बचत को खतरे में डाले बिना घर लेने के लिए कैसे जुटाएं डाउनपेमेंट? इन फैक्टर्स को ध्यान में रखने की है जरूरत

Down payment For Home: डाउन पेमेंट के लिए जितनी जल्दी हो सके बचत शुरू करें. बचत भी करंट सैलरी, संपत्ति की कीमत पर निर्भर करेगी.

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कई प्रोजेक्ट के ठेकेदारों ने भुगतान न मिलने के चलते दी काम बंद करने की धमकी. (Pixabay)

कई प्रोजेक्ट के ठेकेदारों ने भुगतान न मिलने के चलते दी काम बंद करने की धमकी. (Pixabay)

Down payment For Home: ज्यादातर लोग अपनी बचत का अधिकांश हिस्सा अपने घरों के डाउनपेमेंट (Down payment For Home) पर खर्च करते हैं.

जिसमें उनका म्यूचुअल फंड और एफडी जैसे लिक्विड इन्वेस्टमेंट के जरिए की गई बचत भी शामिल होती है. अपने सपनों का घर खरीदने के लिए आवश्यक 20% डाउन पेमेंट की रकम जुटाना आसान काम नहीं है.

अगर पहले से हम घर खरीदने की योजना बना लें, तो इस मुश्किल काम को आसान बनाया जा सकता है. अपने डाउन पेमेंट के लिए बचत करते समय कुछ फैक्टर्स को आपको ध्यान में रखना चाहिए.

ये होता है प्रभाव

यदि आप हर महीने जाने वाली EMI अपनी मंथली इनकम से आसानी से नहीं निकाल पाएंगे, तो अपना खुद का घर होने से जो सिक्योरिटी मिलती है उसका मजा नहीं ले पाएंगे.

घर खरीदने के प्रोसेस के दौरान तनाव महसूस करेंगे. अक्‍सर लोग डाउन पेमेंट की रकम भरने के लिए म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट की रकम का भी इस्तेमाल कर लेते हैं.

इन निवेशों का अपने घर खरीदने में इस्तेमाल करना गलत नहीं है, लेकिन समस्या तब शुरू होती है जब आपके पास कोई फाइनेंशियल एसेट नहीं रह जाता और EMI भरने के चलते आप कोई निवेश नहीं कर पाते.

जिसके चलते आपकी प्रॉपर्टी ही आपका एकमात्र सबसे बड़ा एसेट इनवेस्टमेंट रह जाता है, जो आपको कोई रिटर्न नहीं देता. कहने का मतलब है जब आप कोई घर लें तो ध्यान रखें कि डाउनपेमेंट और उसकी EMI आप अफोर्ड कर सकें.

घर खरीदने में शामिल दूसरी लागतों की अनदेखी नहीं करें.

ये शुल्क डाउन पेमेंट के अतिरिक्त देने होते हैं

घर खरीदते समय ध्यान रखें कि रजिस्ट्रेशन और उससे संबंधित लागत, जैसे कि स्टांप ड्यूटी और कभी-कभी ब्रोकरेज शुल्क, यदि ब्रोकर के जरिए से घर खरीदा जाता है, तो डाउन पेमेंट में शामिल नहीं होते हैं. ये शुल्क घर खरीदार को डाउन पेमेंट के अतिरिक्त देने होते हैं.

जल्दी शुरू करें

नए घर के डाउन पेमेंट के लिए जितनी जल्दी हो सके बचत शुरू करें. आपकी बचत भी आपकी करंट सैलरी, मंथली सेविंग और संपत्ति की कीमत पर निर्भर करेगी. अपने किसी भी अन्य गोल की तरह डाउन पेमेंट को भी अपने गोल में शामिल करें.

अगर आप बिना योजना के घर खरीदेंगे, तो आप अपनी लंबी अवधि की बचत को खतरे में डाल सकते हैं, जो भविष्य में आपको महंगी पड़ सकती है.

सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP, म्यूचुअल फंड या इक्विटी से जुड़े सेविंग प्रोग्राम के जरिए नियमित निवेश करके आप बचत की आदत डाल सकते हैं. इसके लिए लंबी अवधि की बचत रणनीति (लगभग 6-8 साल की) रखना समझदारी है.

Published - July 1, 2021, 01:10 IST