मंदी और अस्थिर मार्केट में अपने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो को कैसे सुरक्षित रखें?

डायनेमिक एसेट आपके निवेश में डाइवर्सिफिकेशन लाकर नेगेटिव जोखिम को कम करने में मदद करता है.

  • Team Money9
  • Updated Date - October 25, 2021, 11:25 IST
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पोर्टफोलियो एलोकेशन एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. इक्विटी, डेट और गोल्ड में हर किसी के पास एसेट एलोकेशन प्लान होना चाहिए

पोर्टफोलियो एलोकेशन एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. इक्विटी, डेट और गोल्ड में हर किसी के पास एसेट एलोकेशन प्लान होना चाहिए

क्या कोई है, जिसने म्यूचुअल फंड और एसआईपी के बारे में नहीं सुना है? या ‘म्यूचुअल फंड सही है’ कैंपेन को नहीं देखा हो? अगर कोई निवेश करना चाहता है, तो म्युचुअल फंड को हमेशा निवेश के सबसे बेहतरीन तरीकों में से एक के रूप में माना जाता है ताकि स्वस्थ रिटर्न प्राप्त हो सके.

कोविड-19 महामारी के बीच भारतीय म्यूचुअल फंड स्पेस में विस्तार देखा गया है. टॉप फंड हाउसों ने इस साल अपने मैनेजमेंट के तहत संपत्ति (एयूएम) में 8-16 की लिमिट में इजाफा दर्ज किया है.

भारतीय म्युचुअल फंड बाजार AUM ने हाल ही में 36 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर लिया है. अगस्त 2021 के महीने के लिए भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के मैनेजमेंट के तहत औसत संपत्ति (AUM) 36,09,471 करोड़ रुपए रही. 31 अगस्त, 2021 तक भारतीय म्युचुअल फंड इंडस्ट्री के मैनेजमेंट के तहत संपत्ति (AUM) 36,59,445 करोड़ रुपए थी.

निवेश सेक्टर के रूप में म्यूचुअल फंड कैटेगरी में पिछले 1.5 सालों में एक बड़ी तेजी देखी गई है. गौरतलब है कि इस रैली में म्यूचुअल फंड ने 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है.

अब, जब निफ्टी 18k के स्तर पर पहुंच रहा है और सेंसेक्स पहली बार 60 हजार का आंकड़ा पार कर चुका है, तो पिछले रिटर्न को खोने का डर भी वाजिब है. म्युचुअल फंड/एसआईपी निवेशकों के मन में एक चिंता है कि मार्केट में निवेश किए रहें या नहीं. यहां कुछ तकनीक दी गई हैं जिनका आप ऐसे उच्च अस्थिर बाजार में इन बातों का पालन कर सकते हैं.

1. डायनेमिक एसेट एलोकेशन (बैलेंस्ड एडवांटेज) फंड के साथ रीबैलेंस पोर्टफोलियो

डायनेमिक एसेट आपके निवेश में डाइवर्सिफिकेशन लाकर नेगेटिव जोखिम को कम करने में मदद करता है. यह सभी एसेट क्लास के परफॉर्मेंस को ट्रैक करता है और ज्यादा मूल्यवान संपत्तियों से आवंटन को कम करता है, और उचित मूल्य निर्धारण के समय आवंटित करता है.

2. SIP के जरिए निवेश करें

एसआईपी तरीका आपको बाजार में गिरावट होने पर अधिक यूनिट खरीदने में मदद करती है, जो कीमत को औसत करने में मदद करती है.

3. एकमुश्त के बजाय STP के जरिए निवेश करें

यदि आप एकमुश्त मोड के साथ बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो हमेशा सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) मॉडल के जरिए निवेश करना पसंद किया जाता है. एसटीपी के जरिए, आपके फंड को डेट मार्केट में पार्क किया जाता है और कुछ किश्तों में इक्विटी मार्केट में निवेश किया जाता है, जो अस्थिरता को हराने में मदद करता है.

4. गोल-ओरिएंटेड निवेश में बने रहें

अगर आपने अपना पैसा लंबी अवधि के लिए निवेश किया है, जो किसी भी गोल टारगेट से जुड़ा है. साथ ही इसकी निवेश अवधि 10 साल से अधिक है, तो आप इसमें निवेश कर सकते हैं, क्योंकि बाजार स्तर के बावजूद, इक्विटी मार्केट ने 10 साल में कभी नेगेटिव रिटर्न नहीं दिया है.

म्यूचुअल इंडस्ट्री का AUM मई 2014 में पहली बार 10 लाख करोड़ रुपए के माइलस्टोन को पार कर गया था और लगभग तीन साल की छोटी अवधि में, अगस्त 2017 में AUM का आकार 2 गुना से अधिक बढ़कर 20 लाख करोड़ रुपए हो गया था. नवंबर 2020 में पहली बार एयूएम का आकार 30 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने मई 2021 के महीने में 10 करोड़ फोलियो का एक मील का पत्थर पार किया था.

31 अगस्त, 2021 को खातों की कुल संख्या (या म्यूचुअल फंड की भाषा के अनुसार फोलियो) 10.86 करोड़ (108.6 मिलियन) थी, जबकि इक्विटी, हाइब्रिड और सॉल्यूशन उन्मुख ओरिएंटेड के तहत फोलियो की संख्या, जिसमें अधिकतम इनवेस्टमेंट रिटेल से है, ये सेक्टर खंड लगभग 8.95 करोड़ (89.5 मिलियन) रहा था.

(लेखक जीसीएल सिक्योरिटीज लिमिटेड के वाइस-चेयरमैन हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं)

Published - October 25, 2021, 11:25 IST