जानिए डिजिटल गोल्ड में क्यों नहीं करना चाहिए निवेश?

Digital Gold: वर्तमान में, भारत में कोई भी इंस्टीट्यूशन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है. ऐसा कहते है कि, डिजिटल गोल्ड स्पेस अनरेगुलेटेड है.

  • Team Money9
  • Updated Date - August 27, 2021, 09:10 IST
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पेटीएम मनी, ग्रो, अपस्टॉक्स, HDFC सिक्योरिटीज और मोतीलाल ओसवाल जैसे ऐप की लोगों में अच्छी पहुंच है. यदि वो किसी प्रोडक्ट को डिस्ट्रीब्यूटर कर रहे हैं, तो उनके यूजर्स उस पर ध्यान देते हैं. इसलिए कोई आश्चर्य नहीं कि जिस देश में लोग फिजिकल गोल्ड के शौकीन हैं वो डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) में निवेश कर रहे हैं. हालांकि, यह एक ऐसा स्पेस है जिसे अच्छी तरह से समझा नहीं गया है. इन ऐप्स के जरिए आप जो डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) खरीदते हैं, उसके साथ फिजिकल गोल्ड होना चाहिए. आसान शब्दों में, पेटीएम मनी, ग्रो और अन्य स्टॉक-ब्रोकिंग फर्मों के पास फिजिकल गोल्ड होना चाहिए, जिसकी डिजिटल फॉर्म वो अपने प्लेटफॉर्म पर बेच रहे हैं. वर्तमान में, भारत में कोई भी इंस्टीट्यूशन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है. ऐसा कहते है कि, डिजिटल गोल्ड स्पेस अनरेगुलेटेड है.

“डिजिटल गोल्ड यूनिट किसी भी रेगुलेटेड एन्टिटी द्वारा जारी नहीं की जाती हैं. ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया कहते हैं, “यह जांचने का कोई तरीका नहीं है कि डिजिटल गोल्ड सर्टिफिकेट फिजिकल गोल्ड के साथ है या नहीं.”

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने इस पर ध्यान दिया

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने इस पर ध्यान दिया है – लेकिन केवल सेबी-रजिस्टर्ड एन्टिटी के लिए. इसने स्टॉक-ब्रोकिंग फर्मों को इस प्रोडक्ट को बेचने पर रोक लगा दी है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने इस संबंध में अपने मेंबर्स को एक सरकुलर भेजा है, जिसमें कहा गया है कि डिजिटल गोल्ड बेचना सिक्योरिटी कॉन्ट्रेक्ट (रेगुलेशन) रूल, 1957 (“SCRR”) के रूल 8 (3) (f) का उल्लंघन है. इसका मतलब है कि डिजिटल गोल्ड इस एक्ट में डिफाइन सिक्योरिटीज की डेफिनेशन के अंतर्गत नहीं आता है.

सिंघानिया कहते हैं, “सेबी सर्कुलर सेबी-रजिस्टर्ड एन्टिटी के माध्यम से डिजिटल गोल्ड की बिक्री पर रोक लगाता है, क्योंकि यह सिक्योरिटीज कॉन्ट्रेक्ट (रेगुलेशन) रूल, 1957 में मेंशन सिक्योरिटी नहीं है. अनरेगुलेटेड एन्टिटी (अनियमित संस्थाएं) RBI के निर्देशों के अधीन, डिजिटल गोल्ड की बिक्री जारी रख सकती हैं.”

डिजिटल गोल्ड बेचना बंद करना होगा

इसका मतलब है कि जहां स्टॉक ब्रोकर, जो सेबी द्वारा रेगुलेट होते हैं, उन्हें डिजिटल गोल्ड बेचना बंद करना होगा, अन्य डिस्ट्रीब्यूटर जो सेबी द्वारा रेगुलेट नहीं हैं जैसे कि वॉलेट और इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म ऐसा करना जारी रखेंगे.

आपको क्या करना चाहिये?

अनरेगुलेटेड प्रोडक्ट से दूर रहने में ही समझदारी है. सिंघानिया नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (FT & MCX द्वारा प्रमोटेड) का उदाहरण देते हैं. कई निवेशक जिन्हें लगता था कि लेनदेन फिजिकल स्टॉक द्वारा समर्थित हैं, उन्हें धोखा दिया गया.

सिंघानिया कहते हैं, “हमारे कई ग्राहकों ने उस पर्टिकुलर टाइम में NSEL प्रोडक्ट में ट्रेड करने पर जोर दिया. यह देखते हुए कि NSEL14-15% प्रति वर्ष का बहुत ही आकर्षक रिटर्न दे रहा था, बहुत से लोग जो शेयरों में निवेश करने के खिलाफ थे, वो NSEL में ज्यादा इंटरेस्ट लेने लगे थे. हालांकि, हमने सतर्क रुख अपनाया और इसकी मेंबरशिप लेने से खुद को रोका”

कोई नहीं जानता कि किसी का डिजिटल गोल्ड वास्तव में फिजिकल गोल्ड से समर्थित है या नहीं. यदि आप डिजिटल गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो आप सीधे ऑगमोंट गोल्ड से संपर्क कर सकते हैं; MMTC-PAMP इंडिया (सरकारी MMTC और स्विस फर्म MKS PAMP के बीच ज्वाइंट वेंचर) और डिजिटल गोल्ड इंडिया. आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या गोल्ड म्यूचुअल फंड के लिए भी जा सकते हैं.

Published - August 27, 2021, 09:10 IST