Premium: अगर आपने अभी तक लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी नहीं खरीदी है, तो आपको इसे जल्द से जल्द ले लेना चाहिए.
इंडस्ट्री के प्लेयर्स का मानना है कि कोविड -19 की दूसरी लहर के दौरान मृत्यु के दावों और अस्पताल में भर्ती होने के कारण अगले तीन से छह महीनों में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम (Premium) में बढ़ोतरी हो सकती है.
इसको देखते हुए बीमाकर्ता कोविड -19 की तीसरी लहर के लिए कमर कसने में लगे हैं. इसलिए उन्होंने प्रावधान बढ़ा दिए हैं.
महिंद्रा इंश्योरेंस ब्रोकर्स के एमडी वेदनारायणन शेषधारी के मुताबिक “मुझे लगता है कि अगले तीन से छह महीनों में हेल्थ और जीवन बीमा योजनाओं की कीमतें निश्चित रूप से सख्त हो रही हैं.
बीमाकर्ता रोगों की संख्या और मृत्यु दर का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं. ग्रुप बीमा पॉलिसियों में कीमतों में पहले ही 15-20% की बढ़ोतरी की जा चुकी है. इंडीविजुअल लाइफ और टर्म प्लान में भी संशोधन देखने को मिलेगा. ”
इंडियाफर्स्ट लाइफ इंश्योरेंस प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी आरएम विशाखा कहते हैं कि “कोई नहीं जानता कि कोविड -19 की स्थिति क्या रहेगी.
कोविड -19 की दूसरी लहर के बाद भी कीमतों में वृद्धि नहीं की है. अगर तीसरी लहर है और टीकाकरण अभियान प्रत्याशित रूप से आगे नहीं बढ़ता है, तो प्रीमियम में वृद्धि हो सकती है, लेकिन मुझे उम्मीद है कि टीकाकरण सुचारू रूप से चलेगा. ”
कोविड-19 से बीमा कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है. नाम नहीं छापने की शर्त पर इंडस्ट्री से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि “यहां तक कि बड़े लोग जो लगातार 10 वर्षों से मुनाफा दर्ज कर रहे थे, उन्हें भी नुकसान हुआ है.
तीसरी लहर की उम्मीद के साथ कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं. ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे बीमा कंपनियां मौजूदा कीमतों पर टिके रह सकें.
इधर, विशाखा का कहना है कि अनुभव के आधार पर प्रावधानों को समायोजित करना एक सामान्य प्रथा है. “कोविड की मौतों के कारण दावों में 30% की वृद्धि हुई.
इसी तरह, मैक्स बूपा हेल्थ इंश्योरेंस ने पर्याप्त रिजर्व और स्वस्थ सॉल्वेंसी अनुपात 2.2% बनाए रखा है. मैक्स बूपा के निदेशक अंडरराइटिंग, प्रोडक्ट और क्लेम भाबातोष मिश्रा को लगता है कि कोविड -19 का प्रभाव क्षणिक होगा.
“कोविड -19 के दावों में उछाल पहली और दूसरी लहर के दौरान कम रहा है. मुझे उम्मीद है कि तीसरी लहर में भी ऐसा ही होगा. ”
स्वास्थ्य बीमाकर्ता का कहना है कि उसने कोविड -19 की पहली लहर और दूसरी लहर के बाद भी कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की. “हमने 2019 में भी कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की थी, जब IRDA ने प्रीमियम में 5% की बढ़ोतरी की अनुमति दी थी.
अगर हम कीमतों में संशोधन करते हैं, तो अकेले कोविड -19 इसका कारण नहीं होगा. कोविड-19 का प्रभाव सीजनल है. हमारे मूल्य निर्धारण में, हम लांग टर्म फैक्टर्स और पिछले अनुभव को देखते हैं.