हेल्दी मनी मैनेजमेंट की आदतों को खुद में कैसे करें शामिल

फाइनेंशियल फ्रीडम आपको मानसिक स्टेबिलिटी देती है. एक बार जब आपके डेट और एक्सपेंस बढ़ने लगते हैं, तो स्टेबिलिटी सपने की तरह लगने लगती है.

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अपने मासिक बजट को लिखना आपकी फाइनेंशियल प्‍लानिंग बनाने और अपनी गलतियों को समझने के लिए भी बेहद मददगार है

अपने मासिक बजट को लिखना आपकी फाइनेंशियल प्‍लानिंग बनाने और अपनी गलतियों को समझने के लिए भी बेहद मददगार है

Money Management: 2021 में YouGov की एक स्टडी के अनुसार, पांच में से दो शहरी भारतीय (40 प्रतिशत) अचानक आने वाली कठिनाइयों के लिए पैसे बचाने को अपनी प्राथमिकता मानते हैं. जब आप पैसा कमाना शुरू करते हैं तब फाइनेंशियल स्टेबिलिटी सबसे जरूरी गोल में से एक है . फाइनेंशियल फ्रीडम आपको शारीरिक और मानसिक स्टेबिलिटी देती है. हालांकि, एक बार जब आपके डेट और एक्सपेंस बढ़ने लगते हैं, तो स्टेबिलिटी और सेविंग एक सपने की तरह लगने लगती है.

आंकड़ों पर एक नज़र डालें, भारत की ग्रोस सेविंग रेट मार्च 2020 में 31.4% मापी गई, जबकि पिछले साल यह 30.6% थी. जैसा कि महामारी जारी है, भारतीय, इन्फ्लेशन और बेरोजगारी की संभावना के कारण अपने सेविंग अकाउंट को तोड़ सकते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पब्लिश एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शॉर्ट टर्म डिपॉजिट कर रहे हैं और म्यूचुअल फंड स्कीम्स में इन्वेस्टमेंट भी इस महामारी के चलते प्रभावित हुआ है. यह YouGov की स्टडी “ऑन द मनी: YouGov की ग्लोबल बैंकिंग एंड फाइनेंस रिपोर्ट 2021” में रिफ्लेक्ट हुआ था, कि डेट (कर्ज) चुकाना और रिटायरमेंट के लिए पैसा जमा करना इस साल भारतीयों की प्राथमिकता नहीं है- 22%

मुश्किल समय से निपटने के लिए आपको एक रणनीति बनानी होगी. यहां एक्सपर्ट्स की कुछ सलाह दी गई हैं:

अपना बजट ट्रैक करें

अगर आपको हैरानी होती है कि हर महीने के अंत में आपका पैसा कहां गया, तो यह आपके लिए बजट तैयार करने का समय है. मंथली बजट शुरुआत में आपको मुश्किल लग सकते है, लेकिन इससे आप अपने पैसे पर ज्यादा कंट्रोल रख पाएंगे.
50/30/20 नियम कहता है कि आप 50% आवश्यक वस्तुओं के लिए, 30% सोच समझकर खर्च के लिए और 20% बचत के लिए एलोकेट करते हैं. आप बिल और किराए जैसे जरूरी खर्चों को लिस्ट करके शुरू कर सकते हैं और फिर सरप्लस तय कर सकते हैं. अपने पिछले महीने के अकाउंट स्टेटमेंट को देखकर आप समझ पाएंगे कि किन खरीदारियों से बचा जा सकता था जो बहुत जरूरी नहीं थी. जितनी जल्दी हो सके अपने क्रेडिट कार्ड बिलों का भुगतान करें क्योंकि वो समय पर बिल ना भरने पर बहुत ज्यादा इंटरेस्ट लेते हैं. इसी तरह, अपने सभी लोन का समय पर भरें, जिससे आपको एक अच्छी क्रेडिट रिपोर्ट बनाने में भी मदद मिलेगी.

