Term Insurance: टर्म इंश्योरेंस का असल मकसद परिवार को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना होता है. यदि पॉलिसीधारक की असमय मृत्य हो जाए तो बीमित राशि परिवार को प्राप्त होता है, जिसकी मदद से वे सम्मानजनक तरीके से अपना जीवन बिता सकते हैं. इस बात में कोई शक नहीं है कि कोरोना महामारी ने हमें एहसास करा दिया है कि जीवन बीमा पॉलिसी कितना आवश्यक हो चुका है. इस महामारी ने जीवन की अनिश्चितता को खुलकर सामने ला दिया है. और हमें समझ में आने लगा है कि हमारे परिवार के लिए बीमा कितना महत्व रखता है. यदि आप अभी Term Insurance पॉलिसी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको इन बातों की जानकारी होना आवश्यक है:
टर्म इंश्योरेंस पूरी तरह से एक वास्तविक रिस्क कवर पॉलिसी होती हैं, जो पॉलिसीधारक को कवर प्रदान करती है. यह काफी किफायती होता है और यह निवेश का उत्पाद नहीं होता.
यदि पॉलिसीधारक, पॉलिसी की पूरी अवधि में जीवित रहता है तो उसे किसी तरह का रिटर्न प्राप्त नहीं होता. हां, यदि इस अवधि में उसकी असमय मृत्यु हो जाती है, तो नॉमिनी को बीमित राशि का भुगतान किया जाता है.
फिर भी, आप सर्वाइवल बेनेफिट प्राप्त करना चाहते हैं तो रिटर्न ऑफ प्रीमियम (ROP) प्लान भी होते हैं, जिसमें मैच्योरिटी होने पर आपके दिए गए कुल प्रीमियम को लौटा दिया जाता है.
किंतु, इस तरह की पॉलिसी नहीं लेनी चाहिए क्योंकि लंबी अवधि में यह महंगी साबित होती है.
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बीमा क्लेमों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ. इस वजह से बीमा कंपनियां अपनी शर्तों में बदलाव कर रही हैं.
संभव है कि यदि आप टर्म इंश्योरेंस लेने जा रहे हैं तो कंपनी आपको मेडिकल चेक-अप कराने को कह सकती है, ताकि यह पता चल सके कि आपको पहले से कोई बीमारी तो नहीं है.
पॉलिसी लेते वक्त, आपको स्पष्ट रहना चाहिए कि आपको कितने कवर की आवश्यकता है. इस सामान्य नियम यह है कि, यह बीमित राशि आपकी सालाना आय का 15-20 गुना होना चाहिए.
यदि पॉलिसीधारक की असमय मृत्य हो जाए तो बीमित राशि इतनी जरूर होनी चाहिए, जो कि उसके परिवार के लिए पर्याप्त हो.
यदि आप स्मोक करते हैं तो टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम करीब 50 फीसदी तक बढ़ जाता है. पॉलिसी लेते वक्त बीमा कंपनी को इस बात की जानकारी दे देनी चाहिए, क्योंकि यदि आपने बाद में इसकी जानकारी दी तो बीमा कंपनी आपके क्लेम को रद्द भी कर सकती है.