ऊंची पेंशन से कम हो जाएगी PF की रकम

एक्सपर्ट की राय, सोच समझ कर ही चुनें ज्यादा पेंशन का विकल्प.

ऊंची पेंशन से कम हो जाएगी PF की रकम

पिछले कई महीनों से प्रोविडेंट फंड में ज्‍यादा पेंशन मिलने की खबर काफी चर्चा में है. ज्‍यादा पेंशन मिलने की बात सुनकर बहुत से लोग इसके प्रति आकर्ष‍ित हुए हैं. लेकिन जानकार यह चेतावनी दे रहे हैं कि अगर कोई कर्मचारी ज्‍यादा पेंशन (EPS) का विकल्‍प चुन रहा है तो उसे काफी सोच-विचार कर ऐसा करना चाहिए. इसकी वजह यह है कि ज्‍यादा पेंशन के लिए अप्‍लाई करने वालों के पीएफ फंड से अच्‍छी खासी रकम कट जाएगी.

एम्‍प्‍लॉइज प्रोविडेंट फंड एंड मिसलेनियस प्रोविजन एक्‍ट के तहत कर्मचारी और नियोक्‍ता दोनों को बेसिक वेतन का 12% योगदान करना होता है. कर्मचारी का पूरा 12% भविष्‍य निधि यानी PF में जाता है, जबकि नियोक्‍ता का 8.33% हिस्‍सा कर्मचारी पेंशन स्‍कीम में और बाकी 3.67% पीएफ में जाता है. लेकिन यह बात ध्‍यान देने की है कि सब्‍सक्राइबर को जहां रिटायरमेंट होने पर ज्‍यादा पेंशन मिलेगी, वहीं उनके पीएफ

अकाउंट में जमा निधि काफी कम हो जाएगी.

तीन मई को सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि जो कर्मचारी ऊंची पेंशन का विकल्‍प चुनेंगे, उनको कर्मचारी पेंशन स्‍कीम यानी EPS में बेसिक सैलरी का 9.49 हिस्‍सा देना होगा. यह पहले के तय 8.33 फीसदी के मुकाबले 1.16 फीसद ज्‍यादा है. इस तरह नियोक्ता के अंशदान का बड़ा हिस्सा पेंशन खाते में चला जाएगा. लेकिन यह भी गौर करने की बात है कि यह नियम 1 सितंबर 2014 से ही मान्‍य हो रहा है, इसलिए ऐसे निवेशकों के पीएफ से बड़ा हिस्‍सा इसके लिए काट लिया जाएगा. जो कर्मचारी ज्‍यादा पेंशन विकल्‍प चुनेंगे, उनको सैलरी के अतिरिक्‍त 1.16% योगदान पर ब्‍याज भी नहीं मिलेगा. यह अतिरिक्‍त योगदान 1 सितंबर 2014 से ही लागू होगा. यही नहीं इस अतिरिक्‍त योगदान पर जो ब्याज मिला होगा, वह भी वापस ले लिया जाएगा.

एक्सपर्ट की राय

पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट जितेन्द्र सोलंकी कहते हैं कि ऊंची पेंशन के विकल्प को लेकर अब भी कई तरह की भ्रांतियां हैं. आपको को किस हिसाब और कितनी पेंशन मिलेगी, इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है. अगर आप ऊंची पेंशन का विकल्प चुन रहे हैं तो इस बात को अच्छी तरह से समझ लें कि आपके पीएफ का कॉर्पस काफी कम हो जाएगा. इस रकम पर सभी लघु बचत योजनाओं की तुलना में सबसे ज्यादा ब्याज मिल रहा है. यही नहीं, इस रकम पर मिलने वाला रिटर्न पूरी तरह टैक्स फ्री है जबकि पेंशन से होने वाली आय टैक्स के दायरे में आएगी. इससे आपका शुद्ध रिटर्न घट जाएगा. इसलिए ऊंची पेंशन के लिए सोच समझ कर ही विकल्प चुनें.

Published - May 14, 2023, 08:45 IST