हम सभी जानते हैं कि जीवन बीमा (Life Insurance) हो या स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance), इनकम टैक्स के सेक्शन 80C और 80D के तहत टैक्स छूट मिलती है. जब आप इसके प्रीमियम का भुगतान करते हैं तो उस पर आपको गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लग जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रीमियम पर लगने वाले GST का भी फायदा टैक्स छूट के तौर पर ले सकते हैं? इनकम टैक्स नियमों के तहत इसकी सीमा और शर्तें तय हैं.
यदि आपकी पॉलिसी का प्रीमियम 21 हजार रुपये है तो 18 फीसदी GST के हिसाब से 3960 रुपये और चुकाने होंगे. इस तरह आपको कुल 24,960 रुपये का भुगतान करना होगा. आयकर नियमों के तहत स्वास्थ्य बीमा पर कुल 25 हजार रुपये तक की कर छूट ले सकते हैं. इस तरह आप कुल 24,960 रुपये की टैक्स छूट ले सकते हैं.
कैसे मिलेगा रिफंड?
अगर आपकी कंपनी कहती है कि आप GST का फायदा नहीं ले सकते, आपके डिक्लेयरेशन में उसको शामिल नहीं करता है तो आप अपना टीडीएस (TDS) कटने दें. जब आप अपना इनकमट टैक्स रिटर्न (ITR) भरेंगे तो ज्यादा टीसीएस के साथ रिटर्न भरकर अपना रिफंड ले सकते हैं.
टर्म प्लान में ऐसे करें आकलन
आयकर नियमों के तहत जीवन बीमा के प्रीमियम पर कुल 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट ले सकते हैं. हालांकि, जीएसटी भुगतान पर टैक्स छूट पॉलिसी के अनुसार अलग-अलग है. टर्म प्लान में 18 फीसदी जीएसटी लगती है. यदि आप 30 साल के हैं 20 वर्ष के लिए एक करोड़ रुपये के कवर वाला टर्म प्लान लेते हैं तो उसका प्रीमियम करीब नौ हजार रुपये होगा. इसमें 18 फीसदी जीएसटी जोड़ने के बाद कुल प्रीमियम 10,620 रुपये होगा. ऐसे में आप 10,620 रुपये की टैक्स छूट ले सकते हैं.
यूलिप में अलग नियम
शेयर बाजार से जुड़ी यूनिट लिंक्ड प्लान (यूलिप) का प्रीमियम पॉलिसी में निवेश और बाजार में निवेश दो हिस्से में बंटा होता है. इसमें जीएसटी केवल बीमा कवर वाले प्रीमियम, प्रबंधन खर्च और अन्य शुल्क को मिलाकर लगता है. इस तरह की पॉलिसी में निवेश के हिस्से पर कोई GST नहीं लगती है. यूलिप में जीएसटी की दर 18 फीसदी है.
परंपरागत पॉलिसी में कम GST
परंपरागत जीवन बीमा यानी एंडोवमेंट पॉलिसी, मनी बैक पॉलिसी, होल लाइफ पॉलिसियों और पेंशन प्रॉडक्ट्स में जीएसटी पहले साल के कुल प्रीमियम के 25 फीसदी हिस्से पर ही लगता है और इसकी दर 4.5 फीसदी होती है. इसके बाद आगे के वर्षों में इसपर कुल प्रीमियम पर 12.5 फीसदी GST लगता है. अंततः परंपरागत पॉलिसी में औसत जीएसटी 2.25 फीसदी रह जाता है.
अगर प्रीमियम रसीद पर GST का जिक्र न हो?
अक्सर प्रीमियम रसीद पर कंपनियां GST का जिक्र नहीं करती. रसीद पर सिर्फ प्रीमियम की राशि का जिक्र होता है. ऐसे में टैक्स पेयर को प्रीमियम पेमेंट से जुड़े डॉक्युमेंट को सुरक्षित रखना चाहिए. इस डॉक्युमेंट का इस्तेमाल प्रीमियम की राशि और उस पर लगे जीएसटी के सबूत के तौर पर किया जा सकता है.