करने जा रहे हैं इनवेस्टमेंट? इन गलतियों से सीख आगे बढ़ाएं कदम

Investment: पोर्टफोलियो में विविधता नहीं रखना बहुत बड़ी गलती है, जिसके कारण रिस्क अधिक हो जाता है. कुछ आम गलतियों को टाला जा सकता है.

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मिड-कैप फंडों में निवेश किए गए रुपयों का उपयोग फंड मैनेजरों द्वारा मिड-कैप कंपनियों के शेयरों को खरीदने के लिए किया जाता है

मिड-कैप फंडों में निवेश किए गए रुपयों का उपयोग फंड मैनेजरों द्वारा मिड-कैप कंपनियों के शेयरों को खरीदने के लिए किया जाता है

Investment: अक्‍सर इनवेस्टमेंट (Investment) में गलतियां होने की आशंका बनी रहती है. बड़े-बड़े निवेशक भी गलती कर बैठते हैं. गलती से सीखना बेहद जरूरी है.

विविधता नहीं रखना बहुत बड़ी गलती

सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर और स्मार्ट मनी मैनेजमेंट के डायरेक्टर केयूर धनदेव बताते हैं कि, “पोर्टफोलियो में विविधता नहीं रखना बहुत बड़ी गलती है, जिसके कारण रिस्क अधिक हो जाता है.” इंवेस्टमेंट में कुछ गलतियां बहुत ही आम होती है जिसे आसानी से टाला जा सकता है.

प्यार कर बैठनाः

धनदेव बताते हैं कि कई निवेशक गलत कारणों के आधार पर किसी स्टॉक या म्यूचुअल फंड से प्यार कर बैठते हैं. यदि किसी कंपनी या ब्रांड का कोई प्रोडक्ट पसंद हो, तो लोग निवेश करने के मामले में भी उस कंपनी को चुनते हैं.

निवेश करते वक्त आपकी फेवरेट प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी की फाइनेंशियल कंडीशन कितनी मजबूत है वह देखना चाहिए. “हमेशा याद रखें, आप शेयर खरीदते हैं पैसा कमाने के लिए. यदि कंपनी के फंडामेंटल स्ट्रांग नहीं है, तो ऐसे शेयर को बेच देना चाहिए.”

नकल करनाः

इंवेस्टमेंट आपकी निजी बात है. आपके फाइनेंशियल टार्गेट और रिस्क-कैपेसिटी केवल आपको पता होती है, उसमें दूसरे की दखलंदाजी गलत है. एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए, लेकिन एक्सपर्ट की नकल नहीं कर सकते.

दोस्तों ने रिलायंस के शेयर खरीदें या किसी जाने-माने इंवेस्टर ने टाटा ग्रुप के शेयर खरीदें, इसलिए आप भी उसमें निवेश करते हैं, तो ये ठीक नहीं है. व्हाट्स एप में आने वाले मेसेज देखकर निवेश करना बहुत गलत साबित हो सकता है.

धैर्य ना रखनाः

पोर्टफोलियो का विकास करने के लिए धैर्य रखना बेहत जरूरी है. स्थिर दृष्टिकोण से ही लंबे समय में अधिक रिटर्न मिल सकता है. पोर्टफोलियो के विकास और रिटर्न की समय-सीमा के संबंध में अपनी अपेक्षाओं को वास्तविक बनाए रखना आवश्यक है.

केवल प्राइस को महत्व देनाः

लोग निवेश करने से पहले भाव देखते हैं. निवेश करना कोई सब्जी खरीदने का काम नहीं है, जिसमें भाव के आधार पर शेयर सस्ता है या महंगा यह तय किया जा सके.

धनदेव बताते हैं कि, “शेयर सस्ता है या महंगा ये तय करने के दूसरे तरीके हैं. आप उसके भाव के आधार पर यह तय नहीं कर सकते, ये बात बिलकुल सरल है, फिर भी लोग कम भाव वाले शेयर खरीदना पसंद करते हैं.”

हाइप वाले शेयर खरीदनाः

यदि कोई शेयर या कंपनी किसी कारण चर्चा में है, तो लोग ऐसे शेयर में निवेश करने लगते हैं.

हमेशा ध्यान रखें कि, कंपनियों के प्रमोटर, सट्टा खेलने वाले या बिग इंवेस्‍टर्स अच्छी वैल्यू पाने के लिए हाइप क्रिएट करवाते हैं औऱ छोटे निवेशकों को जाल में फंसाकर मोटा रिटर्न कमाकर निकल जाते हैं.

एक झटका खाते ही भाग जानाः

ऐसे निवेशकों की संख्‍या बहुत ज्‍यादा हैं, जो खरीदे हुए शेयर का भाव जरा सा भी गिरने पर मैदान छोड़ देते हैं.

याद रखें आपने शेयर पैसा कमाने के लिए खरीदा है और शेयर मार्केट में तो उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. ऐसे हल्‍के झटके से बौखला जाएंगे, तो कभी सफल निवेशक नहीं बन पाएंगे.

Published - July 8, 2021, 03:46 IST