Financial Mistakes: हम में से अधिकतर लोग अपने जीवन में कई बार ऐसी वित्तीय गलतियां (Financial Mistakes) कर देते हैं, जिनका प्रभाव हमें बाद में देखने को मिलता है. इसके कारण हमें वित्तीय संकट का सामना भी करना पड़ता है. जैसे अगर आप बजट नहीं बनाते हैं तो ये आपके खराब मैनेजमेंट का उदाहरण है. बजट बनाने का मकसद आर्थिक हालातों को कठिन बनाने की बजाए अपनी कमाई के अनुसार खर्चों की योजना बनाकर बचत करना है. ऐसी परिस्थितियों में पड़ने से हम बच सकते हैं, अगर छोटी छोटी भूल न करें और अनुशासित रहें. मनी9 आपके ऐसी नौ जानकारियां देगा, जिनका आप ध्यान रखेंगे तो कभी वित्तीय संकट से नहीं गुजरना पड़ेगा.
जिंदगी में बजट बनाना बेहद जरूरी होता है, ऐसा न करने की कोई खास वजह नहीं होती है. इसलिए जीवन में बजट बनाना एक अच्छी आदत है.
अगर आप बजट नहीं बनाते हैं तो ये आपके खराब मैनेजमेंट का उदाहरण है. बजट बनाने का मकसद आर्थिक हालातों को कठिन बनाने की बजाए अपनी कमाई के अनुसार खर्चों की योजना बनाकर बचत करना है.
आय के अलावा अतिरिक्त कैश हासिल करने पर जोर दें, जिससे कमाई खर्च से अधिक हो. जितना संभव हो सके अनावश्यक खर्च को पहचानने और कम करने का प्रयास करें.
जीवन में आपको खर्च संभलकर करना चाहिए. कोशिश करें कि अपनी मासिक सैलरी से 70% से ज्यादा हिस्सा खर्च न करें. बाहर खाने जाने जैसी गैर-जरूरी चीजों पर अपना खर्च कम करें. आपको जीवन में गैर जरूरी खर्चों से बचना चाहिए जितना हो सके ऐसे खर्चों पर लगाम लगाएं.
इनवेस्टमेंट आपके भविष्य से जुड़ी सबसे जरूरी चीज होती है. जो लोग कम उम्र में निवेश करते हैं, उन्हें ज्यादा फायदा होता है.
अगर आप कम उम्र में निवेश शुरू कर देते हैं, तो 300 रुपए और 400 रुपए जैसे छोटे से निवेश के जरिए अनुशासित रहकर आप करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन ऐसा करने से पहले आपको अपने निवेश की भूख का अंदाजा लगाकर सही निवेश का चुनाव करना होगा.
इनवेस्टमेंट कभी जटिल नहीं होना चाहिए. आप रिटायरमेंट खाते में निवेश से अपनी शुरुआत कीजिए. अगर इसके भी आपके पास कैश बचता है तो दूसरे निवेशों की तरफ ध्यान दें. लेकिन उम्र के 20वें दौर में निवेश करने की गलती न करें.
इनवेस्टमेंट आपके मनी प्लान का हिस्सा होना चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो ये खुशी की बात है. स्मार्ट तरीके से इनवेस्टमेंट करेंगे तो भविष्य में आप कई चुनौतियों में फंसने से बच जाएंगे.
मार्केट विशेषज्ञ हमेशा पहली सलाह रिटायरमेंट प्लान करने की देते हैं. क्योंकि 60 से 65 वर्ष के बाद आप काम करने में सक्षम नहीं रह पाते हैं.
इसलिए, अपने लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल को पूरा करने के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग करें. रिटायरमेंट को जीवन का सबसे अच्छा समय माना जाता है. लेकिन, अगर आप आर्थिक रूप से तैयार नहीं हैं, तो रिटायरमेंट के बाद आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
इसलिए कोशिश करें कि निवेश के अच्छे विकल्प चुनें. जैसे PPF, EPF, NPS और अन्य विकल्प. ये आपके सुरक्षित और गारंटी रिटर्न का वादा करते हैं.
