म्यूचुअल फंड में कर रहे हैं निवेश? इन तरीकों से पा सकते हैं ज्यादा रिटर्न

Mutual Fund: म्यूचुअल फंड में आप किस मकसद से निवेश करना चाहते हैं इस बात को ध्यान रखते हुए म्यूचुअल फंड का चुनाव करें.

mutual fund, debt fund, equity fund, return, investment

Picture: Pixabay, डेट (debt) के मुकाबले इक्विटी हमेशा अधिक रिटर्न देता है लेकिन जोखिम भी अधिक होता है.

Picture: Pixabay, डेट (debt) के मुकाबले इक्विटी हमेशा अधिक रिटर्न देता है लेकिन जोखिम भी अधिक होता है.

बदलते वक्त में म्यूचुअल फंड (mutual funds) निवेश के बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है. बैंक एफडी (FD) और दूसरे फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स के घटते रिटर्न के बीच लोगों का म्यूचुअल फंड की तरफ रुझान बढ़ा है. अगर आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं तो आपके लिए म्यूचुअल फंड (mutual funds) अच्छा ऑप्शन है. हालांकि, म्यूचुअल फंड (mutual funds) निवेश बाजार जोखिम के अधीन हैं, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपने निवेश पर ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं. हम ऐसे ही कुछ तरीकों का यहां जिक्र कर रहे हैं..

म्यूचुअल फंड कैसे चुनें

म्यूचुअल फंड (mutual funds) में आप किस मकसद से निवेश करना चाहते हैं इस बात को ध्यान रखते हुए म्यूचुअल फंड का चुनाव करें. अगर आपको लॉन्ग टर्म निवेश करना है तो इक्विटी म्यूचुअल फंड फायदेमंद होते हैं. वहीं कम समय के निवेश के लिए डेट फंड या लिक्विड फंड बेहतर होते हैं. इसके अलावा डायरेक्ट प्लान भी अच्छा ओप्शन है. इसे पसंद करने से आपको इनवेस्टमेंट पर 1%-1.5% ज्यादा रिटर्न मिल सकता है. रेगुलर प्लान में 1-1.5% ब्रोकरेज चुकाना पड़ता है. रेगुलर प्लान के मुकाबले डायरेक्ट प्लान का एक्सपेंस रेशियो (expense ratio) कम होता है.

एसआईपी बेहतर

म्यूचुअल फंड (mutual funds) कई तरह के होते हैं. मगर SIP के जरिए इनवेस्टमेंट को सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. सर्टिफाइड फाइनांसियल प्लानर विशाल शाह कहते हैं कि म्यूचुअल फंड में सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी SIP के जरिये छोटी रकम से निवेश की शुरुआत की जा सकती है. इसके अलावा अगर आप एक से अधिक SIP में निवेश करने वाले हैं तो एक ही फंड हाउस की स्कीमों में पैसा न लगाएं, बल्कि अलग-अलग फंड हाउसों में निवेश करें.

डाइवर्सिफिकेशन

एक्सपर्ट के मुताबिक, निवेशकों को अपनी जोखिम लेने की छमता के अनुसार स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लॉर्ज-कैप फंड में निवेश करनी चाहिए. एक अधिक जोखिम लेने वाले निवेशक को अपने फंड का 60 फीसदी स्मॉल-कैप, 20 फीसदी मिड-कैप , 10 फीसदी इंडेक्स फंड और 10 फीसदी लॉर्ज-कैप में निवेश करना चाहिए.

डेट या इक्विटी ?

म्यूचुअल फंड हाउस (mutual funds निवेशकों को डेट (debt) और इक्विटी (equity) दोनों में निवेश करने का विकल्प उपलब्ध कराते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि उम्र बढ़ने के साथ जोखिम लेने की क्षमता कम होती जाती है. डेट (debt) के मुकाबले इक्विटी हमेशा अधिक रिटर्न देता है लेकिन जोखिम भी अधिक होता है.

स्टेप-अप SIP को चुनें

आप हर महीने SIP के जरिए निवेश करते हैं तो उसमें थोड़ा इजाफा करने से रिटर्न में बहुत बड़ा फायदा होता है, जिसे स्टेप-अप SIP कहते हैं. मान लीजिए, आप हर महीने 30,000 रुपये की SIP से 10 साल तक निवेश करते हैं तो सालाना 12.5% रिटर्न के हिसाब से कुल 71.82 लाख रुपये का फंड जुटा पाएंगे. यदि आप हर साल इसमें 10% इजाफा करते है, यानी पहले साल हर महीने 30,000 रुपये फिर दूसरे साल हर महीने 33,000 रुपये, फिर 36,000 रुपये और ऐसे ही 10 साल तक निवेश करने से कुल 96.95 लाख रुपये की राशि इकट्ठा कर पाएंगे. यानी, हर साल सिर्फ 10% इजाफा करने से आप 35% ज्यादा बचत कर सकते हैं.

पिछला रिकॉर्ड करें चेक

किसी भी म्यूचुअल फंड (mutual funds को चुनते वक्त उसके पिछले रिकॉर्ड की जानकारी होनी जरूरी है. इससे आपको कंपनी की हिस्ट्री और फंड का परफॉर्मेंस रिकॉर्ड पता होगा. इससे आप जान सकेंगे कि फंड ने पहले कितने प्रतिशत तक रिटर्न दिया है.

Published - July 19, 2021, 04:31 IST