पिछले साल की तरह इस वर्ष भी सामान्य बारिश की उम्मीद है. इस बात की पुष्टि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भी की है. बारिश से जहां खेती करने वालों को तो फायदा है, लेकिन इससे उन कार मालिकों के लिए चुनौतियां बढ़ सकती हैं जो भारी बारिश, बाढ़ और जल जमाव वाले क्षेत्रों में रहते हैं. मानसून में बारिश की वजह से कार को काफी नुकसान हो सकता है, उसके इंजन में पानी भी भर सकता है. ऐसे आकस्मिक खर्चों से बचने के लिए ऐड-ऑन कवर लेना फायदे का सौदा हो सकता है.
आप अपनी गाड़ी के इंश्योरेंस में ऐड ऑन कवर जोड़कर इसके इंजन समेत दूसरे महंगे पार्ट्स को बचा सकते हैं. इस तरह के इंश्योरेंस में आपको अमूमन सभी तरह के नुकसान का कवरेज मिलेगा. इससे बारिश से कार को होने वाले नुकसान पर आपको अपनी जेब ढीली नहीं करनी पड़ेगी. जानकारों का कहना है कि गाड़ी की सुरक्षा के लिए मानसून से पहले ही इसके रखरखाव पर ध्यान देना चाहिए. जिन लोगों के पास महज थर्ड पार्टी इंश्योरेंस है तो उन्हें कॉम्प्रिहेंसिव बीमा लेना चाहिए. साथ ही इसमें कुछ जरूरी ऐड ऑन कवर शामिल करना चाहिए. तो कौन-से वो ऐड ऑन हैं जो बीमा में शामिल करने चाहिए आइए जानते हैं.
इंजन की सुरक्षा के लिए कवर अमूमन कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी में पानी भरने से इंजन व गियर बॉक्स को होने वाले नुकसान का कवरेज नहीं मिलता है. ऐसे में ऐड ऑन कवरेज से इस भारी भरकम नुकसान से बचा जा सकता है. कुछ बीमा कंपनियां ऐड ऑन के तहत इंजन को होने वाली क्षति की भरपाई करते हैं. इनमें इंजन से जुड़े जरूरी पार्ट्स जैसे- सिलेंडर हेड, पिस्टन और क्रैंकशॉफ्ट आदि शामिल हैं. जिन लोगों ने अभी तक इंजन प्रोटेक्शन कवर नहीं लिया है उन्हें अपने बीमा में इसे तुरंत शामिल करना चाहिए, क्योंकि अगर बारिश से इंजन या उससे जुड़े पार्ट्स को बदलना पड़ें तो इसमें लाखों रुपए का खर्चा आ सकता है.
बैटरी प्रोटेक्शन कवर भी है जरूरी इलेक्ट्रिक कार लेने वालों को बीमा में बैटरी प्रोटेक्शन कवर जरूर शामिल करना चाहिए. क्योंकि बारिश या जल भराव में गाड़ी के डूबने पर बैटरी खराब हो सकती है. इस नुकसान की भरपाई के लिए अतिरिक्त बीमा काम आ सकता है. क्योंकि ईवी कार में बैटरी ही उसकी जान होती है इसलिए इसकी सुरक्षा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
काम का है जीरो डेप्रिसिएशन कवर मॉनसून के दौरान बारिश में सड़कों पर फिसलने की वजह से होने वाली सड़क दुर्घटना में गाड़ी को भी बहुत नुकसान पहुंचता है. ऐसे में जीरो डेप्रिसिएशन ऐड ऑन कवर आपके काफी काम आ सकता है. इसमें लगभग सभी तरह के खर्चों को कवर किया जाता है. यही वजह है कि इसे बंपर टू बंपर कवर भी कहते हैं. इसमें बीमा कंपनी पूरे नुकसान की भरपाई करती है. हालांकि इस बीमा में आपको बैटरी, टायर और ट्यूब पर महज 50 फीसद ही कवरेज दिया जाता है. इस तरह के इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम गाड़ी की उम्र यानी कार कितनी पुरानी है उसके आधार पर तय होता है.
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