Fund Of Funds: अधिक से अधिक भारतीय फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से विदेशों में निवेश कर रहे हैं. महामारी के बावजूद निवेशकों ने मार्च 2020 से विदेशों में निवेश करने वाले फंड ऑफ फंड्स (Fund Of Funds) में 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. पहले समझते हैं कि फंड ऑफ फंड्स है क्या.
फंड ऑफ फंड (एफओएफ) एक म्यूचुअल फंड योजना है, जो अन्य म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करती है. इसके अंतर्गत फंड मैनेजर सीधे इक्विटी या बॉन्ड में निवेश करने के बजाय किसी दूसरे म्यूचुअल फंड का पोर्टफोलियो लेता है.
कोई एफओएफ अपने ही फंड हाउस या किसी दूसरे फंड हाउस की योजना में निवेश कर सकता है. इसका पोर्टफोलियो रिस्क प्रोफाइल और वित्तीय लक्ष्यों में निवेशकों के अनुकूल बनाया जाता है.
एफओएफ स्वदेशी के साथ-साथ विदेशी भी हो सकता है. विदेशी एफओएफ के मामले में फंड मैनेजर ऑफशोर यानि दूसरे देशों की म्यूचुअल फंड योजनाओं की इकाइयों में निवेश करता है.
वह यह सुनिश्चित करता है कि लक्षित फंड की निवेश नीति और जोखिम प्रोफाइल फंड के घोषणापत्र से मेल खाता हो. उसका मुख्य उद्देश्य लंबी अवधि में धन अर्जित करना होता है.
फंड ऑफ फंड्स उन छोटे निवेशकों के लिए एक अच्छा दांव है, जो अधिक जोखिम नहीं लेना चाहते हैं. धन को कई जगह लगाने से जोखिम को कम करने में मदद मिलती है.
यह कम पूंजी वाले किसी निवेशक के लिए निवेश का एक बड़ा माध्यम भी है. इसके अलावा, जिन निवेशकों की निवेश सीमा पांच साल या उससे अधिक है, वे इस फंड में निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं.
इसके अलावा इन फंडों से निवेशक को ऐप्पल, फेसबुक, नेटफ्लिक्स, गूगल (अल्फाबेट) और अन्य जैसी दुनिया की बड़ी कम्पनियों के संपर्क में आने का अवसर मिलता है.
इस पोर्टफोलियो से जोखिम भी कम होता है क्योंकि दुनिया भर के बाजार शायद ही कभी एक साथ नीचे जाते हों.
अब जबकि आप समझ गए होंगे कि वास्तव में फंड ऑफ फंड्स क्या है और यह आपके लिए उपयुक्त है.
हम यहां पर सबसे अच्छा रिटर्न देने वाले पहले फंड ऑफ फंड्स को उनके पिछले 5 साल के रिटर्न के आधार पर चुनकर लाए हैं, जिनकी प्रबंधन के अधीन संपत्ति यानि एयूएम 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है.
एडलवाइस ग्रेटर चाइना इक्विटी ऑफ-शोर फंड आपको लंबी अवधि के लिए धन कमाने के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए चीनी बाजार की तेज़ी का फायदा उठाने का अवसर देता है.
यह एक ऐसी फंड ऑफ फंड्स योजना है, जिसका अर्थ है कि यह एक दूसरे म्यूचुअल फंड में निवेश करता है न कि दूसरे इक्विटी फंडों की तरह शेयरों में.
ये फंड बदले में टेनसेंट होल्डिंग्स, ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, अलीबाबा ग्रुप, मीचुआन क्लास बी, पिंग एन इंश्योरेंस (ग्रुप) और दूसरी कंपनियों में निवेश करते हैं.
एयूएम: 1,630 करोड़ रुपये
1 साल का सीएजीआर रिटर्न: 29.26%
3 साल का सीएजीआर रिटर्न: 25.07%
5 साल का सीएजीआर रिटर्न: 24.20%
स्थापना के बाद से: 15.28%
टाइप: ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम
व्यय अनुपात: 2.42%
न्यूनतम निवेश: 5,000 रुपये उसके बाद 1 रुपये के गुणकों में
बेंचमार्क: एमएससीआई गोल्डन ड्रैगन
फंड मैनेजर: भावेश जैन
फ्रैंकलिन इंडिया फीडर – फ्रैंकलिन यूएस ऑपर्च्युनिटीज फंड आपको अलग-अलग यूएस शेयरों को ख़ुद चुनने की आज़ादी देता है.
यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी फंड है जो फ्रैंकलिन यूएस अपॉर्चुनिटीज फंड में निवेश करता है, जो अमेज़ॅन, मास्टरकार्ड, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, वीज़ा और ऐसी ही दूसरी मज़बूत कंपनियों में निवेश करके अमेरिकी शेयर बाजार की तेज़ी का फायदा देता है.
एयूएम: 3,163 करोड़ रुपये
1 साल का सीएजीआर रिटर्न: 32.95%
3 साल का सीएजीआर रिटर्न: 25.20%
5 साल का सीएजीआर रिटर्न: 23.81%
स्थापना के बाद से: 18.98%
टाइप: ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम
व्यय अनुपात: 1.55%
न्यूनतम निवेश: 5,000 रुपये उसके बाद 1 रुपये के गुणकों में
बेंचमार्क: रसेल 3000 ग्रोथ
फंड मैनेजर: ग्रांट बॉवर्स और सारा अराघी
पीजीआईएम इंडिया ग्लोबल इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड विदेशी म्यूचुअल फंड की इकाइयों के अलग-अलग पोर्टफोलियो से लंबी अवधि में पूंजी लाभ पैदा करता है.
यह योजना मुख्य रूप से पीजीआईएम जेनिसन ग्लोबल इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड (मुख्य फंड) और/या इसी तरह के म्यूचुअल फंड की इकाइयों में निवेश करती है, जिसका निवेश उद्देश्य, रणनीति और रिस्क प्रोफाइल मुख्य फंड के जैसा ही होता है.
एयूएम: 1,239 करोड़ रुपये
1 साल का सीएजीआर रिटर्न: 33.55%
3 साल का सीएजीआर रिटर्न: 30.87%
5 साल का सीएजीआर रिटर्न: 22.29%
स्थापना के बाद से: 11.46%
टाइप: ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम
व्यय अनुपात: 1.33%
न्यूनतम निवेश: 5,000 रुपये उसके बाद 1 रुपये के गुणकों में
बेंचमार्क: एमएससीआई ऑल कंट्री वर्ल्ड
फंड मैनेजर: रवि अदुकिया
(डिस्क्लेमर: उपरोक्त सूची केवल जानकारी के उद्देश्य के लिए है. निवेश करने से पहले, कृपया अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श कर लें.)