Best Option for Short-Term Mutual Fund Investment: अगर आपका शॉर्ट टर्म या मीडियम टर्म का कोई वित्तीय लक्ष्य है तो सामान्य बचत खाते में पैसे रखने की बजाय सरप्लस फंड को आर्बिट्रेज फंड में निवेश कर सकते हैं. इससे इमरजेंसी फंड बनाने में मदद मिलेगी और बेहतर रिटर्न मिलेगा. एक्सपर्ट मानते हैं कि, अगर 6-12 महीने के लिए पैसे लगाने हैं तो आर्बिट्राज फंड्स ठीक हैं. चूंकि, ये इक्विटी म्यूचुअल फंड कैटेगरी के तहत आते हैं, ऐसे में इन पर डेट फंड्स के मुकाबले कम टैक्स लगता हैं.
किसी सिक्योरिटीज के भाव में अंतर का फायदा लेना आर्बिट्रेज है. आर्बिट्राज फंड्स इक्विटी आधारित हाइब्रिड फंड्स होते हैं जो कि दो या अधिक मार्केट्स में एक ही सिक्योरिटी के बीच बने हुए कीमतों के अंतर का फायदा उठाते हैं.
इक्विटी आधारित स्कीमों में इन फंड्स को सबसे सुरक्षित माना जाता है. साथ ही डेट फंड्स के मुकाबले इनमें ज्यादा बढ़िया टैक्स बेनेफिट्स भी मिलते हैं. एक निवेशक के तौर पर अगर आपको फ्यूचर्स और स्पॉट मार्केट्स में कीमतों में अंतर दिखाई देता है तो आप इससे कमाई करने का मौका हासिल कर सकते हैं. लेकिन, इसके लिए विशेषज्ञता की जरूरत होती है. इसी वजह से आर्बिट्राज फंड्स काम के साबित होते हैं.
आर्बिट्रेज फंड स्पॉट और फ्यूचर मार्केट में इक्विटी शेयरों के भाव में अंतर पर काम करता है. इसके लिए फंड मैनेजर शेयरों को कैश मार्केट में अभी खरीद लेता है और फिर इसे फ्यूचर या डेरिवेटिव मार्केट में बेच देता है. कॉस्ट प्राइस और सेलिंग प्राइस के बीच का अंतर ही निवेश पर रिटर्न दिलाता है. दोनों के बीच के अंतर का फायदा उठाकर रिस्क-फ्री मुनाफा कमाया जा सकता है.
आर्बिट्राज फंड्स में सेविंग बैंक अकाउंट जितना या उससे थोडा अधिक रिटर्न मिलता हैं. टॉप-5 आर्बिट्राज फंड्स ने पिछले 1 वर्ष में 3% से 3.5% रिटर्न दिया हैं. पिछले 3 साल में इन फंड्स का रिटर्न 4-5% के करीब और पिछले 5 साल में 5-5.5% की रेंज में रिटर्न दिया हैं.
आर्बिट्राज फंड्स का एक्सपेंस रेशियो 0.4% से 1% के करीब होता हैं. टॉप-5 आर्बिट्राज फंड्स का एक्सपेंस रेशियो 0.5% से भी कम हैं और इन फंड्स ने अपने बैंचमार्क से अधिक रिटर्न प्रदान किया हैं.
ये फंड्स तीन एसेट क्लास – इक्विटी, डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं. इक्विटी के लिए फंड मैनेजर को आर्बिट्राज अवसर के आधार पर उपलब्ध स्टॉक में निवेश करने की स्वतंत्रता होती है. जबकि ऋण हिस्से के लिए, AAA-रेटेड डेट पेपर जैसे सॉवरेन बॉन्ड, राज्य सरकार के बॉन्ड, जमा प्रमाणपत्र, वाणिज्यिक पत्र आदि में निवेश करते हैं, और नकद घटक मुख्य रूप से ट्रेजरी बिव, मार्जिन मनी और रेपो इंस्ट्रूमेंट में रखा जाता है.
अगर आपने इक्विटी फंड जैसे रिस्की ऑप्शंस में पहले ही निवेश कर रखा है तो इक्विटी फंड से आर्बिट्रेड फंड्स जैसे कम रिस्की विकल्प के लिए एक सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) शुरू कर सकते हैं. इससे पोर्टफोलियो को ओवरऑल रिस्क कम होगा.
एक साल से कम समय तक किए गए निवेश पर मुनाफा होता हैं, तो 15% शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स चुकाना होगा. 1 वर्ष से अधिक समय तक निवेश बनाए रखते हैं तो मुनाफे को लांग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) की श्रेणी में रखा जाएगा और वित्त वर्ष में 1 लाख रुपये से अधिक LTCG है तो बिना इंडेक्सेशन के फायदे के 10% की दर से टैक्स चुकाना होगा.
ये फंड्स उन निवेशकों के लिए बेहतर हैं जो इक्विटी एक्सपोजर चाहते हैं लेकिन उससे जुड़े रिस्क को लेकर चिंतित रहते हैं. ऐसे निवेशकों के लिए जब मार्केट में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक है तो अपने सरप्लस फंड के निवेश के लिए आर्बिट्रेज फंड सुरक्षित विकल्प है. शुद्ध डेट फंड में निवेश की बजाय आर्बिट्रेड फंड में उन लोगों के लिए निवेश बेहतर है जो अधिक दर वाले टैक्स स्लैब में आते हैं.