निजी कंपनियों को टक्कर देने की तैयारी में युनाइटेड इंडिया, हेल्थ प्लान में किए ये जबरदस्त बदलाव

युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस ने निजी कंपनियों की तरह उसके फैमिली मेडिकेयर प्लान में रिस्टॉरेशन बनिफिट शामिल किया है और नो-क्लेम बोनस बढ़ा दिया है.

  • Team Money9
  • Updated Date - September 6, 2021, 02:30 IST
New features introduced in United India Insurance Family Medicare Policy

PIXABAY - फैमिली मेडिकेयर पॉलिसी में अब ICU शुल्क का भुगतान वास्तविक शुल्क के अनुसार किया जाएगा, जो पहले सिर्फ 2% था.

PIXABAY - फैमिली मेडिकेयर पॉलिसी में अब ICU शुल्क का भुगतान वास्तविक शुल्क के अनुसार किया जाएगा, जो पहले सिर्फ 2% था.

United India Insurance Family Medicare Policy: 83 साल पुरानी कंपनी युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के फैमिली मेडिकेयर पॉलिसी प्लान में काफी बदलाव किए गए है. पॉलिसी में पेश की गई कुछ नई सुविधाएं ग्राहकों के लिए अच्छा कदम हैं. कंपनी ने निजी कंपनियों की तरह रिस्टोरेशन बेनिफिट शामिल किया है और नो-क्लेम बोनस भी बढ़ा दिया है. यदि आप हेल्थ प्लान खरीदना चाहते हैं तो इस कंपनी के प्लान के बारे में विचार करना चाहिए, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले एजेंट का अन्य किसी व्यक्ति की सिफारिश पर आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए. स्वास्थ्य बीमा खरीद काफी व्यक्तिगत है. कोई भी उत्पाद आपके लिए उपयुक्त होगा या नहीं, यह तय करने के लिए सारे नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए.

यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस ने फैमिली मेडिकेयर पॉलिसी में कुछ परिवर्तन किया हैं और नए फीचर्स शामिल किए हैं, जो इस प्रकार हैंः

कमरे के किराए की उप-सीमा

AC कमरे का शुल्कः 5 लाख रूपये और अधिक सम इंश्योर्ड (SI) का 1% या सिंगल ऑक्युपेंसी स्टैंडर्ड वातानुकूलित कमरे के शुल्क, इनमें से जो भी अधिक हो. पहले यह बीमित राशि का केवल 1% था. यह स्पष्ट रूप से बिना किसी उप-सीमा के आदर्श से कुछ दूरी पर है, लेकिन अधिक लचीलापन प्रदान करता है। कुछ अस्पतालों के लिए, SI का 1% मानक AC कमरे से बेहतर पेशकश कर सकता है, और कुछ अस्पतालों के लिए, मानक AC सिंगल ऑक्युपेंसी एक बेहतर सौदा हो सकता है.

ICU शुल्कः 5 लाख रुपये और अधिक सम इंश्योर्ड है तो वास्तविक शुल्क के अनुसार ICU शुल्क का भुगतान किया जाएगा. यह पहले 2% था. कंपनी का यह बदलाव अच्छा हैं.

इन्हें किया गया शामिल

कमरे के किराए की उप-सीमा पर जो प्रतिबंध था उसे विस्तारित किया गया है और इसमें नर्सिंग केयर, RMO शुल्क, IV तरल पदार्थ/ब्लड ट्रांसफ्युजन, सर्जन, एनेस्थेटिस्ट, मेडिकल प्रैक्टिशनर, कंसल्टेंट्स, स्पेशलिस्ट फीस इत्यादि को शामिल किया गया हैं.

डे-केयर प्रक्रियाएं

डे-केयर (Day care) प्रक्रियाओं की संख्या लगभग 60 से बढ़ाकर 200 से अधिक कर दी गई है, जो एक अच्छा बदलाव हैं.

नो-क्लेम बोनस को बढ़ा दिया

कंपनी कोई दावा बोनस या बीमा राशि में वृद्धि की पेशकश नहीं करती है. आपके क्लेम करने के बाद यह बेनिफिट जीरो हो जाएगा. इसके बजाय कंपनी प्रीमियम पर छूट प्रदान करती है. पिछली छूट प्रत्येक दावा-मुक्त वर्ष के लिए 5% थी, जिसे पहले वर्ष में बढ़ाकर 5% और प्रत्येक बाद के वर्ष के लिए 15% कर दिया गया है.

सम इंश्योर्ड का रिस्टोरेशन

निजी कंपनियों की तरह युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस ने भी यह बेनिफिट शुरु किया हैं. इससे खरीदार प्रभावित हो सकते हैं. यदि पॉलिसी वर्ष के दौरान आप बीमित राशि (सम इंश्योर्ड) की सीमा का उपयोग कर लेते हैं और फिर किसी अन्य बीमारी की वजह से दूसरा क्लेम करना पडता हैं तो इस फीचर के तहत आपकी बीमित राशि को बहाल (restored) कर दिया जाता हैं.

अन्य परिवर्तन

– अंग दाता (Organ Donor) लाभः जब बीमित व्यक्ति दाता होता है तब सम इंश्योर्ड के 10% का एकमुश्त भुगतान चिकित्सा और अन्य आकस्मिक खर्चों की देखभाल के लिए बीमित व्यक्ति को देय होता है.
– अब रोबोटिक सर्जरी को कवर के तहत शामिल किया गया है, लेकिन कुछ सीमाओं के साथ.
– एम्बुलेंस कवरेज बढ़ा दिया गया है.
– मानसिक बीमारियों के लिए मेंटल अस्पताल में भर्ती (सीमाओं के साथ) शामिल कर दी गई हैं.
– मोतियाबिंद कवरेज बीमित राशि के 25% से घटा कर 10% तक कर दिया गया हैं और उसके लिए अधिकतम 50,000 रूपये प्रति आंख की सीमा तय की गई हैं.

Published - September 6, 2021, 02:30 IST