आदित्य बिड़ला म्यूचुअल फंड ने लॉन्‍च किया निफ्टी हेल्थकेयर ईटीएफ, इस तरह कर सकते हैं निवेश

Aditya birla sun life: फार्मास्यूटिकल सेक्टर की ग्रोथ 2021 में 4.84 लाख करोड़ से बढ़कर 2030 तक 12.88 लाख करोड़ हो जाने का अनुमान है.

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सिर्फ सेविंग करने से धनिक नहीं बन सकते, लेकिन सेविंग के साथ इंवेस्टमेंट करना आवश्यक हैं.

सिर्फ सेविंग करने से धनिक नहीं बन सकते, लेकिन सेविंग के साथ इंवेस्टमेंट करना आवश्यक हैं.

Aditya birla sun life: हेल्थ केयर सेक्टर को व्यापक रूप से एक मजबूत इकॉनमी की आधारशिला के रूप में जाना जाता है. नीति आयोग की 2021 में आयी रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती इनकम के साथ लोगों में स्वास्थ्य जागरूकता में वृद्धि, और अन्य कारणों से फार्मास्यूटिकल सेक्टर की ग्रोथ 2021 में 4.84 लाख करोड़ से बढ़कर 2030 तक 12.88 लाख करोड़ हो जाने का अनुमान है.

इसके अलावा भारत सरकार का इरादा 2025 तक स्वास्थ्य देखभाल के खर्च को GDP के 2.5% तक बढ़ाने और भारत को एक वैश्विक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्थापित करने का है. यह सब इंडीकेट करता है कि हेल्थ केयर सेक्टर तेजी से विस्तार के लिए अच्छी स्थिति में है.

हाल ही में, मई 2021 के महीने में एक्सिस म्यूचुअल फंड और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड द्वारा दो हेल्थकेयर ईटीएफ लॉन्च किए गए थे. एक्सिस हेल्थकेयर ईटीएफ और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल हेल्थकेयर ईटीएफ ने पिछले तीन महीनों में क्रमशः 1.4801% और 1.4836% (7 अक्टूबर 2021 तक) का रिटर्न दिया है.

हेल्थ केयर सेक्टर की ग्रोथ को देखते हुए, आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी लिमिटेड ने हाल ही में आदित्य बिड़ला सन लाइफ निफ्टी हेल्थकेयर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) लॉन्च किया है. यह एक ओपन-एंडेड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है, जो निफ्टी हेल्थकेयर टीआरआई इंडेक्स (टोटल रिटर्न इंडेक्स) के प्रदर्शन को दोहराने का प्रयास करता है.

आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC के एमडी और सीईओ बालासुब्रमण्यन के मुताबिक निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स अपनी बेस डेट से निफ्टी की तुलना में 9 गुना से ज्यादा बढ़ गया है. साथ ही इसने शॉर्ट-टर्म (3 साल) और लॉन्ग-टर्म (10 साल) दोनों में डबल डिजिट रिटर्न जेनरेट किया है.

इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी

इस फंड का उद्देश्य निवेशकों को लंबी अवधि में कैपिटल ग्रोथ प्रदान करते हुए हेल्थ केयर की विकास क्षमता का लाभ देना है. आदित्य बिड़ला सन लाइफ हेल्थकेयर ईटीएफ में निवेश करने से निवेशकों को निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स तक पहुंच मिलती है, साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रति एक्सपोजर भी मिलता है, जिसमें विकास की बड़ी संभावनाएं भी नज़र आ रही हैं और यह इकॉनमी का एक महत्वपूर्ण भाग भी है.

क्या कहना है मैनेजमेंट का

मैनेजमेंट का मानना है कि, क्योंकि यह एक पैसिव फंड है, जिससे यह निवेश लागत को कम करेगा और शेयर-समान व्यापार को लाभान्वित करते हुए स्टॉक चयन की आवश्यकता को समाप्त करेगा. साथ ही हेल्थकेयर ईटीएफ निवेशकों के लिए सेक्टर के विकास में भाग लेना आसान बना देगा.

आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC के एमडी और सीईओ ए बालासुब्रमण्यन के मुताबिक रेवेन्यू, एक्सपोर्ट्स और एम्प्लॉयमेंट जनरेशन के मामले में हेल्थकेयर भारत के प्रमुख क्षेत्रों में से एक बन गया है. यह वृद्धि हेल्थ केयर कंपनियों के बाजार प्रदर्शन में परिलक्षित भी होती है.

निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान

-इस फंड के लिए न्यूनतम आवेदन राशि 500 रुपए है और फिर उसके बाद 100 रुपए के गुणक में निवेश किया जा सकता है.

– सेबी (एमएफ) विनियमों के विनियम 52(6)(बी) के मुताबिक, एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड का निवेश और एडवाइजर शुल्क सहित कुल खर्च, योजना की दैनिक शुद्ध संपत्ति के 1% से अधिक नहीं होना चाहिए.

-यह योजना एक ओपन-एंडेड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड है जो नाइटी हेल्थकेयर टीआरआई पर नज़र रखती है.

– इस फंड में कोई एंट्री और एग्जिट चार्ज नहीं है. हालांकि, निवेशक को सेकेंडरी मार्केट के माध्यम से योजनाओं की यूनिट्स में लेनदेन करते समय बिड/आस्क की स्प्रेड और ब्रोकरेज की लागत और उसके ब्रोकर द्वारा लगाए गए किसी भी अन्य शुल्क को कवर करना होगा.

-क्योंकि यह फंड ‘बहुत अधिक जोखिम वाली कैटेगरी के अंतर्गत आता है, इसीलिए निवेशकों को किसी भी निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह ले लेनी चाहिए

Published - October 9, 2021, 12:12 IST