महंगी होती चिकित्सा सेवाओं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए हेल्थ इन्शुरन्स लेना जरूरी होता जा रहा है. ये आपको मेडिकल एमरजेंसी के समय तनाव और आर्थिक परेशानियों से बचाता है . इसके तहत आपात स्थिति में उपचार कराने के लिए आपको आर्थिक मजबूरी का सामना नहीं करना पड़ता है. अगर आपने अभी तक हेल्थ बीमा नहीं लिया तो आपको बता दें की कइ सरकारी और प्राइवेट कंपनियां है जो आपको मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा प्रदान कर रही है. आज हम आपको देश की सबसे बडी सरकारी बैंक एसबीआइ की आरोग्य प्लस पॉलिसी के बारे में बता रहे हैं.
SBI आरोग्य प्लस की खास बातें
एसबीआइ की आरोग्य प्लस पॉलिसी बाजार में उपलब्ध दूसरी मेडिकल पॉलिसीयों से थोडी अलग है. इसकी खास बात ये है की इसमें पॉलिसी लेते समय आप जो प्रीमियम चूकाते हैं वहीं प्रीमियम आपको पूरी लाइफ भरना है. यानी आपको 10 हजार प्रीमियम भरना है तो वो पूरी लाइफ के लिए होगा. जबकी दूसरी मेडिकल पॉलिसीयों में उम्र बढने के साथ साथे प्रीमियम बढता जाता है.
इस पॉलिसी की दूसरी खास बात हे नो केपिंग. यानी होस्पिटल के रुम रेंट पर कोइ केपिंग नहीं है. सामान्यतः मेडिकल इंश्योरेंस में रुम रेंट के लिए सम एश्योर्ड का 1 प्रतिशत और आइसीयु के लिए सम एश्योर्ड का 2 प्रतिशत की केपिंग होती है. इसके अलावा अलग अलग ट्रिटमेंट के लिए अलग अलग केपिंग होती है. लेकिन आरोग्य प्लस में एसी कोइ केपिंग नहीं है.
तीसरी खात बात ये है की इस पॉलिसी में 55 साल की उम्र तक कोइ मेडिकल टेस्ट नहीं है. यानी कोइ भी व्यक्ति 55 साल तक बिना मेडिकल टेस्ट किए इस पॉलिसी को ले सकता है.
इस पोलिसी के अंतर्गत आपको ओपीडी की कवरेज मिलती है. इसके अलावा इसमें 142 डे केयर कवरेज भी शामिल है. आम तौर पर सभी मेडिकल पॉलिसी में 24 घंटे होस्पिटलाइजेशन की कंडिशन होती है. अर्थात बीमाधारक को बीमा कंपनी इलाज का खर्च तभी देती है जब वो इसके लिए कम से कम 24 घंटे के लिए होस्पिटलाइज हुआ हो. इस से कम समय के लिए दाखिल होने पर कुछ नहीं मिलता. लेकिन आजकल कइ बीमारीयों का इलाज 24 घंटे के भीतर ही हो जाता है. एसी बीमारीयों की कवरेज डे केर के अंतगर्त होती है.
पोलिसी के अंतर्गत होस्पिटलाइजेशन से पहले 60 दिन तक और डिस्चार्ज होने के बाद 90 दिनो तक कंपनी आपके मेडिकल खर्च को कवर करेगी. एंबुलेंस का खर्च भी रु.1500 तक मिलता है.
इस पोलिसी में आप अपने बच्चे को कवर करते है तो उसका कवरेज 25 वर्ष की उम्र तक रहेता है. जबकी अन्य पॉलिसी में ये 21 वर्ष तक होती है.
कौन ले सकता है
इस पॉलिसी को 3 महिने से 65 साल का कोइ भी व्यक्ति ले सकता हैं. फ्लोटर पॉलिसी के अंतर्गत आप खुद को, अपने जीवन साथी को और दो बच्चों को कवर कर सकते हैं.
अन्य फीचर्स
पॉलिसी के अंतर्गत मिनिमम सम इंश्योर्ड 1 लाख रुपये और मेक्सिमम सम इंश्योर्ड 3 लाख रुपये है. इसमें 3 प्रीमियम है. (1) रु.8,900+GST (2) रु.13,350+GST(3) रु.17,800+GST
अगर आपको ओपीडी की कवरेज नहीं चाहिए तो पहला प्रीमियम ओप्शन यानी 8900 रुपये वाला विकल्प आपके लिए ठीक रहेगा. इस पॉलिसी में ओपीडी कवरेज एमाउंट 500 रुपये से 10,000 रुपये तक है. पॉलिसी की खास बात ये है की इस में अल्टरनेटिव ट्रीटमेंट का कवरेज है यानी आयुर्वेदिक, होमियोपेथी और युनानी चिकित्सा का कवरेज है लेकिन इसके लिए आपको सरकारी अस्पताल में इलाज कराना होगा.
अन्य कंपनीज के प्लान भी है उपलब्ध
जैसे हमने पहले बताया कइ सरकारी और प्राइवेट कंपनियां इस सेकटर में है. अगर आप एसबीआइ की आरोग्य प्लस नहीं लेना चाहते और किसी सरकारी कंपनी से बीमा कराना चाहते हैं तो इसमें न्यू इंडिया एश्योरेंस, युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस और ओरिएंटल इंश्योरेंस जैसी कंपनीयां शामिल है. प्राइवेट सेकटर में आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस, बजाज एलियांज हेल्थ इंश्योरेंस, भारती एक्सा, केयर हेल्थ, स्टार हेल्थ, रेलिगेर, अपोलो म्युनिख, एचडीएफसी इआरजीओ सहित दूसरी कंपनियों का रुख कर सकते हैं. हालांकी इसमें आपको अलग तरह के प्लान मिलेंगे.