Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं करने के बहाने तो हजार हो सकते हैं, लेकिन सच बात ये है कि इसमें निवेश नहीं करने का एक भी ठोस कारण नहीं है. यहां हमने ऐसे 9 कारण ढूंढे हैं, जिनके बारे में विचार करने के बाद आपको फैसला करने में आसानी होगी कि म्यूचुअल फंड से दूर रहना बेहतर है या नहीं.
1. वैल्थ क्रिएशन नहीं करना है तो…
अगर आपको वैल्थ क्रिएशन (संपत्ति का सर्जन) नहीं करना है, तो बेशक आप म्यूचुअल फंड से दूर रह सकते है. लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न कमाने के लिए म्यूचुअल फंड बेहतरीन साधन है. पिछले एक वर्ष में विभिन्न म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को 40-50% और पांच साल में औसतन 12-15% रिटर्न कमाके दिया है, जो बैंक FD, रिकरिंग डिपॉजिट के मुकाबले अधिक है. म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि तक निवेश करने से धन बनाने का मौका मिलता है.
2. पावर ऑफ कंपाउंडिंग का फायदा नहीं लेना है तो…
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने जिसे दुनिया का आठवां अजूबा माना है, उस पावर ऑफ कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि ब्याज) का फायदा नहीं लेना चाहते है, तो म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं करना चाहिए. चक्रवृद्धि ब्याज के कारण समय के साथ आपका निवेश तेज गति से बढ़ता है. मान लीजिए, आप हर महीने 5,000 रूपये निवेश करते है, तो 20 साल बाद आपको 38.30 लाख रूपये मिलेंगे. हमने यह गिनती केवल 10% रिटर्न के हिसाब से की है, वहीं म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि में 12-15% रिटर्न मिलना मुश्किल नहीं है.
3. मुद्रास्फीति से ज़्यादा रिटर्न नहीं कमाना है तो…
यदि आप केवल बैंक FD के महंगाई दर से भी कम रिटर्न से खुश है तो म्यूचुअल फंड के बारे में नहीं सोचना चाहिए. आप मुद्रास्फीति से ज़्यादा रिटर्न नहीं कमाना चाहते है तो इससे दूर रहे. याद रखें, पिछल 10 साल में भारत में महंगाई दर औसतन 6% पाई गई है और अगर यही दर बरकरार रही तो, आज जो चीज आपको 1,000 रूपये में मिलती है, वह 30 साल बाद 5,743 रूपये में मिलेगी. अगर आप महंगाई को हराना चाहते है, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड बेहतर हथियार है.
4. निवेश में विविधता नहीं लानी है तो…
आप केवल एक ही प्रकार के निवेश से खुश है, तो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं करना चाहिए. किसी एक एसेट में निवेश करने से कंसंट्रेशन रिस्क बढ़ता है. वहीं, म्यूचुअल फंड से विभिन्न परिसंपत्तियों, शेयरों, बांडों, गोल्ड और छोटी से बडी कंपनी में निवेश करके रिस्क को डायवर्सिफाइ करने का मौका मिलता है. इस तरह से जब आपकी एक एसेट का प्रदर्शन खराब होगा, तब दूसरे उसकी नुकसान की भरपाई कर देंगे.
5. टैक्स बेनिफिट नहीं लेना है तो…
म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) की इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) केटेगरी आपको टैक्स बचाने में मदद करती है. यह स्कीम अधिकतम टैक्स बचाने का एक इंवेस्टमेंट मेथड है. इससे आपको निवेश पर पैसा कमाने के साथ-साथ टैक्स बचाने का भी मौका मिलता है. सेक्शन 80C के तहत आप सालाना 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स रिबेट क्लैम कर सकते है.
6. एक्सपर्ट की मदद से निवेश नहीं करना है तो…
म्यूचुअल फंड स्कीम में जमा धन का प्रबंधन कुशल प्रबंधकों द्वारा किया जाता है. यह प्रबंधक बाज़ार के उतार-चढाव और अर्थतंत्र में हो रहे बदलाव के अनुसार निवेश की रणनीति बदल के अधिकतम रिटर्न हासिल करने का प्रयास करते है. इनके कारण आपको इन सब झमेलों का सामना किए बगैर केवल रिटर्न का आनंद लेने का मौका मिलता है.
7. ज़ोखिम लेने की क्षमता नहीं बढ़ानी है तो…
म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) आपको ज़ोखिम लेने की क्षमता के आधार पर निवेश करने का मौका देते है. आप उम्र, टार्गेट और अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर लार्ज-केप, स्मॉल-केप, मिड-केप, हाइब्रीड फंड या डेट फंड में निवेश कर सकते है. ज़ोखिम को इतने सारे प्रकार के बीच डिवाइड करके निवेश का मौका शायद ही किसी इंस्ट्रुमेंट में मिलता है. आप छोटी उम्र में अधिक ज़ोखिम के साथ अधिक रिटर्न का आनंद ले सकते है.
8. लिक्विडिटी का फायदा नहीं लेना है तो…
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में लिक्विडिटी पर्याप्त होती है. आप जब चाहे अपना पैसा निकाल सकते है. इमर्जेंसी के वक्त पैसें की ज़रूरत हो तो आसानी से केवल 1 से 3 दिन में पैसे आपके बैंक अकाउंट में जमा हो जाते है.
9. जीवन में अनुशासन नहीं लाना है तो…
जो निवेशक एकमुश्त निवेश नहीं कर सकते है, उनके लिए सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) बहुत ही अच्छा विकल्प है. SIP से आप हर महीने किश्तों के रूप में छोटे और प्रबंधनीय निवेश कर सकते है और इस तरह से अनुशासन के साथ निवेश करने का मौका मिलता है और यह आदत आपके ज़ीवन के अन्य चरणों में भी काम आती है. अपने ज़ीवन में वित्तीय अनुशासन लाना है तो म्यूचुअल फंड SIP के अलावा कोई विकल्प नहीं है.