ऐसे कई ऐप मौजूद हैं जो एक प्लेटफॉर्म पर कई बैंक अकाउंट को इंटीग्रेट (एकीकृत) करने की अनुमति देते हैं. Walnut जैसे ऐप, खर्च और बचत का ट्रैक रखने में मदद करते हैं. ये ऐप पैसे को बेहतर ढंग से ऑर्गेनाइज करने में मदद करते हैं. यही नहीं ये ऐप आने वाले बिलर्स को भी नोटिफाई करते हैं और आपके रीपेमेंट शेड्यूल पर पकड़ बनाए रखते हैं.

एक इमरजेंसी फंड बनाएं

जीवन में आने वाले कठिन समय के लिए हमेशा तैयार रहें – यह कभी उतना ही मामूली हो सकता है जितना कि आपकी कार को मरम्मत की जरूरत है, या फिर अचानक आई कोई बड़ी मुश्किल जैसे बीमारी. इमरजेंसी फंड की एक आदर्श राशि आपकी वर्तमान आय के तीन से छह महीने की जोड़ी रकम हो सकती है, जिसका मतलब है कि आप कम से कम उतने महीनों के लिए खर्चों को मैनेज करने में सक्षम होंगे.

बीमारी जैसी मुश्किलों से निपटने के लिए, हेल्थ इंश्योरेंस बहुत जरूरी है. सुनिश्चित करें कि आपकी पॉलिसी आपकी पूर्व-मौजूदा स्थितियों को कवर करती है और अप-टू-डेट है.

पहले बचाएं, बाद में खर्च करें

ऊपर बताई गई 50/30/20 स्ट्रेटजी पर्याप्त बचत इकट्ठा करने में मददगार पाई गई है. इस प्रकार, आपकी इनकम का 20% आदर्श रूप से इस तरह से रखा जाना चाहिए कि जब तक आप एक फाइनेंशियल गोल हासिल नहीं कर लेते, तब तक आप इसका इस्तेमाल नहीं करेंगे. अपनी जरूरतों और चाहतों के बीच अंतर करें और सेविंग के लिए कमिटेड रहने के लिए लॉन्ग टर्म गोल सेट करें! उदाहरण के लिए, Maslife आपको सेविंग गोल सेट करने की अनुमति देता है और आपको ट्रैक पर बने रहने के लिए नोटीफाई भी करता है, ताकि आप आराम से बैठ सकें और ऐप को आपके लिए काम करने दें.

स्टे अप-टू-डेट

जब आप बदलते समय और जरूरतों के साथ तालमेल बिठाते हैं तो मनी मैनेजमेंट आसान हो जाता है. उदाहरण के लिए, जैसे-जैसे आपका परिवार बढ़ता है, आपको उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में बदलाव करना होगा. इसी तरह, बदलते समय के साथ, आपको अपने पैसे को डायवर्सिफाई करने के लिए एक डायवर्स पोर्टफोलियो में निवेश करने पर विचार करना होगा. ताकी आप घर खरीदने और अपने रिटायरमेंट के लिए एक अच्छा कॉर्पस जमा कर सके.
इनमें से कई खर्चों को मैनेज करना मुश्किल लग सकता है,

आखिरकार आपके पास मल्टीपिल अकाउंट या कार्ड होंगे जिन्हें ट्रैक करना आसान नहीं होगा. ऐसे में एक पर्सनल मनी मैनेजमेंट ऐप के बारे में आप सोच सकते हैं जो ओपन बैंकिंग एपीआई के साथ इंटिग्रेटिड है और आपकी सभी फाइनेंशियल इनफार्मेशन को एक सिंगल एप्लिकेशन में समाहित करता है. एक इंडीविजुअल फाइनेंशियल प्लानर की जगह, नए जमाने के ऐप चुनें, जिसमें उन बैंक खातों से UPI/BBPS के माध्यम से पेमेंट करने की सहूलियत के साथ इनबिल्ट पर्सनल फाइनेंस मैनेजमेंट फीचर हों, जिनसे आप पहले से भुगतान कर रहे हैं.
(लेखक मोबाइलवेयर टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर और CEO हैं. व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत हैं)

Published - July 12, 2021, 04:51 IST