छा प्रॉफिट मिल सकता है.
इसी तरह लॉन्ग टर्म के निवेश के लिए आपको लगता है कि इलेक्ट्रिक कारें आने वाले सालों में मार्केट में धूम मचा सकती हैं. तो आपका निवेश इलेक्ट्रिक वाहन से जुड़ी कंपनियों में होना चाहिए और आपको सिर्फ इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनियों तक सीमित नहीं रहना है, बल्कि उसके पार्ट्स से जुड़ी कंपनियों जैसे लिथियम, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स आदि का निर्माण करने वाली कंपनियों को भी ट्रैक करना है. मार्केट में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए आप समय-समय पर इस प्रकार के थीमेटिक इक्विटी निवेश का उपयोग कर सकते हैं.
महत्वपूर्ण मैक्रो लेवल ट्रेंड के चलते निवेशकों के लिए स्ट्रक्चरल या साइक्लिक थीम के बीच के अंतर को समझना भी बहुत जरूरी है, जिससे दोनों में से बेहतर विकल्प को चुना जा सके.
साइक्लिक थीम इन्वेस्टमेंट जब तक सेक्टर या कंपनी में ग्रोथ दिखे तब तक हो सकता है. यह निवेश शॉर्ट टर्म से लेकर मीडियम टर्म तक भी किया जा सकता है.
ये लॉन्ग टर्म के लिए होते हैं. वहीं ये उपभोक्ता के व्यवहार पर आधारित होते हैं. इनमें लॉन्ग टर्म के लिए निवेश किया जा सकता है.
आम तौर पर एक लॉन्ग टर्म का नजरिया स्ट्रक्चरल होता है. इसे ऐसे समझें कि इलेक्ट्रिक वाहन एक स्ट्रक्चरल टॉपिक है, जबकि धातुओं को साइक्लिक सब्जेक्ट कह सकते हैं. हालांकि कई लोग धातुओं में एक सुपर साइकिल के बारे में बात कर रहे हैं. हालांकि, इतिहास ने दिखाया है कि अक्सर ऐसी चालें चक्रीय रही हैं. इसलिए कोई भी कमोडिटी थीम आम तौर पर साइक्लिक होती है, जबकि आईटी, फार्मा, टेलीकॉम आदि जैसे विषय हमने पिछले कुछ दशकों में देखे हैं जो स्ट्रक्चरल रहे हैं.
हर किसी को हमेशा अपने फाइनेंशियल टारगेट के आधार पर रणनीति का चयन करना चाहिए. सबसे पहले अपने लक्ष्य को निर्धारित करें और फिर किसी विशेष निवेश रणनीति से जुड़े रिस्क फैक्टर्स की जांच करें. बालिगा के मुताबिक थीम इन्वेस्टमेंट में सेक्टर लीडर को चुनने से बेहतर होता है. एक ऐसे स्टॉक का चयन करना जिसमें रिस्क कम हो. मान लीजिये थीम आप के अकॉर्डिंग रिजल्ट नहीं देती तो ऐसे में ये स्टॉक्स आपको कम नुकसान देगा. आप थीम इन्वेस्टमेंट के लिए सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का यूज भी कर सकते हैं.