कार या टू व्हीलर का हो गया एक्सीडेंट तो कैसे लें थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस क्‍लेम? ये है आसान तरीका

भारत में चलने वाले हर वाहन का थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस कवर अनिवार्य है. बिना थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के सड़क पर गाड़ी चलाना गैर-कानूनी है.

  • Team Money9
  • Updated Date - September 9, 2021, 01:05 IST
Bumper To Bumper Insurance:

बंपर टू बंपर इंश्योरेंस के कारण वाहन खरीदने वालों पर एक साथ बड़ा बोझ पड़ता, जिसका ऑटो कंपनियों ने विरोध किया था. 5 साल का बंपर टू बंपर इंश्योरेंस कराने के बाद वाहनों की कीमत 50,000 रुपये से बढ़कर 2,00,000 रुपये हो गई थी.

बंपर टू बंपर इंश्योरेंस के कारण वाहन खरीदने वालों पर एक साथ बड़ा बोझ पड़ता, जिसका ऑटो कंपनियों ने विरोध किया था. 5 साल का बंपर टू बंपर इंश्योरेंस कराने के बाद वाहनों की कीमत 50,000 रुपये से बढ़कर 2,00,000 रुपये हो गई थी.

भारत में चलने वाले हर वाहन का थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस कवर जरूरी है. बिना थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के सड़क पर गाड़ी चलाना गैर-कानूनी है. अक्सर वाहन दुर्घटना की खबर आती रहती हैं, लेकिन दुर्घटना से चोट लगने या मौत होने की स्थिति में थर्ड पार्टी कवर की सीमा नहीं बताई गई है. कोर्ट इस बात का फैसला करती है कि मुआवजे के तौर पर कितनी राशि मिलनी चाहिए और उसका भुगतान इंश्‍योरेंस कंपनी करती है. दुर्भाग्यवश अगर आपके वाहन से किसी को नुकसान पहुंचता है तो ऐसी हालत में आपको क्या करना होगा.

क्‍या है थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस?

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस मोटर वाहन अधिनियम के तहत जरूरी है. थर्ड पार्टी बीमा की आवश्‍यकता वहां होती है जब अनजाने में सड़क पर आप की वजह से कोई अनहोनी होती है. यह आपके वित्तीय बोझ को कम करता है. तीसरे पक्ष के दावे के मामले में पार्टी तय करने के लिए एक विशेष अदालत, मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल (MACT) स्थापित किया गया है जो दावों से संबंधित निर्णय की घोषणा करता है.

थर्ड पार्टी क्‍लेम का रजिस्‍ट्रेशन

थर्ड पार्टी क्‍लेम मोटर बीमा के मामले में दावों का सबसे सामान्य प्रकार है. थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के निपटान में MACT के साथ कानूनी प्रक्रियाएं भी शामिल होती हैं. इसलिए समय पर पुलिस को सूचित करने और FIR दर्ज कराने की जरूरत होती है. अगर आप वाहन के मालिक हैं तो तत्‍काल आपको नुकसान के बारे में अपनी बीमा कंपनी को सूचित करना चाहिए. इसके अलावा, थर्ड पार्टी क्‍लेम के मामले में कुछ दस्तावेज भी जरूरी होते हैं जैसे :

  • इंश्‍योर्ड पर्सन द्वारा हस्ताक्षर किया गया क्‍लेम फॉर्म
  • ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी, पालिसी और FIR की कॉपी
  • वाहन के आरसी की कॉपी
  • आवश्यक स्‍टांप यदि कंपनी के पंजीकृत वाहन के मूल दस्तावेज के मामले में
  • कॉमर्शियल वाहन के मामले में परमिट और फिटनेस, जहां लागू होता हो

इस तरीके से जल्‍द निपटा सकते हैं थर्ड पार्टी क्‍लेम की प्रक्रिया

दुर्घटना स्थल से वाहन हटाने से पहले तुरंत दुर्घटना और उसकी वजह से हुए नुकसान की एक फोटो क्लिक कर लें. क्‍लेम फॉर्म में विस्तार से और सही ढंग से घटना के बारे में जानकारी होनी चाहिए. सुनिश्चित करें कि घायल को नजदीकी अस्पताल में ले जाया जाए. अगर अस्पताल को भुगतान करना है तो बीमा कंपनी को तत्‍काल सूचित करें.

रजिस्‍ट्रेशन की समय-सीमा

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस क्‍लेम का जल्द से जल्द दर्ज किया जाना महत्वपूर्ण है. इसके लिए कोई लिखित नियम नहीं है, फिर भी दुर्घटना के 24 से 48 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचित करना जरूरी है. अगर आपका मामला अदालत में लंबित है, तब भी आपको लिए बेहतर होगा कि आप लगातार अपनी बीमा कंपनी के संपर्क में रहें.

परेशानी से बचने के लिए उठाएं ये कदम

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के दावों के शीघ्र निपटान में प्रमुख बाधा जागरूकता की कमी है. वाहन वाले किसी भी व्‍यक्ति को परेशानी से बचने के लिए कुछ अहम बातों की जानकारी होनी चाहिए.

सही समय पर सही व्यक्ति से मिलना महत्वपूर्ण है. अगर आपके दस्तावेज सही हैं, तो आप सीधे बीमा कंपनी से संपर्क कर सकते हैं. आपको अपना पूरा और संपर्क की सही जानकारी देनी चाहिए.

Published - September 9, 2021, 01:04 IST