क्या होते हैं प्लोटिंग रेट बॉन्ड? निवेशकों की इनमें क्यों बढ़ रही दिलचस्पी

Floating Rate Bonds: बॉन्ड यील्ड अधिक होने की स्थिति में निवेशक FRB को पसंद करते हैं. निवेशक इसे सुरक्षात्मक निवेश विकल्प मानते हैं.

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निवेशकों को होने वाले भुगतान को निर्धारित करने में, उपयुक्त इंडेक्स का चुना और लुक-बैक पीरियड जैसे तत्वों का काफी महत्व होता है

निवेशकों को होने वाले भुगतान को निर्धारित करने में, उपयुक्त इंडेक्स का चुना और लुक-बैक पीरियड जैसे तत्वों का काफी महत्व होता है

इस साल फ्लोटिंग रेट बॉन्ड (Floating Rate Bonds) लोगों की रूचि में अचानक इजाफा हुआ है. अभी तक इसमें 21 हजार करोड़ रुपए का निवेश हो चुका है. सरकार भी इसे पेश करने में सक्रिय नजर आ रही है. हाल ही में पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन ने तीन वर्ष की अवधि वाला FRB जारी किया. आने वाले दिनों में कई और ऐसे बॉन्ड बाजार में आने वाले हैं.

Edelweiss Mutual Fund के मुताबिक, बॉन्ड यील्ड अधिक होने की स्थिति में निवेशक FRB को पसंद करते हैं. निवेशक इसे सुरक्षात्मक निवेश विकल्प मानते हैं. एक FRB में निम्न घटक शामिल होते हैं:

इंडेक्स

MIBOR, 3M या 6M T-Bills, Reuter’s INBMK जैसे बॉन्ड मार्केट में FRB लिक्विड माने जाते हैं. निवेशकों को होने वाले भुगतान को निर्धारित करने में, उपयुक्त इंडेक्स का चुना और लुक-बैक पीरियड जैसे तत्वों का काफी महत्व होता है.

रिसेट अवधि

एक निश्चित समयावधि में इंडेक्स रिसेट होते रहते हैं. भारत में तिमाही आधार पर FRBs रिसेट होते हैं. जल्दी रिसेट होने वाले FRB को अधिक पसंद किया जाता है, खास तौर पर उछाल की दशा में. जबकि गिरावट की दशा में देरी से रिसेट होने वाले बॉन्ड को पसंद किया जाता है.

Quoted Margin (QM)

यह वार्षिक आधार पर दिया जाने वाला स्प्रेड होता है, जिसे जारीकर्ता पेश करता है. FRB में पूरी अवधि के दौरान QM स्थिर बना रहता है. QM को टर्म प्रीमियम के तौर पर देखा जाता है.

म्च्योरिटी डेट

प्रत्येक FRB का एक म्च्योरिटी डेट होता है. इस तारीख पर निवेशक म्च्योरिटी वैल्य के साथ-साथ कूपन पेमेंट का हिस्सा मिलता है.

भुगतान क्रम

यह कूपन भुगतान किए जाने की अवधि होती है. यह रिसेट अवधि के समान होती है. विकसित देशों में FRB के कई प्रकार लोकप्रिय हैं.

FRB में निवेश की रणनीति

Edelweiss Mutual Fund का कहना है कि जब ब्याज दरें बढ़ोतरी की ओर होती हैं तो फंड मैनेजर FRB को पसंद करते हैं. MIBOR, 3M/6M T-Bills, INBMK में तेजी से निवेशकों ज्यादा कूपन मिलता है और इससे अधिक रिटर्न हासिल होता है.

Edelweiss के मुताबिक, “ 2005 से भारतीय डेट फंड मैनेजर FRB को लेकर काफी चतुर हो चुके हैं. MIBOR-आधारित FRBs ने अच्छी लोकप्रियता हासिल की है. 2012 में भारत सरकार ने थोक मूल्य सूचकांक से जुड़े TIPS के भारतीय रूप पेश किए, जिसे निवेशकों ने काफी पसंद किया.”

प्रमुख मुद्दे

निवेशकों को FRB से जुड़े निम्न बातों की समझना चाहिए:

चतुर निवेश

जब इंडेक्स में तेजी का दौर हो तो छोटी अवधि में FRB में निवेश करना फायदेमंद होता है. इसलिए इसमें प्रवेश करने और निकलने के समय के बारे में अच्छी समझ होनी चाहिए.

सेकंडरी मार्केट में तरलता

चूंकि FRB को तेजी के दौर में पसंद किया जाता है, इसलिए सेकंडरी मार्केट में इसकी तरलता काफी महत्व रखती है. जब तेजी का दौर हो तो तरलता बढ़ती है किंतु इंडेक्स स्तर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच जाता है तो तरलता कम होती है. कीमतों में उतार-चढ़ाव: लंबी अवधि के FRB में ज्यादा उतार-चढ़ाव आता है.

संरचना

FRB के विभिन्न प्रकार होते हैं. इसमें कैप व फ्लोर, स्टेप-अप संरचना, इंवर्स स्ट्रक्चर वगैरह शामिल हैं.

Issuer preference

किसी जारीकर्ता के लिए FRB पेश करना सस्ता पड़ता है. FRB की मांग अधिक होने पर कंपनियां इस पूर्ति भी बढ़ा देती है.

Published - August 19, 2021, 09:23 IST