इंश्योरेंस का चुनाव करने के पहले उसकी तुलना करना जरूरी है. इसी में आपकी मदद करता है इंश्योरेंस मुकाबला जिसमें दो बीमा प्लान के फीचर्स से लेकर प्रीमियम की लागत को रखते हैं आमने सामने.तो चलिए मुकाबला करवाते है इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा और जेवलीन थ्रोअर नीरज चोपड़ा का. आप हैरान हो सकते हैं कि कहां बीमा को कम्पेयर करते करते अब रोहित शर्मा और नीरज चोपड़ा आमने-सामने हैं. दरअसल ये दोनों स्पोर्टस पर्सनैलिटी उन दोनों बीमा कंपनियों को रिप्रेसेंट कर रहे हैं जिनकी हम बात कर रहे हैं. रोहित शर्मा पत्नी के साथ मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के स्मार्ट सिक्योर प्लस (Smart Secure Plus) का प्रचार करते हैं और नीरज चोपड़ा टाटा एआईए (TATA AIA) के Sampoorna Suraksha Supreme (SRS) Vitality Protect टर्म प्लान में- तो क्या जेवलीन यानी भाले पर बल्ला भारी पड़ेगा? अब बात करते हैं बीमा की.
हर व्यक्ति के लिए प्रीमयम एक जैसा नहीं होता. पॉलिसी खरीदने वाली की उम्र, कमाई, स्वास्थ्य से प्रीमियम तय होता है. हमने चुना है 30 साल के व्यक्ति का केस, सालाना इनकम है 8 लाख. धूम्रपान नहीं करता. कोई लोन नहीं है. घर का इकलोता कमाने वाला है. परिवार में बीवी औऱ बच्चा यानी तीन लोग हैं. दोनो ही कंपनी ऐसे व्यक्ति को एक करोड़ का टर्म प्लान देने के लिए तैयार है. अब एक एक करके दोनों को कम्पेयर करते हैं.
दोनों प्लान का क्या है आधार?
मैक्स के प्लान में मिल रहा है टू डेथ बेनेफिट. टू डेथ बेनिफिट का मतलब हुआ कि पॉलिसी होल्डर दो तरह से डेथ बेनेफिट कवर ले सकता है. निश्चित लाइफ कवर की एकमुश्त राशि या इंक्रीजिंग लाइफ कवर. निश्चित लाइफ कवर में पॉलिसी होल्डर पहले से ही रकम तय कर लेगा और उसके न रहने पर परिवार को व रकम मिल जाएगी. इंक्रीजिंग लाइफ कवर हर साल 5 पर्सेंट बढ़ता रहेगा. पॉलिसीहोल्डर बीमा क्लेम के पे आउट में भी तीन विकल्प में से एक चुन सकता है लंपसम पेमेंट, मंथली या फिर पार्ट लंपसम पार्ट मंथली. टाटा के प्लान में चार डेथ बेनेफिट के विकल्प हैं. इनमें पॉलिसी खरीदार को जीवन के अलग अलग चरण में सम एश्योर्ड को बढ़ाने का मौका मिलता है. यानी इंक्रीजिंग लाइफ कवर का फायदा. जैसे मैक्स दे रही है लेकिन इसमें ज्यदा तरह के विकल्प हैं. जैसे की शादी होने पर, बच्चे होने पर या बच्चे को एडॉप्ट करते हैं या होम लोन शुरू होगा तब सम एश्योर्ड को बढ़ा पाएंगे. क्लेम के पे आउट में भी लंपसम या फिर मंथली, क्वार्टरली या ईयरली पेमेंट का विकल्प मिलता है.
टर्मिनल इलनेस के लिए खास प्रावधान
मैक्स के प्लान में बिना किसी एकस्ट्रा पेंमेंट के जानलेवा बीमारी की स्थिति में पॉलिसी होल्डर को सम एश्योर्ड का पूरा 100% पेमेंट मिल जाएगा.
टाटा के प्लान के प्लान में इस फीचर में टर्मिनल इलनेस डायगनोज होने पर सम एशोयर्ड का केवल 50% पे कर दिया जाएगा.
कितना होगा प्रीमियम?
मैक्स के प्लान का प्रीमियम एक नॉन स्मोकर 30 साल के व्यक्ति के लिए है सालाना 12,744 रुपए. टाटा की पॉलिसी का प्रीमियम है 12,888 रुपए. एक बेसिक प्लान के प्रीमियम में दोनों में कोई खास अंतर नजर नहीं आ रहा है.
किस तरह के राइडर ले सकते हैं?
एक बेसिक प्लान को और ज्यादा इफेक्टिव बनाने के लिए आप फीचर्स जोड़ते हैं तो इसके राइडर खरीदने होते हैं जिसके लिए एकस्ट्रा पेमेट भा करना पड़ता है. बीमा कंपनी आपसे एक्सट्रा पैसे लेकर और फीचर्स एड करती हैं. टाटा के प्लान में भी राइडर जोड़ा जा सकता है. राइडर की कॉस्टिंग में दोनों पॉलिसी में खासा अंतर नजर आ रहा है. टाटा के प्लान में महज पांच रुपए मंथली पेमंट करके एक्सीडेंट में मृत्यु में परिवार को एक लाख का एकस्ट्रा पेआउट मिल सकता है.
क्लेम का निपटान
इंश्योरेंस रेगुलेटर की 2021-22 की एन्युअल रिपोर्ट बताती है कि मैक्स इंश्योरेंस का क्लेम सेटेलमेंट रेशियो इंड्स्ट्री में सबसे अच्छा है 99.3%. वहीं टाटा का स्कोर है 98.5 फीसद. इस मामले में कोई खास अंतर नहीं है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
प्रोमोर फिनटेक (Promore Fintech) की डायरेक्टर निशा सांघवी के मुताबिक राइडर्स के मामले में TATA AIA ज्यादा किफायती प्रोडक्ट दे रही है. लेकिन क्लेम प्रोसेसिंग में मैक्स कम समय में क्लेम देने के लिए जानी जाती है. मैक्स अंडरराइटिंग में काफी फैक्टर्स के बारे में पूछती है और ज्यादा जानकारी लेकर प्लान देती है इसलिए जब क्लेम लेने का वक्त आता है तो कम समय लेती है. आपको बीमा का चुनाव इस बिनाह पर करना चाहिए कि जिस शहर में आप रहते हैं वहां उस बीमा कंपनी का नेटवर्क कैसा है और उनके पार्टनर और एजेंट किस मुस्तैदी से क्लेम दिलवाने में मदद करते हैं.