अपना घरेलू बजट बनाते हुए न दोहराएं ये गलतियां

Family Budget: बड़े खर्च ज्यादातर बजट का मेन फोकस होते हैं. लेकिन छोटे-छोटे खर्चों का हिसाब न रखना एक गलत कदम है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

Family Budget:

unsplash: यदि आप बहुत सीमित बजट बनाते हैं तो जल्द ही आप इससे अपना उत्साह खो देंगे. इसलिए एक पॉजिटिव एटिट्यूड अपनाएं. वेकेशन पर जाना और कभी-कभी बाहर खाना भी जरूरी है.

unsplash: यदि आप बहुत सीमित बजट बनाते हैं तो जल्द ही आप इससे अपना उत्साह खो देंगे. इसलिए एक पॉजिटिव एटिट्यूड अपनाएं. वेकेशन पर जाना और कभी-कभी बाहर खाना भी जरूरी है.

Family Budget: फैमिली के बजट को मैनेज करना मुश्किल नहीं है यदि आप देखें कि कितना पैसा आता है, आप कितना खर्च करते हैं और हर महीने कितना बचाते हैं. हम फ्यूचर के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं और लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल को पा सकते हैं, जैसे कि रिटायरमेंट या हमारे बच्चों की एजुकेशन क्योंकि यह फाइनेंस को मैनेज करना आसान बनाता है. जब लोग अपने लिए सही बजट बनाने में फेल हो जाते हैं, तो वो इसे छोड़ देते हैं. यदि आप बजट बनाने में कोई गलती करते हैं तो ये बड़ी मुश्किल पैदा कर सकता है. आइए कुछ कॉमन बजट से जुड़ी गलतियों को समझते हैं ताकि वो गलतियां आप न दोहराएं.

छोटे खर्चों का हिसाब नहीं रखना

बड़े खर्च ज्यादातर बजट का मेन फोकस होते हैं. भले ही यह महत्वपूर्ण हैं, लेकिन छोटे-छोटे खर्चों का हिसाब न रखना एक गलत कदम है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

उदाहरण के लिए, पार्किंग चार्ज, पैरों की मालिश, कार की सफाई का खर्च, या कोई खिलौने खरीदना आपको मामूली खर्च लग सकता है, लेकिन ये छोटे-छोटे खर्च एक साथ जोड़े जाने पर बड़ी रकम बन जाते हैं. इसलिए हर छोटे-बड़े खर्च का हिसाब रखें.

शुरू करने के लिए, एक छोटी नोटबुक या एक्सेल शीट में सभी दैनिक खर्चों का हिसाब रखें. दो या तीन महीनों के बाद, आप अपने सभी खर्चों को अच्छे से समझने लगेंगे और उन्हें कैटिगराइज भी कर सकेंगे.

सामाजिक दबाव

कुछ पारिवारिक खर्चों में सामाजिक दबाव की भी अहम भूमिका होती है. आपके सबसे करीबी दोस्त और परिवार के सदस्य वो स्टैंडर्ड बन जाते हैं जिसके साथ आप अपनी मटेरियल ग्रोथ की तुलना करने लगते हैं. बजट के इश्यू यहीं से शुरू होते हैं.

आपके पड़ोसी की आर्थिक स्थिति आपसे बेहतर होने की संभावना है. इसलिए किसी से तुलना करके कुछ खरीदने से बचें. वरना ये कदम आपकी आर्थिक स्थिति को खराब कर सकता है और आपको कर्ज के जाल में फंसा सकता है.

आइडियल स्ट्रेटजी ये है कि अपनी जरूरत और चाहत के आधार पर अपनी खरीदारी को कैटिगराइज करें. ये सोचें कि आप क्या खर्च कंट्रोल कर सकते हैं, बजाय इसके कि आप क्या कंट्रोल नहीं कर सकते.

उदाहरण के लिए, मॉडर्न लाइफ स्टाइल के हिसाब से एक परिवार के लिए दो कारों की जरूरत हो सकती है, लेकिन कभी-कभी केवल एक कार की आवश्यकता होती है.

कम्यूनिकेशन की कमी

कई परिवार, खास तौर से वो जिनमें दोनों पति-पत्नी जॉब करते हैं, उनका अलग-अलग फाइनेंशियल मैनेजमेंट होता है. ज्यादातर किसी घर में, पति परिवार के सभी खर्चों को उठाता होता है, जबकि महिला अपनी लाइफ स्टाइल पर खर्च करती है.

दोनों का एक साथ अपने फाइनेंस को लेकर बात-चीत करना बहुत जरूरी है. इससे न सिर्फ आपको अपनी आर्थिक स्थिती समझने में आसानी होगी बल्कि यह आपके लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल तक पहुंचने में भी आपकी मदद करेगा.

इस तरह चलने पर अगर कभी कोई अनहोनी भी होती है तो जीवित साथी परिवार के पैसे को मैनेज करने के लिए बेहतर स्थिति में होगा.

बहुत सीमित बजट

यदि आप बहुत सीमित बजट बनाते हैं तो जल्द ही आप इससे अपना उत्साह खो देंगे. इसलिए एक पॉजिटिव एटिट्यूड अपनाएं. वेकेशन पर जाना और कभी-कभी बाहर खाना भी जरूरी है.

इमरजेंसी रिजर्व

अचानक आया कोई बड़ा मेडिकल बिल या महंगी कार की मरम्मत जैसे खर्च आपकी सेविंग को खत्म कर सकते हैं. नतीजतन, इस तरह के खर्चों को कवर करने के लिए अपने मंथली बजट से अलग एक इमरजेंसी फंड बनाएं. सुनिश्चित करें कि यह आपके 4 महीने की सैलरी से ज्यादा हो.

डिसिप्लिन, प्रैक्टिस और अपनी गलतियों से सीखना सफल पारिवारिक बजट बनाने की कुंजी है. इसके अलावा, यह परिवार की जरूरत, फाइनेंस और प्राथमिकता में बदलाव के हिसाब से बदलता रहता है.

Published - October 23, 2021, 01:23 IST