हर महीने के आखिर में हम एक मैसेज का बेसब्री से इंतजार करते हैं. वह है, ‘आपके खाते में XXX राशि जमा की जाती है.’ है ना? रोजाना की जिंदगी को चलाने के लिए नौकरीपेशा व्यक्ति सिर्फ तनख्वाह पर निर्भर होता है. सैलरी के हिसाब से लोग हर महीने का अपना बजट तैयार करते हैं. अगर कैश के इनफ्लो और आउटफ्लो का खास ख्याल रखेंगे, तो भविष्य में इन समस्याओं से नहीं गुजरना पड़ेगा.
जॉन रैम्पटन ने बिल्कुल सही कहा था, ‘पैसे को अपना जीवन न चलाने दें, बल्कि पैसों की मदद से जिंदगी को बेहतर बनाएं.’ लेकिन ऐसा करने के लिए आपको कैश का मैनेजमेंट सीखना होगा. अगर आप इस कला को सीख लेते हैं तो आने वाली जिंदगी में लंबा सफर तय करेंगे.
आइए जानते हैं कि वे कौन से गोल्डन रूल हैं, जो आपको जरूर समझने और जिंदगी में उतारने चाहिए.
कैश फ्लो को मैनेज करने के लिए सबसे पहले आपको बजट तैयार करना सीखना होगा. यानी, कैश इनफ्लो का प्लान. आपको अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति को देखते हुए आगामी खर्चों की तैयारी करनी होगी. जैसे एंटरटेनमेंट, एजुकेशन और अन्य चीजें. इससे खर्च की प्राथमिकता तय करने में मदद मिलेगी. बजट एक रोड मैप के रूप में कार्य करता है. यह अच्छे कैश फ्लो के मैनेजमेंट के रूप में बेहद महत्वपूर्ण है.
इसके जरिए पता लगाएं कि आप कितना कमा रहे हैं और कितना खर्च कर रहे हैं. इससे खर्च और कमाई के अनुपात को समझ पाएंगे, ताकि भविष्य में आपके ऊपर देनदारी कम हो सकें.
सबसे जरूरी चीज है कि आपको प्लानिंग के दौरान कैश फ्लो को ध्यान में रखते हुए लक्ष्य निर्धारित करने होंगे. इसका सबसे अच्छा तरीका है कि अपने लक्ष्यों के बारे में लिखें, जैसे कि आप क्या बनना चाहते हैं. ऐसे लक्ष्य बनाएं जिसमें लगातार प्रदर्शन की डिमांड हो. टार्गेट निर्धारित करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है-
अपने लक्ष्यों को निर्धारित करते वक्त हमेशा ध्यान रखिए कि वो वास्तविकता के काफी करीब हों. साथ ही उनके निर्धारण के वक्त उपरोक्त बिंदुओं का भी खास ख्याल रखें. जब आप लक्ष्यों की सूची तैयार कर लेंगे, तो आप खुद-ब-खुद बचत की अच्छी आदतों के लिए मोटिवेटेड रहेंगे.
अच्छे कैश फ्लो मैनेजमेंट से मतलब होता है कि अगली सैलरी आने से पहले भी आपके पास पैसे बचे होने चाहिए. आपको सिर्फ कैश को मैनेज करना नहीं आना चाहिए, बल्कि ध्यान में रखना चाहिए कि बचत वाले पैसों को इनवेस्ट कर कमाई करें. अतिरिक्त कमाई केक पर चैरी जैसे होती है, जो सबसे अधिक पसंद आती है.
आपको सैलरी हासिल करने के बाद उन खर्चों को ध्यान में रखना चाहिए जो तय हैं. जैसे कि किराया, नौकरानी की तनख्वाह, मासिक किराने का सामान, आदि. इन सब के बारे में प्लान करने से आपको अंदाजा होगा कि कितना पैसा बचा, कितना पैसा निवेश करना है और कितना लग्जरी पर खर्च हो सकता है.
पैसा बचाना ही पैसा कमाना है. इसलिए आपको अपने खर्चों पर नजर रखनी चाहिए. कई बार छोटी-छोटी खरीददारी तेजी से बड़े अमाउंट में बदल जाती है. अगर कोई अज्ञात इमरजेंसी आ गई, तो बड़ा खर्च उठाने के लिए आपको तैयार रहना चाहिए.
