होम लोन (Home loan) अधिकांश उधारकर्ताओं के लिए एक लॉन्ग-टर्म कमिटमेंट होता है. होम लोन (Home loan) की अवधि आमतौर पर 20 से 25 साल या 30 साल तक की होती है. इसलिए होम लोन (Home loan) लेने से पहले एक बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग करने की जरूरत होती है. होम लोन की ईएमआई (EMI) मुख्य रूप से उधारकर्ता की लोन राशि, इंटरेस्ट रेट और टेन्योर पीरियड पर निर्भर करती है. बता दें हाल ही में, होम लोन (Home loan) पर इंट्रेस्ट रेट लगभग 6.5% के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है. इसलिए इस समय होम लोन लेना एक बेहतर विकल्प हो सकता है, लेकिन होम लोन (Home loan) लेने से पहले इन पांच जरूरी बातों को समझ लें. यह भविष्य में आपके लोन को कम करने में मदद कर सकती हैं.
होम लोन (Home loan) की अवधि कम होने पर आपको महीने में ज्यादा मंथली EMI का भुगतान करना पड़ता है. ऐसे में आपके लिए 30 साल तक की अवधि के लिए होम लोन को चुनना एक बेहतर विकल्प हो सकता है. इस प्रकार से नए होम लोन लेने वाले व्यक्ति लंबी अवधि का विकल्प चुनकर अपनी EMI के बोझ को कम कर सकते हैं. साथ ही इससे आवेदक की पात्रता भी बढ़ती है. हालांकि, लंबी अवधि के लिए लोन पर आपको इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.
क्योंकि होम लोन (Home loan) एक लॉन्ग-टर्म कमिटमेंट होता है. इसलिए इंट्रेस्ट रेट्स में मामूली सा आधा प्रतिशत का अंतर भी उस होम लोन की राशि पर बहुत अंतर डाल सकता है, जो लोन लेने वाले को बैंक चुकानी होती है. इसीलिए होम लोन लेने से पहले आपको रिसर्च करना बहुत जरूरी होता है.आपको किसी भी प्रकार का होम लोन फाइनल करने से पहले एक बार सभी बैंकों या कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले लोन पर इंटरेस्ट रेट की तुलना कर लेनी चाहिए. थर्ड-पार्टी पोर्टल विभिन्न उधारदाताओं द्वारा लगाए गए इंट्रेस्ट रेट्स और अन्य शुल्कों की स्पष्ट रूप से पुष्टि कर सकता है.
इसके अलावा अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री अच्छी है, तो आपको बेहतर इंट्रेस्ट रेट भी मिल सकता है. इसलिए आपको सभी बैंकों के लिए होम लोन की ब्याज दरों की तुलना करनी चाहिए और फिर किसी विशेष बैंक या होम लोन प्रोडक्ट के बारे में निर्णय लेना चाहिए. साथ ही त्योहारों के दौरान खरीदारी करने से आपको अच्छी डील मिल सकती है.
भारत में अधिकांश बैंक कुल मूल्य का 90% फाइनेंस कर देते हैं. जिससे लोन लेने वाले व्यक्ति को शेष राशि को डाउन पेमेंट के रूप में देना होती है. ज्यादातर लोग मिनिमम डाउन पेमेंट का विकल्प चुनने का प्रयास करते हैं. लेकिन अगर खरीदार डाउन पेमेंट के रूप में 30% या 50% का भुगतान कर देता है, तो वह अधिक सेविंग्स कर सकता है क्योंकि आप शुरू में जितना अधिक भुगतान करेंगे, लोन ली गयी राशि उतनी ही कम हो जाएगी, जो सीधे आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले ब्याज को कम करती है.
यह एक ऐसा विकल्प है, जो स्मार्ट होम लोन लेने वाले लोगों द्वारा पसंद किया जाता है. क्योंकि वे अपने होम लोन (Home loan) को सहेजते हैं और पूर्व भुगतान करते हैं. यह न केवल कुल देय राशि को कम करता है, बल्कि आपकी ब्याज दर को भी कम करने में मदद करता है. लोन के पहले कुछ वर्षों के दौरान, मूल राशि के लिए किए गए भुगतान की तुलना में ब्याज के लिए अधिक भुगतान किया जाता है. बार-बार पूर्व भुगतान करने से मूलधन में काफी कमी आ जाती है, जिससे कुल इंट्रेस्ट रेट भी कम हो जाता है और साथ ही, प्रीपेमेंट या अर्ली फोरक्लोजर के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लगता है.
एक बकाया लोन की पूरी मूल राशि को कम-ब्याज वाले बैंक में ट्रांसफर करना बैलेंस ट्रांसफर के रूप में जाना जाता है. मौजूदा होम लोन (Home loan) लेने वाले लोग इसे तब चुन सकते हैं, जब होम लोन (Home loan) का ब्याज पूर्व भुगतान के बाद भी अन्य उधारदाताओं की तुलना में अधिक हो.