एसबीआई जनरल इंश्योरेंस ने अपनी सबसे लोकप्रिय और कम लागत वाली स्वास्थ्य योजनाओं में से एक आरोग्य प्लस हेल्थ पॉलिसी को बंद कर दिया है. बीमा कंपनी न तो इसे रिन्यू कर रही है और न ही नई खरीद का समर्थन कर रही है. कंपनी की ओर से अचानक प्लान को बंद करना नियामक निर्देशों का उल्लंघन माना जा रहा है. हालांकि बीमाकर्ता की ओर से इसका सार्वजनिक तौर पर कोई खुलासा नहीं किया गया है.
पॉलिसी के अचानक बंद किए जाने से बीमाधारकों को या तो महंगे विकल्पों पर स्विच करना पड़ रहा है या उन्हें योजना को मजबूरन छोड़ना पड़ रहा है. एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के मुताबिक पॉलिसीधारकों और वितरकों का कहना है कि इंश्योरेंस कंपनी ने प्लान को बंद कर दिया है, लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. मगर कंपनी की वेबसाइट पर आरोग्य प्लस हेल्थ पॉलिसी का रिन्युअल नहीं हो रहा है और ना ही कोई नई पॉलिसी खरीद पा रहा है. ये नियामक नियमों का पूरी तरह से उल्लंघन है.
क्या है आरोग्य प्लस प्लान?
आरोग्य प्लस एक फ्लैट प्रीमियम पर एक तय बीमा राशि तक क्षतिपूर्ति के आधार पर कवरेज प्रदान करता है. पॉलिसी व्यक्तिगत आधार, पारिवारिक नॉन-फ्लोटर और पारिवारिक फ्लोटर बीमा राशि के आधार पर उपलब्ध थी. एसबीआई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीधारक को अस्पताल में भर्ती होने के दौरान किए गए खर्चों के लिए व्यापक बीमा कवरेज प्रदान करता है. इस प्लान के तहत बीमित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद में होने वाले खर्च, दैनिक देखभाल संबंधी उपचार और कई अन्य स्वास्थ्य खर्चों के लिए कवरेज मिलता है.
क्या है नियम?
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण की ओर से निर्धारित मानदंडों के अनुसार, किसी बीमाकर्ता को किसी खास प्रोडक्ट को वापस लेने या बंद करने से पहले नियामक से अनुमति लेना जरूरी होता है. बीमाकर्ता को मौजूदा पॉलिसीधारकों को 90 दिन का लिखित नोटिस देना होता है.