Travel Insurance: महामारी से बचने के लिए मार्च 2020 से लेकर आजतक हमने बड़ा वक्त घर पर बिताया है हालांकि कई लोगों ने घूमना भी शुरू कर दिया है. कई देशों ने विदेश यात्रियों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं. इस महामारी के चलते लोगों में रातों रात इंश्योरेंस को लेकर काफी जागरुकता भी आई है. बीते साल, रोक के बावजूद 45 लाख भारतीय यात्रियों ने अलग अलग जगहों पर सफर किया है. लेकिन ट्रैवल करने से पहले कॉम्प्रेहेन्सिव इंश्योरेंस कराना अब लोगों की पसंद बन गया है. विदेश यात्रा के दौरान अब लोगों के लिए Travel Insurance बहुत जरूरी हो गया है. मेडिकल खर्च से लेकर ट्रिप कैन्सिलेशन या विलंब या अन्य किसी कारण में, विदेश यात्रा बीमा कवरेज आपको किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में आपकी यात्रा को बर्बाद नहीं होने देगा.
सभी इंश्योरेंस कंपनियां जैसे TATA AIG, HDFC ERGO, बजाज आलियांज, गो-डिजिट और Bharti AXA छोटे और बड़े स्तर के लिए कॉम्प्रेहेन्सिव ट्रैवल इंश्योरेंस ऑफर करता है.
विदेश यात्रा के दौरान ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी कराना आपकी यात्रा को सुरक्षित और यादगार बनाता है. इसलिए अपनी अगली यात्रा से पहले ट्रेवल इंश्योरेंस लेने न भूलें और जानिए इससे जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां.
ट्रेवल इंश्योरेंस काफी सारे फायदों के साथ मिलता है. मेडिकल खर्च से लेकर ट्रिप कैंसिलेशन या देरी और बहुत कुछ, सभी एक ट्रैवल पॉलिसी में शामिल हैं.
आम तौर पर ट्रेवल इंश्योरेंस एक पर्सनल एक्सीडेंट केस में मेडिकल ट्रीटमेंट कवर करता है, पासपोर्ट का खोना, सामान का खोना में मदद के साथ, विजिटर वीजा पर काफी सुविधाएं देता है.
स्वास्थ्य संबंधी और एक्सीडेंट के मामले में, विदेश से वापस निकालने के लिए हजारों डॉलर खर्च हो जाते हैं. यहां तक कि एशियाई देशों में अस्पताल का खर्च 500 डॉलर से 1000 डॉलर रोजाना तक आ जाता है. उदाहरण के लिए, थाईलैंड के अस्पताल में इलाज का खर्च 500 डॉलर प्रति दिन आता है.
इससे तुलना करते हुए ये जरूर समझ में आ जाता है कि ट्रेवल इंश्योरेंस किसी भी यात्री के लिए क्यों इतना जरूरी है?
सभी कंपनियां इंटरनेशनल ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसी ऑफर करती हैं, जो आपके यात्रा शुरू करने से पहले यात्रा खत्म होने तक की होती है. उदाहरण के लिए अगर आप मुंबई से दुबई जा रहे हैं, तो आपका कवरेज तभी शुरू हो जाएगा, जब आपका विमान मुंबई से उड़ान भरेगा.
इस कवरेज में इमरजेंसी मेडिकल बिल के तहत आमतौर पर 1 लाख डॉलर तक का खर्च उठाया जाता है. इसमें अलावा रोगी और बाहरी मरीज, एम्बुलेंस, जांच, दवाओं का खर्च, डॉक्टर की फीस, मेडिकल इवेक्वेशन, और प्रत्यावर्तन और अन्य लागत शामिल हैं. जबकि कई कंपनी मेडिकल कवरेज के तहत 2 लाख डॉलर के इलाज तक की सुविधा देती हैं.
अस्पताल में एडमिट रहने के दौरान अगर आप 6 से 7 दिन अस्पताल में रहते हैं और आपकी फ्लाइट छूट जाती है तो होटल में रहने का खर्त और दूसरे खर्चे इस इंश्योरेंस कवरेज में शामिल होती है. इसके साथ ही वापस लौटने की फ्लाइट की टिकट भी मिलती है.
चेक-इन सामान का नुकसान, 12 घंटे से अधिक की देरी के लिए खर्च पॉलिसी के तहत कवर किया जाता है. फ्लाइट में देरी या कैन्सिलेशन के दौरान होने वाला पूरा खर्च इस इंश्योरेंस में कवर होता है. पासपोर्ट और आईडी के खो जाने या चोरी हो जाने पर रिम्बर्समेंट भी कवरेज के तहत आता है.
इस इंश्योरेंस के साथ पहले से मौजूद कोई भी बीमारी कवरेज में नहीं शामिल होगी. यात्रा पर जाने से पहले किसी भी इलाज या मेडिकल खर्च को इस इंश्योरेंस कवरेज में शामिल नहीं किया जाएगा.
खतरनाक खेल और एविएशन में शामिल एक्टिविटी जैसे, स्कूबा डाइविंग, बंजी जंपिंग, पैराशूटिंग, रेसिंग, डाइविंग, रॉक या माउंटेन क्लाइंबिंग, पैरासेलिंग, हैंग-ग्लाइडिंग, ऑफ-पिस्ट स्कीइंग, नौसेना, सैन्य या वायु सेना के ऑपरेशन इस पॉलिसी में शामिल नहीं होंगे.
ट्रेवल इंश्योरेंस को लेने के लिए आपकी उम्र 1 साल से लेकर 70 साल तक होनी चाहिए. एक साल छोटे या 70 साल से बड़ी उम्र के शख्स को इंश्योरेंस कवरेज नहीं मिलेगा.
पॉलिसीधारकों को भी एक राशि का भुगतान करना होगा क्योंकि हर अंतरराष्ट्रीय यात्रा पॉलिसी में डिफॉल्ट रूप से कटौती योग्य हिस्सा होता है.
पॉलिसीहोल्डर को इसका भुगतान करना होगा. नशीले पदार्थ के प्रभाव में होने वाली दुर्घटनाओं को भी इंश्योरेंस के तहत कवर नहीं किया जाएगा.
अगर आप विदेश जाने की योजना बना रहे हैं, तो आपको ट्रेवल इंश्योरेंस जरूर खरीदना चाहिए. लेकिन कम प्रीमियम वाले इंश्योरेंस तहत मिलने वाला कवरेज भी कम होगा, जो किसी विशेष परिस्थिति में उपयुक्त साबित नहीं हो सकता है. लेकिन ट्रेवल इंश्योरेंस तब भी कारगर है, जब आप देश में भी यात्रा कर रहे हैं.
इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक खासकर भारत में एक बड़ा वर्ग ऐसा है, जिनके पास बीमा नहीं है. ऐसे में देश और विदेश में यात्रा करने से पहले समझदारी के साथ फैसला लेना चाहिए.
ट्रेवल इंश्योरेंस पॉलिसियों को प्राथमिकता देनी चाहिए जो उन कोविड -19 के लिए होने वाली लागतों को कवर करती है.