फाइनेंशियल टार्गेट के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश करना ही स्मार्ट इन्वेस्टर की निशानी है. किसी भी व्यक्ति को अपनी शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न एसेट क्लास में निवेश करके एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाना चाहिए. ज्यादातर निवेशकों के लक्ष्य आमतौर पर एक जैसे ही होते हैं, लेकिन उम्र और जोखिम लेने की क्षमता के आधार पर ये लक्ष्य हासिल करने के लिए म्यूचुअल फंड का सही इस्तेमाल करना जरूरी है.
वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए म्यूचुअल फंड को क्यों आदर्श माना जाता हैः
म्युचुअल फंड आपको विभिन्न प्रकार के विकल्प प्रदान करता है, जिनमें से प्रत्येक का एक अलग निवेश उद्देश्य है. AMFI-रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर विनय बोथरा बताते हैं, “आप वित्तीय अनुशासन स्थापित करने और संरचित और समय पर अपनी वित्तीय आकांक्षाओं को पूरा करने का मौका भी म्यूचुअल फंड निवेश से मिलता है. म्यूचुअल फंड एसेट एलोकेशन फंड भी प्रदान करते हैं जो आपकी उम्र के चरण के आधार पर आपको जोखिम कम करने में मदद करता है.”
किसी भी व्यक्ति की बेसिक वित्तीय जिम्मेदारियों में घर और कार खरीदना, वेकेशन पे जाना, बच्चों का एज्युकेशन और शादी करवाना, रिटायरमेंट के लिए सेविंग करना इत्यादि शामिल है. इन जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने के लिए आपको टार्गेट तय करके म्यूचुअल फंड स्कीम चुननी चाहिए.
बच्चों की एजूकेशन और शादी
इस लक्ष्य के लिए आपके पास पर्याप्त समय होता है. यह टार्गेट हासिल करने के लिए आपको प्रोटेक्शन पर महत्व देना चाहिए, यानि आपका निवेश ऐसी जगह होना जरूरी हो जहां ज्यादा सुरक्षा हो. आप 5 साल के गिल्ट फंड या 5-10 साल के डेट फंड्स में निवेश कर सकते हैं.
इसमें आपको ज्यादा रिटर्न तो नहीं मिलेगा लेकिन निवेश सुरक्षित रहेगा. यदि आप ज्यादा रिटर्न कमाना चाहते है तो इंडेक्स फंड चुन सकते है. इसे पेसिव इन्वेस्टिंग भी कहते हैं, जो एक्टिवली मैनेज्ड फंड्स के मुकाबले सस्ता विकल्प है. कम से कम 7 साल की अवधि के लिए इंडेक्स फंड में निवेश करना चाहिए.
आप गोल्ड फंड भी चुन सकते हैं. बच्चों की शादी में गोल्ड काम आ सकता है, इसलिए गोल्ड ETF यूनिट खरीदनी चाहिए. एक यूनिट 24 कैरेट सोने का 1 ग्राम जितना होता है. फिजिकल गोल्ड के मुकाबले पेपर गोल्ड खरीदना सस्ता और सुरक्षित माना जाता है. आप जरूरत पड़ने पर ऐसे निवेश को आसानी से निकाल भी सकते है.
टैक्स प्लानिंग
टैक्स बचाने के साथ साथ वैल्थ बढाने के लिए आप इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश कर सकते है. आप सालाना 1.5 लाख रुपये का रिबेट क्लैम कर सकते है. इसमें 3 साल का लोक-इन पीरियड होता है. आप टैक्सेबल इनकम के अनुसार मीडियम टर्म (3-5 साल) या लॉन्ग टर्म (5 साल से ज्यादा) के लिए इसमें निवेश कर सकते हैं.
कार या घर खरीदना, वेकेशन पे जानाः
घर के लिए आपको होम लोन मिलती है, लेकिन डाउनपेमेंट के लिए पैसे की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए डायनेमिक एसेट अलोकेशन फंड्स बेहतर विकल्प है. यह हाइब्रिड फंड्स होते है, जो इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते है. आपके कार और घर खरीदने के टार्गेट के लिए कितना वक्त है उसके आधार पर आप शॉर्ट-टर्म या शॉर्ट से मीडियम टर्म के लिए निवेश कर सकते हैं.
रिटायरमेंट
इस टार्गेट के लिए जीवन के किसी भी समय शुरुआत कर देनी चाहिए, जितनी जल्दी शुरुआत करेंगे उतना ही ज्यादा फायदा मिलेगा. अगर आपकी उम्र 40 के अंदर है तो आपको इक्विटी फंड्स में आक्रामक निवेश करना चाहिए. यदि 40 से ऊपर है तो इक्विटी-डेट का बैलेंस बनाकर निवेश करना चाहिए.
जैसे-जैसे उम्र बढती है वैसे-वैसे आपको सुरक्षा पर ज्यादा फोकस करना चाहिए. आप एसटे अलोकेशन फंड्स चुन सकते है, जो इक्विटी जैसी ज्यादा वोलेटाइल एसेट में निवेश कम करते जाते है और बॉन्ड, डिपोजिट जैसे स्थिर विकल्प में निवेश बढ़ाते जाते हैं.