Tax-Saving Schemes of Post-Office: यदि आप सुरक्षित रिटर्न के साथ विश्वसनीय और जोखिम मुक्त निवेश उपकरणों कि तलाश में हैं और आपका इरादा आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अनुसार आयकर लाभ लेने का है, तो पूरे देश में डाकघरों द्वारा संचालित अलग-अलग स्कीम का इस्तेमाल कर सकते हैं. डाकघर कर बचत योजना में सार्वजनिक भविष्य निधि, सुकन्या समृद्धि खाता, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, डाकघर बचत खाता और 5 साल की सावधि जमा जैसी विभिन्न योजनाएं शामिल हैं.
पब्लिक प्रोविडन्ट फंड (PPF) स्कीम का सबसे ज्यादा फायदा सैलरिड-क्लास के लोग उठाते हैं, क्योंकि एक वित्त वर्ष में इसमें किए गए 1.5 लाख रूपये के निवेश पर आप टेक्स डिडक्शन मांग सकते हैं. मैच्योरिटी के बाद मिलने वाली ब्याज की रकम और आपकी पूंजी भी टैक्स-फ्री हैं. इस स्कीम में आप एक वर्ष में न्यूनतम 500 रूपये और अधिकतम 1.50 लाख रूपये जमा कर सकते है. PPF में अभी सालाना 7.10 फीसदी का ब्याज मिल रहा है.
सुकन्या समृद्धि एकाउन्ट (SSA) में अभी 7.6 फीसदी ब्याज मिल रहा है. यह स्कीम का लाभ सिर्फ लडकियों के लिए माता-पिता द्वारा लिया जा सकता है. ये स्कीम बेटी के 21 साल के होने पर पूरी होती है. आप एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा कर सकते हैं. इसमें निवेश किए 1.5 लाख रुपये पर आप टैक्स-डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. मैच्योरिटी पर मिलने वाली ब्याज की रकम और आपकी जमा पूंजी पर भी कोई टैक्स नहीं लगता.
60 साल से अधिक उम्र कि व्यक्ति के लिए बनाइ गई सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) में आप न्यूनतम 1,000 रुपये और 1,000 रुपये के गुणाक में अधिकतम 15 लाख रुपये जमा कर सकते है. अभी 7.4 फीसदी ब्याज मिल रहा है. यह योजना आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर-कटौती के लिए योग्य है. हालांकि, ब्याज राशि 40,000 रुपये से अधिक होने पर TDS लागू होता है.
टाइम डिपॉजिट (TD) अकाउंट में आपको 1, 2 और 3 साल की अवधि पर 5.5 फीसदी, जबकि 5 साल की अवधि पर 6.7 फीसदी ब्याज मिलेगा. आप न्यूनतम 1,000 रुपये निवेश कर सकते हैं, और अधिकतम निवेश कि कोई सीमा नहीं, लेकिन आप साल में सिर्फ 1.5 लाख रुपये पर ही सेक्शन 80C के अनुसार टैक्स पर छूट मांग सकते है. अर्जित ब्याज पर टैक्स लागू होगा.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) स्कीम में न्यूनतम 1,000 रुपये या 100 रुपये के गुणाक में निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है. इस वक्त 6.8 फीसदी ब्याज मिल रहा है.
आप सालाना 1.5 लाख रुपये के लिए धारा 80C के तहत टैक्स-डिडक्शन का दावा कर सकते हैं. मैच्योरिटी और विद्ड्रॉल पर जमा कुल ब्याज टैक्सेबल है. हालांकि, जैसा कि योजना में पहले चार वर्षों के लिए वार्षिक ब्याज का पुनर्निवेश किया जाता है, इसे एक अलग निवेश माना जाता है और धारा 80C के तहत कर कटौती के लिए योग्य है.