तो क्‍या नियमित योग करने वालों को हेल्थ इंश्योरेंस में मिल सकती है छूट, जानिए कैसे?

बतौर इंसेंटिव इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी होल्डर्स को अलग-अलग सर्विसेज दे सकती हैं. ये वैल्यू एडिशन उपभोक्ताओं को बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के मिलेगा.

So can regular yoga practitioners get a discount in health insurance, know how?

भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण ,बीमा करने वाली कंपनियों को वेलनेस बेनिफिट्स देने की छूट दे सकता है.

भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण ,बीमा करने वाली कंपनियों को वेलनेस बेनिफिट्स देने की छूट दे सकता है.

भारतीय बीमा नियामक विकास प्राधिकरण (The insurance regulatory development authority of India) बीमा करने वाली कंपनियों को वेलनेस बेनिफिट्स देने की छूट दे सकता है. यानी अब लाइफ इंश्योरेंस करने के साथ ही बीमाकर्ता कंपनी स्वास्थ्य लाभ से जुड़ी सुविधाएं भी दे सकेंगी. वहीं योग जैसी स्वास्थ्य लाभ देने वाली प्रेक्टिसेस को अपना कर पॉलिसी होल्डर्स रिन्यूअल के समय छूट भी हासिल कर सकते हैं.

वेलनेस के लिए ‘इनाम’

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले पर पूरी गाइडलाइन जारी करने से पहले IRDAI ने सभी बीमा कंपनियों को इसका मसौदा भेजा है. जिस पर बीमा कंपनियों को अपनी प्रतिक्रियाएं देनी हैं. इस मसौदे पर जवाब देने के लिए फिलहाल बीमा कंपनियों ने इसके लिए और समय की मांग की है.

प्रिवेंटिव और वेलनेस फीचर पर जो गाइडलाइन दी गई है उसके अनुसार बीमाकर्ताओं को वेलनेस फीचर अपनाने वाले उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करना होगा. जिसके लिए वे अपनी तरफ से कुछ इंसेंटिव दे सकते हैं.

बतौर इंसेंटिव इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी होल्डर्स को अलग-अलग सर्विसेज दे सकती हैं. ये वैल्यू एडिशन उपभोक्ताओं को बिना किसी अतिरिक्त भुगतान के मिलेगा. सिर्फ इतना ही नहीं अगर पॉलिसी होल्डर हेल्दी बिहेवियर दिखाता है तो बीमा कंपनी उसे रिन्यूअल पर डिस्काउंट भी दे सकती है. इसका रिकॉर्ड रखने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जा सकते हैं मसलन एक हफ्ते में कितनी बार योग किया गया, कैलोरी काउंट या हार्ट रेट चेक करके. बीमाकर्ताओं द्वारा ग्राहकों को वेलनेस प्रोग्राम में भी एनरोल किया जा सकता है.

डॉक्टर्स से ले सकेंगे सलाह

ये वेलनेस रिवॉर्ड प्रोग्राम उपभोक्ताओं को मेडिकली फिट रखने वाली एक्टिविटीज में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं. बीमा कंपनियां इस मामले में कुछ वियरेबल्स और हेल्थ एप्स का भी उपयोग कर रही हैं. जिसके जरिए उपभोक्ताओं को BMI, ब्लड शुगर मॉनिटरिंग, काउंसलिंग, पेडोमीटर, डॉक्टर के साथ वीडियो या फोन के जरिए कंस्लटेशन करवाया जा सकेगा. ये कंपनियां फीस में छूट देकर, डिजिटल बैज देकर भी उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित कर सकती हैं.

Published - October 26, 2021, 11:48 IST