कारगिल विजय दिवसः जवानों की वित्तीय आजादी जरूरी

सबसे बड़ी बात ये है कि सैन्य सेवाओं से जुड़े लोगों में वित्तीय जागरूकता का अभाव होता है. इनके लिए देश सबसे पहले है और पैसा ज्यादा अहमियत नहीं रखता.

cash circulation has increased since demonetisation, but digital transactions are on rise too

कैश का इस्तेमाल घटाने का प्रयास इस तरह सबसे फायदेमंद साबित होता है कि इससे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का एक बेहतर सिस्टम बनता है

कैश का इस्तेमाल घटाने का प्रयास इस तरह सबसे फायदेमंद साबित होता है कि इससे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का एक बेहतर सिस्टम बनता है

सोमवार को ऑपरेशन विजय के 22 साल पूरे हो गए. ऑपरेशन विजय के तहत भारतीय सेना ने कारगिल से पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाया था. आज हमें एक और मोर्चे पर जीत हासिल करने की जरूरत है. ये है वित्तीय आजादी का रास्ता. हालांकि, वित्तीय साक्षरता की जरूरत पूरे देश में है, लेकिन देश की सुरक्षा से जुड़े लोगों के लिए इसकी बेहद अहमियत है क्योंकि इनका हर दिन जोखिम भरा है. जो लोग हमारे मुल्क की हिफाजत करते हैं उन्हें अपने परिवारों को भी वित्तीय रूप से सुरक्षित रखना चाहिए.

डिफेंस ऑफिसर्स DSOP (डिफेंस सर्विसेज ऑफिसर्स प्रॉविडेंट फंड) में अपनी सैलरी से योगदान के तौर पर पैसा लगाते हैं. इनमें से कुछ पब्लिक सेक्टर बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट्स में भी पैसा लगाते हैं. लेकिन, कुछ ही लोग ऐसे हैं जो कि म्यूचुअल फंड और स्टॉक्स में पैसा लगाते हैं जहां महंगाई के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलता है.

समस्याएं तमाम हैं. बार-बार तबादले भी सैन्य सेवाओं से जुड़े लोगों को बैंकों या इंश्योरेंस या म्यूचुअल फंड एडवाइजर्स के साथ लगातार संपर्क में रहने में रोड़ा बनते हैं. दूर-दराज के इलाकों में पोस्टिंग की वजह से भी ये लोग स्टॉक मार्केट में एक आम व्यक्ति की तरह से निवेश नहीं कर पाते हैं.

लेकिन, सबसे बड़ी बात ये है कि सैन्य सेवाओं से जुड़े लोगों में वित्तीय जागरूकता का अभाव होता है. ये खुद को पैसों के चक्कर में उलझा हुआ भी नहीं दिखाना चाहते और अपने साथियों के साथ पैसों की चर्चा करने में भी ये खुद को असुरक्षित पाते हैं. इनके लिए देश सबसे पहले है और पैसा दूर-दूर तक इनके लिए अहमियत नहीं रखता.

सैन्य सेवाओं से जुड़े हुए लोगों को संस्थागत स्तर पर सपोर्ट की जरूरत है ताकि वे अपनी वित्तीय योजना तैयार कर सकें. बेसिक लेवल से लेकर ऊंचे स्तर तक पर इन्हें वित्तीय जागरूकता की जरूरत है. सीनियर्स को जूनियर्स की इस मामले में मदद करनी चाहिए.

बदलाव हो रहा है, लेकिन इसकी रफ्तार कम है. कई रिटायर्ड ब्रिगेडियर्स और कर्नल डिफेंस से जुड़े लोगों के पैसों का प्रबंधन कर रहे हैं. निचले स्तर पर जवानों को फाइेंशियल प्लानिंग में शिक्षित करने के लिए सीनियर्स को सेमिनार आयोजित करने चाहिए.

इसमें बस सही गाइडेंस की जररूत है. जवानों और अफसरों को स्टॉक मार्केट की निगरानी करने की जरूरत नहीं है. इस काम में सेबी रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एडवाइजर्स उनकी मदद कर सकते हैं. वित्तीय शिक्षा वित्तीय आजादी की दिशा में पहला कदम है. कारगिल विजय दिवस पर हमें अपने जवानों के लिए ये सुनिश्चित करना जरूरी है.

Published - July 26, 2021, 04:51 IST