आपने भी कराई है FD तो जान लें ये नियम, फायदे में रहेंगे आप, नहीं तो हाे जायेगा बड़ा नुकसान

FD: अगर आप मेच्योरिटी से पहले अपने FD को तुड़वाते हैं, तो आपको उसके लिए कई बार जुर्माने के रूप में कुछ भुगतान अदा करना होता है.

tax saving FD: these banks are offering interest rates of up to 6.75%

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में पांच साल या उससे अधिक की लॉक-इन अवधि होती है.

टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में पांच साल या उससे अधिक की लॉक-इन अवधि होती है.

FD: फिक्स डिपॉजिट हम में से हर कोई कभी न कभी जरूर कराता है. फिर भी हैरानी की बात ये है कि हम में से ज्यादातर लोगों को सही फिक्स डिपॉजिट (FD) कराने का चुनाव कैसे करना है, उसके बारे में जानकारी ही नहीं होती है.

ज्यादातर जिस बैंक में खाता हो, उस बैंक में एफडी करा देते हैं या ये देख लेते हैं की इंटरेस्ट कितना मिल रहा है, लेकिन इतना काफी नहीं है. आइए जानते हैं कि एफडी कराने से पहले कौन सी चीजें जानना जरूरी है.

यहां एफडी करा सकते हैं

बैंक के अलावा आप एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनी, को-ऑपरेटिव बैंक्स, स्मॉल फाइनेंस बैंक्स, कॉर्पोरेट डिपॉजिट्स में आप एफडी करवा सकते हैं.

सेफ्टी से समझौता न करें

कई बार हम ज्यादा ब्याज के लालच में ऐसी जगह एफडी करा लेते हैं, जिससे हमारा पैसा डूबने का खतरा बना रहता है. बैंकों के मामले में डिपॉजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) एक कस्टमर के अधिकतम 1 लाख रुपये की गारंटी देता है.

ऐसे में अगर आपके पास 3 से 4 लाख रुपये इनवेस्ट करने के लिए हैं, तो इस रकम को अलग-अलग बैंकों में एफडी करायें.

समय से पहले निकासी पर पेनल्टी

FD कराने से पहले आपको टेन्योर फिक्स करना जरूरी होता है. क्योंकि अगर आप मेच्योरिटी से पहले अपने FD को तुड़वाते हैं, तो आपको उसके लिए कई बार जुर्माने के रूप में कुछ भुगतान अदा करना होता है. ऐसे मामले में बैंक आपको 0.5 से एक फीसदी तक कम ब्याज देते हैं.

एफडी पर टैक्स कटौती का नियम

फिक्सड डिपॉजिट पर 0 से 30 फीसदी तक टैक्स कटता है. यह निवेशक के इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर कटता है. अगर आप एक साल में 10,000 रुपये से अधिक कमाते हैं, तो अपने एफडी पर आपको 10 फीसदी टैक्स देना होगा.

हालांकि, इसके लिए आपको अपने पैन कार्ड की फोटो कॉपी जमा करना होगी. अगर पैन कार्ड नहीं जमा किया जाता है, तो इसपर 20 फीसदी टीडीएस काट लिया जाता है. अगर निवेशक टैक्स कटौती से बचना चाहते हैं, तो इसके लिए उन्हें अपने बैंक को फॉर्म 15ए सबमिट करना चाहिए.

सीनियर सिटीजन्स के नाम एफडी कराएं

कई वित्तीय संस्थान और बैंक सीनियर सिटीजन को FD पर अधिक ब्याज की पेशकश करते हैं. अगर आप FD में निवेश कर रहे हैं और आप अधिक ब्याज दर का फायदा उठाना चाहते हैं, तो अपने घर के किसी वरिष्ठ नागरिक को इसमें सह-आवेदक बना सकते हैं.

क्युमुलेटिव और नॉन क्युमुलेटिव एफडी

दो तरह की एफडी होती है. क्युमुलेटिव-नॉन क्युमुलेटिव. क्युमुलेटिव मतलब मेच्योरिटी पर प्रिन्सिपल और इंटरेस्ट दोनों एक साथ मिल जाएंगे. जबकि नॉन क्युमुलेटिव में आपका प्रिन्सिपल एमाउंट उतना ही रहेगा.

आपका इंटरेस्ट मासिक, त्रिमासिक, छमासिक या वार्षिक आधार पर आपको मिलता रहेगा. ये उन लोगो के लिए हैं जिनकी सोर्स ऑफ इनकम नहीं है. इस तरह की एफडी में ब्याज कम रहता है.

Published - June 11, 2021, 02:32 IST