Cashless Everywhere: हेल्थ इंश्योरेंस वालों के लिए कैशलेस इलाज में नेटवर्क हॉस्पिटल की अवधारणा अब खत्म हो गई है. यानी अब हेल्थ इंश्योरेंस रखने वाले लोग कहीं भी किसी भी अस्पताल में कैशलेस इलाज करा सकेंगे. जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (जीआईसी) ने कैशलेस एवरीव्हेयर मुहिम की शुरुआत की है जिसके तहत हेल्थ पॉलिसीहोल्डर्स किसी भी अस्पताल में अपना कैशलेस इलाज करा सकेंगे. पॉलिसीहोल्डर्स को पहले की तरह उनके पॉलिसी नेटवर्क के अस्पतालों के चक्कर कटाने की जरुरत नहीं होगी अब वे किसी भी अस्पताल में कैशलेस इलाज करवा सकेंगे.
पॉलिसीहोल्डर को होती थी ऐसी दिक्कत
गौरतलब है कि अब तक हेल्थ इंश्योरेंस रखने वाले लोगों को कैशलेस इलाज की सुविधा सिर्फ उन ही अस्पतालों में मिलती थी जो उनके बीमा कंपनी के नेटवर्क में शामिल होते थे. किसी भी परिस्थिति में अगर कोई अन्य अस्पताल में इलाज करवाए तो उसे अपने पॉकेट से भुगतान करना पड़ता था. इसके बाद, पॉलिसीहोल्डर बीमा कंपनी के पास क्लेम करता था फिर उसके सत्यापन के बाद उसे पैसे मिलते थे. यह एक बहुत ही लंबा और जटिल प्रोसेस था.
दरअसल, इलाज पूरा होने और उसके बाद पॉलिसीहोल्डर की तरफ से क्लेम करने में ही काफी समय लग जाता था.इसके बाद, बीमा कंपनियां अपनी प्रक्रिया शुरू करती थीं. कंपनियों की तरफ से क्लेम के सत्यापन में भी समय लग जता था. कुल मिलाकर पॉलिसीहोल्डर्स को इलाज के लिए पैसे का इंतजाम ही करना पड़ता था . इस पूरी प्रक्रिया में पॉलिसी होल्डर को बीमारियों से फाइनेंशियल सिक्योरिटी दिलाने का जो हेल्थ इंश्योरेंस का एक अहम उद्देश्य है वो पूरा नहीं हो पाता था.
बीमा कंपनियों से परामर्श के बाद निर्णय
जीआईसी ने इसीलिए कैशलेस ट्रीटमेंट के मामले में नेटवर्क की पाबंदियां हटाने का फैसला किया है. काउंसिल ने कैशलेस एवरीव्हेयर इनिशिएटिव की शुरुआत करने से पहले जनरल व हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के साथ विचार-विमर्श किया. हेल्थ इंश्योरेंस होल्डर किसी भी अस्पताल में बिना पैसों के इंतजाम की चिंता किए बिना अपना इलाज करा सकें, इसके लिए काउंसिल नई व्यवस्था लाइ है.
कैशलेस एवरीव्हेयर का कैसे मिलेगा लाभ?
नई व्यवस्था में कैशलेस एवरीव्हेयर का लाभ लेने के लिए इमरजेंसी के मामलों में भर्ती होने के 48 घंटे के भीतर इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करना होगा. अगर किसी के साथ इमरजेंसी केस नहीं है तो उन्हें इंश्योरेंस कंपनी को भर्ती होने के 48 घंटे पहले इंफॉर्म करना होगा. साथ ही, कस्टमर के पास जो इंश्योरेंस पॉलिसी है, उसमें क्लेम एडमिसिबल होना चाहिए. कस्टमर की पॉलिसी में कैशलेस फैसिलिटी इन्क्लूडेड होनी चाहिए. यानी पॉलिसी लेते समय इन दिए गए बातों का ध्यान जरूर रखें.