Mutual Fund: म्यूचुअल फंड निवेश बेहद आसान है और उसमें निवेश किया गया पैसा निकालना भी सरल है. आप मोबाइल एप्लीकेशन से या फंड हाउस की वेबसाइट से रीडंप्शन कर सकते है, जिसके लिए फोर्म भरने की जरूरत नहीं पडती. आप फंड हाउस की ब्रांच में जाकर भी यह प्रोसेस कर सकते है. लेकिन आपको म्यूचुअल फंड स्कीम के युनिट को बेचने से पहले कुछ अहम बातों पर विचार करना चाहिए.
लक्ष्य प्राप्त हुआ है या नहीं यह चेक करेः
लोंग-टर्म टार्गेट को ध्यान में रख कर ही म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए. आप शॉर्ट-टर्म के लिए भी निवेश कर सकते हैं, लेकिन आपका टार्गेट तय होना जरूरी है. यदि आप रिडंप्शन कर रहे है तो पहले यह सुनिश्वित करना जरूरी है कि आपका टार्गेट हासिल हो रहा है या नहीं. यदि आपको टार्गेट प्राप्त करने में 80-90 फीसदी सफलता प्राप्त हुई है तो आप बेशक रिडंप्शन कर सकते है, लेकिन यदि आपका टार्गेट 50 फीसदी दूर है तो जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.
एक्जिट लोड के बारे में सोचेः
म्यूचुअल फंड यूनिट बेचने से पहले यह देखना बेहद जरूरी है कि इसमें कोई एक्जिट लोड तो नहीं है. फंड हाउस 1% एक्जिट लोड चार्ज करते है. आप फिक्स्ड अवधि से पहले युनिट रीडिम करेंगे तो एक्जिट लोड चुकाना पडता है. लिक्विड फंड में सात दिनों के अंदर रीडिम करने पर एक्जिट लोड लगता है, लेकिन अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म फंड में ऐसे चार्ज नहीं लगते.
KYC चेक करेः
रीडिम करने से पहले अपने केवाईसी डिटेल चेक करवा ले. आपका इमेइल एड्रेस, मोबाइल नंबर सही है या नहीं इसका पता करें. रिंडप्शन के बाद आपको जो पैसा मिलेगा वह आपके बैंक अकाउंट में जमा होता है, इसलिए फंड हाउस के पास आपकी सही जानकारी होनी जरूरी है. अपना फोलियो नंबर, नाम, कितने युनिट रीडिम करना चाहते है उसकी संख्या इत्यादि चेक करें.
केपिटल गेइन टैक्स के बारे में जान लेः
युनिट रिडंप्शन करने पर केपिटल गेइन टैक्स लगता है. आप कितने समय के अंदर रिडंप्शन कर रहे है उसके आधार पर 15% शोर्ट-टर्म (1 साल से कम अवधि) या 10% लोंग-टर्म (1 साल से ज्यादा समय के बाद) केपिटल गेइन टैक्स लगता है. नॉन–इक्विटी म्यूचुअल फंड में 3 वर्ष से अधिक अवधि के लिए निवेश है तो इस पर 20% टैक्स लगेगा और 3 वर्ष के भीतर रिडीम किया जाता है तो उस पर इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगता है.
जितने पैसों की जरूरत हो उतना ही रीडिम करेः
यदि आपको इमर्जंसी के लिए पैसो की आवश्यकता है और म्यूचुअल फंड के निवेश के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है तो ही रीडिम के लिए आवेदन करें. अगर आपके पास 100 यूनिट है और आपका काम 50 यूनिट बेचने से हो सकता है तो केवल 50 युनिट ही बेचे और अपने निवेश को जारी रखें.
यह नियम भी ध्यान में रखेः
आप भविष्य की किसी तारीख या प्राइस के आधार पर रीडंप्शन रिक्वेस्ट नहीं कर सकते. आपकी रिडंप्शन रिक्वेस्ट मिलने पर आपको उस दिन के NAV के हिसाब से ही पैसे मिलेंगे. आप 3PM से पहले रिक्वेस्ट जमा करेंगे तो उस दिन का NAV गीना जाता है, वर्ना दूसरे दिन का भाव गिना जाएगा.
रिडंप्शन रिक्वेस्ट मिलने के बाद आपकी डिटेल की जांच की जाती है और 3-5 वर्किंग डे के बाद पैसे मिलते है. इसलिए इमर्जंसी में रिक्वेस्ट करने से पहले यह बात ध्यान में रखें. यदि आपने चेक डिस्पेच मांगा होगा तो उसमें एक सप्ताह भी लग सकता है.