Invesco Mutual Fund: म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए यह एक सपने के सच होने जैसा हो सकता है, क्योंकि वो जल्द ही वो एक वर्ल्डवाइड प्रोडक्ट में निवेश कर सकेंगे जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी बिजनेस में शामिल कंपनियों में निवेश करता है. ब्लॉकचेन एक डिस्ट्रीब्युटेड लेजर टेक्नोलॉजी है जो बिजनेस और इंडिविजुअल की इनफॉर्मेशन को सुरक्षित तरीके से स्टोर और ट्रांसफर करने में सक्षम बनाती है. जबकि ब्लॉकचेन का इस्तेमाल अक्सर बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी के साथ किया जाता है, लेकिन यह क्रिप्टो के समान नहीं है.
ब्लॉकचेन वो टेक्नोलॉजी है जो क्रिप्टोकरेंसी को एग्जिस्ट रहने में सक्षम बनाती है. इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल क्रिप्टोक्यूरेंसी माइनिंग हार्डवेयर, टेक्नोलॉजिकल ऑप्रेशंस, फाइनेंशियल सर्विस और पेमेंट सिस्टम में भी होता है.
हाल ही में, इनवेस्को म्यूचुअल फंड ने एक स्कीम शुरू करने के लिए सेबी के साथ पेपर फाइल किए हैं जो इनवेस्को एलवुड ग्लोबल ब्लॉकचैन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करेगी. इस स्कीम का नाम इनवेस्को इंडिया – इनवेस्को एलवुड ग्लोबल ब्लॉकचैन फंड ऑफ फंड (FoF) है. स्कीम की कैटेगरी FoF (ओवरसीज) के अंतर्गत आती है.
सरल शब्दों में, ब्लॉकचेन ETF उन कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं जो प्रॉफिट कमाने के मकसद से अपने बिजनेस ऑपरेशन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में करते हैं. कई निवेशक वोलेटाइल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट के साथ इस टेक्नोलॉजी के जुड़े होने की वजह से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में निवेश करने से हिचकिचाते हैं.
हालांकि, ब्लॉकचेन क्रिप्टोकरेंसी के समान नहीं है, और ब्लॉकचैन ETF विशेष तौर से रेगुलेटेड कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं, जिनमें से ज्यादातर बड़ी ब्लू-चिप टेक्नोलॉजी कंपनियां हैं, न कि सीधे क्रिप्टोकरेंसी में.
इनवेस्को इंडिया – इनवेस्को एलवुड ग्लोबल ब्लॉकचैन फंड ऑफ फंड (FoF) का लक्ष्य इनवेस्को एलवुड ग्लोबल ब्लॉकचैन UCITS ETF यूनिट में निवेश करके रिटर्न कमाना है.
स्कीम के इन्वेस्टमेंट को अंडरलाइंग फंड में केंद्रित किया जाएगा, और स्कीम परफॉर्मेंस, रिस्क प्रोफाइल और लिक्विडिटी डायरेक्ट अंडरलाइंग फंड से जुड़ी होगी.
– अंडरलाइंग फंड की इन्वेस्टमेंट पॉलिसी या मूलभूत विशेषताओं में कोई भी बदलाव स्कीम की परफॉरमेंस को प्रभावित कर सकता है.
-अंडरलाइंग फंड में इन्वेस्टमेंट, जो एक ओवरसीज एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड है, इसमें इक्विटी इन्वेस्टमेंट, फॉरन मार्केट और करेंसी एक्सचेंज रिस्क से जुड़े सभी रिस्क शामिल होंगे.
-यह स्कीम दो प्लान ऑफर करती है, रेगुलर प्लान और डायरेक्ट प्लान.
– कोई एंट्री लोड और एग्जिट लोड नहीं है. हालांकि, सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान(SWP) के तहत स्विच-आउट या विड्रॉल पर एग्जिट लोड लग सकता है.
-यह स्कीम ‘बहुत हाई’ रिस्क कैटेगरी के अंतर्गत आती है, और इन्वेस्टर को प्रोडक्ट की उपयुक्तता की जांच करने के लिए अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेनी चाहिए.
– मिनिमम एप्लीकेशन अमाउंट 1,000 रुपये है.
-फंड हाउस ने अभी तक अपने नए फंड ऑफर के खुलने और बंद होने की तारीखों की घोषणा नहीं की है.
भारत में ब्लॉकचेन पर नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, यह पब्लिक और कमर्शियल सेक्टर एक्टिविटी के विभिन्न पहलुओं में काफी बदलाव लाएगा. इसके पोटेंशियल को विश्व स्तर पर मान्यता दी गई है, कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और टेक्नोलॉजी बिजनेस ने इसके इम्पलीमेंटेशन से होने वाली कॉस्ट सेविंग, क्मप्लायंस और एफिशिएंसी में सुधार जैसे फायदों पर जोर दिया है.