हेल्थ इंश्योरेंस में क्या होता है वेटिंग पीरियड? इसे कम करने के लिए क्या करें?

पॉलिसी खरीदने के बाद से लेकर जब तक आप बीमा कंपनी से कोई लाभ का क्लेम नहीं कर सकते, उस अवधि को एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का वेटिंग पीरियड कहा जाता है.

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वुमेन इंश्योरेंस काफी पॉपुलर हो रहा है. मार्केट में महिलाओं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के कई कस्टमाइज्ड प्लान अवेलेबल हैं

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हेल्थ इंश्योरेंस की मांग कोरोना काल में कुछ ज्यादा बढ़ गई है. बीमारी का सामना किसी भी व्यक्ति या परिवार को करना पड़ सकता है. इलाज का खर्चा किसी भी परिवार का बजट बिगाड़ सकता है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस लेना एक फायदे का सौदा है. लेकिन जब हम हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं तो कंपनियां इसके लिए कुछ शर्त रखती हैं. इन्ही में से एक शर्त होती है वेटिंग पीरियड.

क्या होता है वेटिंग पीरियड?

दरअसल जब आप कोई हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं तो इसका मतलब यह नहीं होता कि आपको इंश्योरेंस लेने के अगले दिन बाद से ही बीमा कवर मिलने लगेगा. बल्कि, आपको क्लेम करने के लिए थोड़े दिन रुकना पड़ेगा. पॉलिसी खरीदने के बाद से लेकर जब तक आप बीमा कंपनी से कोई लाभ का क्लेम नहीं कर सकते, उस अवधि को एक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का वेटिंग पीरियड कहा जाता है. ये अवधि 15 से 90 दिनों तक की हो सकती है. आपको ऐसी कम्पनी से पॉलिसी लेनी चाहिए जिसका वेटिंग पीरियड कम हो.

बीमारी-विशेष वेटिंग पीरियड

एक हेल्थ पॉलिसी में कई विशिष्ट बीमारियों के लिए खास वेटिंग पीरियड होता है, जैसे कि ट्यूमर, ENT डिसऑर्डर, हार्निया, ओस्टियोपोरोसिस. इनके लिए एक से दो वर्ष तक का वेटिंग पीरियड हो सकता है. इन प्रत्येक बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड का विवरण, इंश्योरेंस कंपनी की पॉलिसी में साफ-साफ दिया जाता है.

साथ ही, हर इंश्योरेंस कंपनी के हिसाब से ऐसी बीमारियों के वेटिंग पीरियड भी अलग-अलग होते हैं. एक बीमारी-विशिष्ट प्लान खास बीमारियों के लिए कवरेज देता है, जिनमें कैंसर, डायबिटीज़, किडनी की बीमारियां, दिल की बीमारियां, हायपरटेंशन, स्ट्रोक और डेंगू की सभी स्थितियां – शुरुआत या गंभीर, शामिल होती हैं.

पुरानी बीमारियां

हेल्थ इंश्योरेंस प्लान में पुरानी बीमारियों को एक तय अवधि के बाद ही कवर किया जाता है. कुछ इंश्योरेंस कंपनियां 48 महीनों के बाद पुरानी बीमारियों का कवर करती हैं तो कुछ कंपनियां 36 महीने के बाद पुरानी बीमारियों को कवर करती हैं. अगर इस अवधि में आप पुरानी बीमारी की वजह से बीमार पड़ते हैं तो इलाज का खर्च आपको उठाना होगा. पॉलिसी खरीदते वक्त आपको पहले से मौजूद बीमारियों के बारे में बताना होता है.

मैटरनिटी वेटिंग पीरियड

कुछ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां ऐसी भी हैं जो मैटरनिटी यानि गर्भावस्था लाभ भी देती हैं, लेकिन इनका वेटिंग पीरियड 9 महीने से 36 महीने तक हो सकता है. अधिकतर मैटरनिटी प्लान 2-4 साल के वेटिंग पीरियड के साथ आते हैं और इसलिए हमेशा ग्राहकों को जल्द से जल्द पॉलिसी खरीदने की सलाह दी जाती है. वैसे कुछ इंश्योरेंस कंपनियां कम वेटिंग पीरियड की पेशकश भी करती हैं लेकिन इसके लिए अतिरिक्त प्रीमियम लेती हैं. यह ध्यान रहे कि मैटरनिटी लाभ वेटिंग पीरियड के दौरान नहीं क्लेम किये जा सकते.

वेटिंग पीरियड कम करने के लिए क्या करे?

यदि आपको लगता है कि किसी विशेष बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड अवधि बहुत लंबी है, तो आप अपनी जेब से थोड़ा अतिरिक्त भुगतान करके इसे कम कर सकते हैं. सबसे बेहतर हैं कि आप तीन चार पॉलिसियों की तुलना करें और सबसे कम वेटिंग पीरियड वाली पॉलिसी खरीदें.

Published - July 30, 2021, 06:25 IST