बैंकिंग व PSU डेट फंड्स में 5.51% का रिटर्न मिला, क्‍या आपको करना चाहिए निवेश?

Banking-PSU Debt Fund: तीन और पांच वर्षों के दौरान बैंकिंग और पल्बिक सेक्टर डेट फंडों ने क्रमश: 5.38 %, 8.56%, और 7.57% का रिटर्न दिया.

Debt Fund:

image: pixabay, डेट म्यूचुअल फंड अचानक आए मुश्किल समय में इमरजेंसी फंड उपलब्ध कराता है. युवा पैसे बचाने के बजाय खर्च करना चाहते हैं. इस वजह से इमरजेंसी फंड बनाना मुश्किल है. ऐसे में जब मुश्किल समय आता है तो डेट फंड आपके लिए सेविंग अकाउंट के रूप में काम करेगा.

image: pixabay, डेट म्यूचुअल फंड अचानक आए मुश्किल समय में इमरजेंसी फंड उपलब्ध कराता है. युवा पैसे बचाने के बजाय खर्च करना चाहते हैं. इस वजह से इमरजेंसी फंड बनाना मुश्किल है. ऐसे में जब मुश्किल समय आता है तो डेट फंड आपके लिए सेविंग अकाउंट के रूप में काम करेगा.

Banking-PSU Debt Fund: ब्याज दरों और तरलता पर छाई अनिश्चितता के बीच, विशेषज्ञ का मानना है कि बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र की फंड स्कीमों का भविष्य अच्छा रहने वाला है. 20 सितंबर में वैल्यू रिसर्च ने डाटा जारी किया, जिसके अनुसार, बीते एक, तीन और पांच वर्षों के दौरान बैंकिंग और पब्लिक सेक्टर डेट फंडों ने क्रमश: 5.38 %, 8.56%, और 7.57% का रिटर्न दिया. PSU म्यूचुअल फंडों को अपने असेट का कम से कम 80 फीसदी हिस्सा बैंक, पीएसयू द्वारा जारी किए गए डेट फंडों में लगाना होता है.

उक्त डाटा के मुताबिक, पोर्टफोलियो को मजबूत बनाने के लिए फंड मैनेजरों ने मुख्य रूप से ऐसी महारत्न और नवरत्न कंपनियों पर फोकस किया, जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है.

चूंकि, सरकार इन कंपनियों की मालिक होती है, इसलिए इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट इन स्कीमों में पैसा लगाने को सुरक्षित मानते हैं. बीते एक वर्ष के दौरान बैंकिंग और पीएसयू डेट फंडों से औसतन 5.51 फीसदी का रिटर्न प्राप्त हुआ है.

सीमाएं?

-कम रिटर्न: डेट फंड पर इक्विटी फंड की तुलना कम रिटर्न प्राप्त होता है. साथ में, बैंकिंग व पीएसयू डेट फंड के निवेश पोर्टेफोलियो में बड़ी कंपनियों के डेट सिक्योरिटी शामिल होते हैं, इसलिए इनके शेयरों में बहुत ज्यादा उछाल आने की संभावना कम होती है. इन्हें भले ही निश्चित आमदनी प्राप्त होती है, किंतु यह सीमित होती है.

-साथ ही इन फंडों की होल्डिंग पीरियड एक और तीन सालों की होती है. इसलिए इन्हें लंबी अवधि के निवेश विकल्प नहीं माना जाता.

टैक्स का पहलू

इन फंडों के नेट असेट वैल्यू की बिक्री पर यदि निवेशक को लाभ प्राप्त होता है तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होता है, जो कि 20 फीसदी का होता है.

किन्हें निवेश करना चाहिए?

बैंकों पर आरबीआई और केंद्र सरकार का कड़ा नियंत्रण होता है, इसलिए निवेशक इसे निवेश का सुरक्षित विकल्प मानते हैं.

यदि आप तीन साल या इससे अधिक की अवधि के लिए सुरक्षित डेट म्यूचुअल फंड पर निवेश करना चाहते हैं तो, आप इन पर निवेश कर सकते हैं. इन पर आपको एफडी की तुलना में अधिक रिटर्न प्राप्त हो सकता है.

Published - September 22, 2021, 06:03 IST