रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (RGICL) ने डिजिटल केयर मैनेजमेंट नाम से OPD पॉलिसी पेश की है. इसके तहत आम आउटपेशेंट खर्चों को कवर किया जाएगा. प्रॉडक्ट को इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) की रेगुलेटरी सैंडबॉक्स (RS) गाइडलाइंस के तहत मंजूरी मिल गई है.
RS से मिली हरी झंडी में इंश्योरेंस कंपनी को नए और आधुनिक उत्पादों पर नियंत्रित तरीके से टेस्टिंग करने की अनुमति होती है. रेगुलेटर नियमों में कुछ रियायत भी बरतता है.
स्वास्थ्य से जुड़े खर्चों में OPD एक बड़ा हिस्सा बन चुका है. इससे जुड़े चार्ज महंगे होते हैं. देश में आउट-ऑफ-पॉकेट होने वाले खर्चों की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत जितनी विशाल है. विकसित देशों में यह 10-16 प्रतिशत के बीच होती है. दक्षिण अफ्रीका में यह केवल 7.72 पर्सेंट और चीन में लगभग 35 फीसदी है.
कोरोना महामारी के बाद से OPD ट्रीटमेंट से जुड़े खर्च और बढ़े हैं. भारतीय औसतन चार हजार से 10 हजार रुपये तक सालाना आउटपेशेंट इलाज में खर्च कर देते हैं. रिलायंस जनरल इंश्योरेंस की नई योजना में ऐसे ही आउट-ऑफ-पॉकेट एक्सपेंस को कवर किया जाएगा.
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के ED और CEO राकेश जैन का कहना है, ‘कोरोना वायरस के डर से लोग क्लीनिक या अस्पताल जाने से बच रहे थे. इसके चलते टेली मेडिसिन, ऑनलाइन फार्मेसी जैसे OPD इलाज के डिजिटल रास्ते निकल कर सामने आए. ऐसे में डिजिटल केयर मैनेजमेंट जैसे OPD पॉलिसी लाना समय की मांग बन चुका था, ताकि नए जमाने के तकनीक पसंद भारतीयों को आउट-ऑफ-पॉकेट खर्चों से बचाया जा सके.’
पॉलिसी में हजार रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक के खर्च को कवर किया जाएगा. इसका लाभ 18 से 75 साल के मरीज उठा सकते हैं. इसमें फैमिली फ्लोटर का भी विकल्प शामिल है. इसमें अधिकतम आठ सदस्यों को शामिल किया जा सकता है.
साथ ही, मौजूदा पॉलिसीधारकों को प्रीमियम पर पांच प्रतिशत की छूट दी जाएगी. कोरोना वैक्सीन लगवा चुके लोगों को अतिरिक्त पांच प्रतिशत डिस्काउंट मिलेगा.
OPD से जुड़े खर्चों को केवल रीइंबर्समेंट के जरिए क्लेम किया जा सकता है. पॉलिसीधारक ऐप के जरिए ऑनलाइन भी क्लेम फाइल कर सकते हैं. ऑनलाइन फॉर्म भर के और सभी जरूरी बिल-दस्तावेज उसके साथ लगाकर क्लेम हो सकता है.
रिलायंस डिजिटल केयर मैनेजमेंट आपकी आम स्वास्थ्य बीमा के साथ जोड़ा जा सकता है. इससे आपको अच्छा कवरेज मिल जाएगा. हालांकि, याद रखें कि इंश्योरेंस के तहत मिलने वाली राशि की तुलना में OPD के कवर महंगे होते हैं.