अगर इन खर्चों को समय पर नहीं पहचानेंगे, तो कमाई से ज्यादा खर्च करने के लिए मजबूर होंगे. हमेशा खर्चों को कैटेगराइज्ड करें और देखें कि उन पर नियंत्रण पाना कितना मुश्किल है. स्मार्टफोन में ऐप्लीकेशन डाउनलोड करके भी अपने खर्चों पर नजर रख सकते हैं.
जब तक सैलरी अनुमति न दे, तब तक बेवजह के खर्चों से बचें. कई बार लोग बिना जरूरत के ही लोन ले लेते हैं. किसी भी नए लोन को लेने से पहले सैलरी को जांच लें. कोई भी बैंक केवल आपकी सैलरी और क्रेडिट रिपोर्ट को ध्यान में रखता है. आप इसका भुगतान कर सकते हैं या नहीं, यह बजट के आधार पर आप पर निर्भर है. इसलिए जब तक आवश्यक न हो, किसी भी मासिक खर्च के लिए तैयार न हों.
हम आसानी से क्रेडिट कार्ड से खर्चा कर लेते हैं. यह समझना जरूरी है कि क्या हमें वास्तव में क्रेडिट कार्ड और सर्विस से जुड़े ब्याज का भुगतान करने की जरूरत है? उन चीजों को खरीदने की आवश्यकता के बारे में सोचें या अगले साइकल के लिए उसे टाल दें. जरूरत पड़ने पर ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना चाहिए.
कोई भी मेहनत एक दिन में नहीं रंग लाती है. अच्छी चीजों के लिए वक्त लगता है. कैश फ्लो की प्रक्रिया को मैनेज करें और वह धीरे-धीरे ट्रैक पर आती दिखाई देगी. अपने अंदर अच्छी फाइनेंशियल आदतें डालें. यह आपके भविष्य और आर्थिक स्थिति को और बेहतर बनाएगी.
पहले कुछ महीनों में लक्ष्य हासिल न होने पर निराश न हों. यह एक अभ्यास है, जिसमें समय लगता है.
पैसों का बेहद सावधानी के साथ इस्तेमाल करें. डिस्काउंट, कूपन, सेल्स और ऑफर्स के आधार पर खरीददारी करें. आपका मकसद अधिक से अधिक पैसों का सही इस्तेमाल होना चाहिए.
यदि आप किसी भी कारण से कैश फ्लो और इनवेस्टमेंट का मैनेजमेंट करने में सक्षम नहीं हैं तो हमेशा यह सुझाव दिया जाता है कि किसी वित्तीय सलाहकार की मदद लें. यह सलाहकार आपकी लक्ष्यों को पाने और अच्छी फाइनेंशियल रणनीति तैयार करने में मदद करेगा. किसी सलाहकार की मदद से लक्ष्यों को बेहद आसानी के साथ हासिल किया जा सकता है.
ध्यान रखें कि नौकरी पेशा व्यक्ति के लिए सैलरी कैश को मैनेज करना बेहद महत्वपूर्ण होता है. भविष्य को बेहतर बनाने के लिए स्वस्थ वित्तीय आदतें विकसित करनी चाहिए. बेहतर कैश फ्लो मैनेजमेंट न केवल आपको बचाने में मदद करेगा, बल्कि अच्छे रिटायरमेंट की योजना में भी मदद करेगा.
जैसा कि रोबर्ट कियोसाकी ने कहा है, ‘यदि कैश फ्लो मैनेजमेंट आपकी समस्या है तो अधिक बनाने से आपकी समस्या का समाधान नहीं होगा.’ आखिरी बात जो बेहद जरूरी है, छोटे-छोटे लक्ष्य बनाएं. छोटे कदमों के जरिए अपनी ग्रोथ तय करें. इससे आप आसानी के साथ सैलरी को मैनेज कर पाएंगे.
(लेखक फिनटू (Fintoo) के संस्थापक हैं. ये उनके निजी विचार हैं)