कमाई का एक और जरिया, ई-चार्जिंग स्टेशन से मिलेगा लाखों का मुनाफा

ई-चार्जिंग स्टेशन लाखों रुपये का प्रॉफिट देने वाला बिजनेस बनकर आया है. जिसमें इतने ऑप्शन हैं कि जैसे चाहें, वैसे बिजनेस खड़ा कर सकते हैं.

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अभी तक पेट्रोल या सीएनजी फिलिंग स्टेशन को सबसे सेफ और लाइफ टाइम प्रॉफिट वाला बिजनेस माना जाता था. लेकिन बड़े इन्वेस्टमेंट और रोड किनारे जमीन लेने के साथ-साथ इस बिजनेस को शुरू करने में टाइम भी बहुत लगता है. इसलिए हर कोई चाहकर भी यह बिजनेस नहीं कर पाता. अब ऐसे ही लोगों के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन (E charging station) लाखों रुपये का प्रॉफिट देने वाला बिजनेस बनकर सामने आया है जिसमें इतने ऑप्शन हैं कि जैसे चाहें, वैसे आप अपना बिजनेस खड़ा कर सकते हैं. फिलहाल इस बिजनेस में प्रॉफिट कम हो सकता है लेकिन अगले पांच से 10 साल बाद जब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का मार्केट और तेज होगा तो यही कमाई सालाना 20 से 25 लाख रुपये तक हो सकती है, जानें कैसे

क्या हैं गवर्नमेंट रूल्स

सबसे पहले आप जान लीजिए कि ई चार्जिंग स्टेशन (E charging station) को लेकर गवर्नमेंट की ईवी पॉलिसी में बहुत अधिक रूल्स नहीं है. अगर आपके पास जमीन है तो ठीक, अगर नहीं है तो भी स्टेशन खोल सकते हैं. एक मीडियम स्टेशन के लिए पांच चार्जिंग यूनिट, एक ट्रांसफार्मर, बिजली कनेक्शन होना चाहिए . ध्यान रहे गाड़ियों के आने-जाने और खड़ी होने की पूरी जगह हो. एक चार्जिंग यूनिट छह फीट में आ जाती है और उसके बाद गाड़ी खड़ी करने की जगह, बस इतनी ही जमीन चाहिए. हालांकि छोटे स्टेरान के लिए एक या दो चार्जिंग यूनिट भी लगाई जा सकती हैं. इनके अलावा दो वर्कर जरूरी हैं जिनमें से एक कस्टमर्स की हेल्प के लिए ट्रेंड होगा. यह ऑप्शनल है, आप चाहें तो सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. ई चार्जिंग स्टेशन (E charging station) लगाने के लिए सरकार सब्सि‍डी भी देती है, हालांकि यह हर राज्‍य में अलग है.

फास्ट और लो यूनिट क्यों?

फास्ट चार्जिंग यूनिट यानी सीसीएस 50 Kwh क्षमता वाली होनी चाहिए. एक Cha demo मशीन की यूनिट भी इसी क्षमता की लगानी होगी. इनके अलावा लो चार्जिंग यूनिट टाइप 2 AC होगी, जिनकी क्षमता 22 Kwh होनी चाहिए. फास्ट चार्जिंग यूनिट से एक कार की बैटरी 80 से 90 फीसदी तक 40 मिनट में चार्ज होती है जबकि लो यूनिट को सात से आठ घंटे लगते हैं. फास्ट यूनिट 15 लाख रुपये तक में मिल जाती है, लो यूनिट दो से तीन लाख रुपये में है. सरकार स्मार्ट यूनिट भी ला रही है जिसकी कीमत करीब पांच से छह हजार रुपये हो सकती है.

शुरुआत कहां से करें?

एक EV कंपनी के एक्सपर्ट बताते हैं कि ”आप टू और थ्री व्हीलर को चार्ज कर सकते हैं. साथ ही आप ई कार को भी चार्ज कर सकते हैं. इनके लिए आपको बड़े स्पेस की जरूरत नहीं पड़ेगी. लेकिन बस और ट्रक के लिए आपको बड़ा स्पेस चाहिए. अगर आप ई स्टेशन का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो छोटे व्हीकल्स के ऑप्शन पर जा सकते हैं. बाद में डिमांड और बिजनेस बढ़ने पर आप इसे बढ़ा सकते हैं.”

जमीन की टेंशन नहीं

आपके पास जमीन नहीं है या फिर इन्वेस्टमेंट के लिए बजट नहीं है तो भी यह बिजनेस शुरू हो जाएगा. कई स्टार्टअप कंपनियां लैंड ओनर और इन्वेस्टर्स के बीच रिलेशन बना बिजनेस चला रही हैं. इसमें 50%, 30% और 20% प्रॉफिट के तीन मालिक होंगे. गुरुग्राम की स्टेटिक स्टार्टअप ऐसे भी अपना बिजनेस कर रही है. चार्जिंग यूनिट इंश्योरेंस में कवर होते हैं और बिजला का खर्च बचाने के लिए स्टेशन को सोलर एनर्जी से भी चला सकते हैं. इनके अलावा शॉपिंग मॉल्स, पब्लिक प्लेस इत्यादि जगह दीवार पर लगने वाली यूनिट्स भी आ रही हैं.

प्रॉफिट की कैलकुलेशन

मान लीजिए एक स्टेशन पर 50-50 Kwh की दो फास्ट चार्जिंग मशीनें लगी हैं और तीन 22Kwh की लो चार्जिंग मशीन लगी हैं. ये पांचों मशीन एक दिन में अगर 20 से  24 घंटे तक चलती हैं तो करीब-करीब 2940 यूनिट्स बिजली एक दिन में खर्च होगी. अभी तक प्रति यूनिट पर चॉर्जिंग स्टेशन की कमाई 2.5 से 3 रुपये मानी जाती है. इसलिए अगर प्रति यूनिट 2.5 रुपये ही लें तो 2940*2.5=7350 रुपये की कमाई एक दिन में होगी जोकि पूरे महीने में 2.20 लाख और सालाना 26.80 लाख रुपये (करीब 27 लाख रुपये) तक होगी. इसी कैलकुलेशन के साथ अगर आप मशीन की कीमत को छोड़ बाकी सभी इन्‍वेस्‍टमेंट अलग कर दें तो अनुमा‍न‍ित आंकड़ा 16 लाख रुपये तक का होगा जो आपका प्रॉफिट होगा.

Published - July 29, 2021, 01:08 IST