आप एक अलग व्यक्तित्व हैं और आपकी जरूरतें, जोखिम लेने की क्षमता दूसरों से अलग हैं. आपकी जिम्मेदारियां और परिवार का प्रोफाइल दूसरों से अलग है.
इसलिए, आंख बंद करके दूसरों के इनवेस्टमेंट प्लान की नकल करना एक भारी गलती साबित हो सकती है. इसलिए आपको विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए और उसके हिसाब से निवेश के विकल्पों को चुनना चाहिए.
पैसों की बचत न करना आपकी वित्तीय गलती साबित हो सकता है. इसके चलते आपको भविष्य में आर्थिक और पैसों की कमी का सामना करना पड़ सकता है.
इसलिए, सबसे पहले बचत करना सीखें. अपनी सैलरी का 10 फीसदी तक के हिस्से को बचाना सीखें. 20 साल की उम्र पार करते ही थोड़ी थोड़ी रकम के तौर पर बचत करना सीखें. और जैसे जैसे आपकी कमाई बढ़ती जाए वैसे वैसे अपनी बचत की हिस्सेदारी बढ़ाते जाएं.
आपको अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा खर्च करनी की गलती से बचना चाहिए. अपने खर्चों को प्लान करते हुए उसके हिसाब से निवेश करें.
कोरोना महामारी में लोगों ने इमरजेंसी फंड की अहमियत को समझा. ये हर व्यक्ति को समझना चाहिए कि इमरजेंसी फंड सबसे ज्यादा जरूरी होता है.
कैश के रूप में अपने 4-6 महीने के खर्च की बचत के रूप में इमरजेंसी फंड तैयार होना चाहिए. ये कैश के तौर पर आपके सेविंग फंड में जमा होना चाहिए. इसका इस्तेमाल आप नौकरी जाने या अचानक आई विपदा में कर सकते हैं.
जीवन में ज्यादा कर्ज होना भी एक बड़ी समस्या पैदा कर सकता है.
क्रेडिट कार्ड का कर्ज आपके फाइनेंशियल प्लान में एक गड्ढे का काम कर सकता है. क्रेडिट कार्ड सबसे बुरा कर्ज होता है. ये पूरी तरह आपकी खरीदारी पर निर्भर होता है और इसमें सामान का मूल्य काफी कम होता है.
साथ ही, क्रेडिट कार्ड कंपनियां कर्ज पर सबसे ज्यादा दरें चार्ज करती हैं. क्रेडिट कार्ड कर्ज आपके लिए फाइनेंशियल मुसीबत का कारण बन सकता है. तो तत्काल इस कर्ज का निपटारा करें.
इसके साथ ही कोशिश करें कि ईएमआई आपकी कमाई का 25 फीसदी से ज्यादा हिस्सा नहीं हो. यह आप पर अधिक बोझ डालेगा और एक बार में लोन लेने की कोशिश न करें.
जीवन अनिश्चितताओं का नाम है. इसलिए इंश्योरेंस न लेना आपके जीवन की बड़ी भूल भी साबित हो सकता है. इसलिए कभी भी भूलकर ऐसी गलती न करें. अपनी जरूरत के हिसाब से इंश्योरेंस प्लान जरूर लें.
इंश्योरेंस को लेकर एक साधारण सा नियम है. केवल उस चीज का बीमा करें जिसे आप खोने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं. इसका मतलब कि आपके पास वाहन और घर को लेकर एक उचित बीमा जरूर होना चाहिए.
अगर आपके ऊपर दूसरे लोग आश्रित हैं तो लाइफ इंश्योरेंस जरूर लें. अपने परिवार के लिए कम से कम 60 लाख का टर्म इंश्योरेंस जरूर लें.
किसी भी प्रकार का मेडिकल इंश्योरेंस नहीं कराना एक बड़ी गलती साबित हो सकता है. आज के दौर में हेल्थ केयर सर्विसेज बेहद महंगी साबित हो रही हैं. इसलिए आज के महामारी के दौर में अच्छे कवर वाला इंश्योरेंस लेना अब बेहद जरूरी हो चला है.