क्या होता है फर्स्ट और थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस, बीमा कराने से पहले जान लीजिए ये जरूरी बातें 

इंश्योरेंस बहुत जरूरी होता है. बिना वैलिड इंश्योरेंस के वाहन चलाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना या 3 महीने की कैद या दोनों हो सकते हैं.

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थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कंपल्सरी होता है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बिना आप अपने वाहन को सड़क पर नहीं चला सकते हैं

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कंपल्सरी होता है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बिना आप अपने वाहन को सड़क पर नहीं चला सकते हैं

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने नियमों में बदलाव किए हैं जिसके बाद सड़क पर अब बिना इंश्योरेंस (Insurance) के गाड़ी चलाना आपको महंगा पड़ सकता है. वाहन का बीमा, न केवल भारी चालान से बचने के लिए जरूरी है. बल्कि अनएक्सपेक्टेड खतरों बचाने में भी काम आता है. यह ड्राइवर और मालिक को चोरी या दुर्घटना जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से सुरक्षित रखता है. आपको बता दें कि मोटर बीमा दो प्रकार के होते हैं – फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी बीमा

ऐसे में आपका जानना बहुत जरुरी है की दोनों में से कौन सा बीमा आपके लिए फायदेमंद है और इन दोनों में क्या फर्क होता है. आइए जानते हैं इन इंश्योरेंस के बारे में-

क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस

जैसा कि नाम से पता चलता है, थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में बेनिफिट वाहन के मालिक के बजाय थर्ड पार्टी को मिलता है. इस बीमा में थर्ड पार्टी वह व्यक्ति होता है जिसको हुए नुकसान की भरपाई की जानी होती है. मान लीजिए कि आपकी बाइक या कार का दुर्भाग्यवश किसी अन्य बाइक या कार से एक्सीडेंट हो जाता है तो दुर्घटना में तीसरे पक्ष को हुए नुकसान की भरपाई आपकी बीमा कंपनी उठाती है. हालांकि, अगर आपका अपना वाहन क्षतिग्रस्त हो जाता है. या आप घायल हो जाते हैं. तो बीमा कंपनी के द्वारा आपको कोई सहायता नहीं मिलेगी. आपको यह भी बता दें कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कंपल्सरी होता है. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बिना आप अपने वाहन को सड़क पर नहीं चला सकते हैं.

अब जानते है क्या होता है फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस

फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस में सब कुछ कवर होता है. आपके अपने वाहन से लेकर स्वयं आपको को और तीसरे पक्ष को चोट लगने तक, बीमा कंपनी हर चीज का ध्यान रखती है. फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के तहत, अगर आपका वाहन चोरी हो जाता है या कुछ नुकसान हो जाता है, तो भी आप क्लेम कर सकते हैं. यह वाहन मालिक को साल में दो बार क्लेम जीरो डेप्रिसिएशन की अनुमति देता है. फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस ऑप्शनल होता है आप लेना चाहे तो ले , न लेना चाहें तो इसे अवॉयड भी कर सकते हैं. इस इंश्योरेंस का दायरा काफी बड़ा होता है. क्योंकि इसमें बीमा कंपनी दोनों पक्षों के नुकसान की भरपाई करती है.

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सरकार ने उन सभी लोगों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को कानूनी रूप से अनिवार्य कर दिया है जिनके पास वाहन है. नए नियमों के अनुसार बिना वैलिड इंश्योरेंस के वाहन चलाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना या 3 महीने की कैद या दोनों हो सकते हैं. अनिवार्य दुर्घटना बीमा के तहत दोनों प्रकार की बीमा योजनाओं के साथ न्यूनतम 15 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा लेना जरुरी है. फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस लेने से सड़क दुर्घटना कवर को 15 लाख रुपये से अधिक तक बढ़ाया जा सकता है. जबकि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में अनिवार्य दुर्घटना बीमा केवल 15 लाख तक ही मिलता है.

Published - August 3, 2021, 08:33 IST