InvITs: बहुत से लोग इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) को लेकर गफलत में रहते हैं, लेकिन ये म्यूचुअल फंड जैसा ही होता है. जिस प्रकार रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट होते हैं, इसी प्रकार से InvITs होते हैं. इसमें छोटे निवेशक पैसा जमा करते हैं.
फिर इस जमा रकम को InvITs इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करते हैं. इसका मकसद इंफ्रास्ट्रकचर सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है.
इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट के अंदर इंवेस्टमेंट इंडिविजुअल, इंस्टीट्यूशन्स या कंपनी द्वारा होता है. इंस्टीट्यूशन्स में इन्श्योरेंस कंपनी, म्यूचुअल फंड्स आदि होते हैं.
इसके बाद ये पैसा InvITs अलग-अलग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जैसे रोड, पावर, एनर्जी, टेलीकोम टावर में निवेश करती है. अब इससे जो रेवन्यू आता है, इसमें से इंवेस्टर्स को डिविडंड दिया जाता है.
सेबी ने 26 सितम्बर, 2014 को SEBI (infrastructure investment trust) regularions, 2014 अधिसूचित किया था. InvIT को एक ट्र्स्ट के रूप में स्थापित किया जा सकता है. इसे सेबी के साथ रजिस्टर्ड किया जाता है.
InvITs ऐसे उपकरण हैं, जो म्यूचुअल फंड की तरह कार्य करते हैं. ये संपत्ति में निवेश करने के लिए कई निवेशकों से धनराशि की छोटी रकम को हासिल करने के लिये डिज़ाइन किये गए हैं, जो एक समयावधि में नकदी प्रवाह देते हैं.
इस नकदी प्रवाह के हिस्से को निवेशकों में डिविडेंड के रूप में वितरित किया जाता है. एक IIT Initial Public Offer (IPO) में न्यूनतम निवेश राशि 10 लाख रुपये है.
इसलिये उच्च नेटवर्थ व्यक्तियों, संस्थागत एवं गैर-संस्थागत निवेशकों के लिये InvITs उपयुक्त हैं. इसके यूनिट्स को मिनिमम 5 लाख के लॉट में ही बेचा जा सकता है. IPO के माध्यम से स्टॉक की तरह ही एक्सचेंजों में भी IIT सूचीबद्ध है.
-म्यूचुअल फंड की तरह, इसके पास ट्रस्टी, स्पांसर, इन्वेस्टमेंट मैनेजर और प्रोजेक्ट मैनेजर होते हैं.
-ट्रस्टी के पास InvITs के प्रदर्शन का निरीक्षण करने की ज़िम्मेदारी है.
-प्रायोजक (Sponsor) कंपनी के प्रमोटर हैं, जिन्होंने InvITs स्थापित किया है.
-इन्वेस्टमेंट मैनेजर को InvITs की परिसंपत्तियों एवं निवेशों की देखरेख का कार्य सौंपा जाता है.
-प्रोजेक्ट के ऑपरेशंस एंड मैंटेनेंस के लिए प्रोजेक्ट मैनेजर ज़िम्मेदार होता है.
-स्पांसर को तीन वर्षों के लॉक-इन पीरियड के साथ न्यूनतम 15% InvITs इकाइयों को बनाये रखना होता है.
-InvITs को अपने शुद्ध नकदी प्रवाह का 90% निवेशकों को वितरित करना होता है.
-InvITs को राजस्व उत्पन्न करने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स में न्यूनतम 80% निवेश करना आवश्यक है. बाकी का 20% रिस्की एसेट्स में इंवेस्ट कर सकता है.
-10% निवेश अंडर कंस्ट्रक्शन इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स में निवेश करत सकता हैं और बाकी का 10% इंन्फ्रा सेक्टर की लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनीज में इंवेस्ट कर सकता हैं. इसके अलावा कैश, मनी मार्केट या गर्वमेंट सिक्योरिटीज में इंवेस्ट कर सकता हैं.
-InvITs की कुल एसेट वैल्यू का 90 डेट अलाउ किया जाता है.
-इसमें लांग टर्म में 10%-14% के करीब स्टेबल रिटर्न मिल जाता है.
-शेयरों की तुलना में वोलेटालिटी कम रहती है. आपकी इन्वेस्टमेंट डायवर्सिफाइड हो जाती है.
-रिस्क कम होता है क्योंकि आपका 80% पैसा इनकम प्रोड्यूसिंग एसेट्स में जाता है.
-म्यूचुअल फंड्स की तरह ही प्रोफेशनल मैनेजर होते हैं, जो आपके फंड को मैनेज करते हैं.